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दक्षिण भारत: चोल साम्राज्य एवं अन्य

चोल साम्राज्य और दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख राजवंशों पर MCQs हल करें। चोल, चालुक्य और पल्लव वंश के प्रशासन और कला के बारे में जानें।

Medieval History - दक्षिण भारत: चोल साम्राज्य एवं अन्य
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1. किसने कन्नड़ काव्य-शास्त्र की प्राचीनतम कृति 'कविराजमार्ग' की रचना की ?
  • A.कृष्ण I
  • B.अमोघवर्ष
  • C.ध्रुव (धारावर्ष)
  • D.गोविन्द ।I।
Answer: राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष प्रथम एक महान विद्वान थे और उन्होंने कन्नड़ भाषा में काव्यशास्त्र पर पहली उपलब्ध पुस्तक 'कविराजमार्ग' की रचना की थी।
2. पल्लवों के एकाश्मीय रथ मिलने का स्थान है
  • A.कांचीपुरम
  • B.पुरी
  • C.महाबलिपुरम
  • D.आगरा
Answer: महाबलिपुरम में पल्लवों द्वारा निर्मित 'पंच पांडव रथ' प्रसिद्ध हैं, जिन्हें एक ही चट्टान (एकाश्म) से तराश कर बनाया गया है।
3. राष्ट्रकूटों को किसके द्वारा उखाड़ फेंका गया था ?
  • A.जयसिंह
  • B.पुलकेशिन II
  • C.विक्रमादित्य VI
  • D.तैलप II
Answer: तैलप द्वितीय, जो राष्ट्रकूटों का सामंत था, ने 973 ई. में अंतिम राष्ट्रकूट राजा कर्क द्वितीय को हराकर कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना की।
4. रुद्राम्बा किस राजवंश की प्रसिद्ध महिला शासक थी ?
  • A.काकतीय
  • B.यादव
  • C.होयसाल
  • D.पांड्य
Answer: रानी रुद्रमा देवी 13वीं सदी में वारंगल के काकतीय राजवंश की एक वीर और कुशल शासिका थीं। वे भारत की कुछ महिला शासकों में से एक हैं।
5. किसने मान्यखेत / मालखेद को राष्ट्रकूट राज्य की राजधानी बनायी ?
  • A.धारावर्ष
  • B.अमोघवर्ष
  • C.कृष्ण ।
  • D.गोविन्द ।I।
Answer: राष्ट्रकूट शासक अमोघवर्ष प्रथम ने अपनी राजधानी को मान्यखेत (वर्तमान मालखेड) में स्थापित किया, जो एक समृद्ध नगर बन गया।
6. ऐहोल का लाढ़ खाँ मंदिर किस देवता को समर्पित है?
  • A.शिव
  • B.विष्णु
  • C.सूर्य
  • D.इनमें से कोई नहीं
Answer: हालांकि बाद में इसे शिव मंदिर में बदल दिया गया, पर इतिहासकारों का मानना है कि ऐहोल का लाढ़ खाँ मंदिर मूल रूप से सूर्य देव को समर्पित था।
7. 'परैया' का अर्थ है
  • A.अछूत
  • B.ब्राह्मण
  • C.क्षत्रिय
  • D.वैश्य
Answer: चोलकालीन समाज में 'परैया' एक सामाजिक समूह था जिसे अस्पृश्य या अछूत माना जाता था और वे गाँव के बाहर बसते थे।
8. यादव सम्राटों की राजधानी कहाँ थी ?
  • A.द्वारसमुद्र
  • B.वारांगल
  • C.कल्याणी
  • D.देवगिरि
Answer: यादव वंश की राजधानी देवगिरि (आधुनिक दौलताबाद, महाराष्ट्र) थी, जो एक शक्तिशाली और समृद्ध किला था।
9. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (राज्य)A. वातापी के चालुक्य /मूल चालुक्य B. वेंगी के चालुक्य / पूर्वी चालुक्यC. कल्याणी के चालुक्य / पश्चिमी चालुक्य D. कांची के पल्लव सूची-II (संस्थापक)1. पुलकेशिन I 2. कुब्ज विष्णुवर्धन 3. तैलप II 4. सिंहविष्णु कूट:
  • A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
  • B.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
  • C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
  • D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
Answer: यह दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंशों और उनके संबंधित संस्थापकों का सही मिलान है।
10. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (राजवंश) A. काकतीयB. यादवC. होयसाल. सूची-II (वास्विक संस्थापक)1. प्रोलराज ii2. भिल्ल्म पंचम3. विट्टीगदेव विष्णुवर्धन
  • A.A → 1, B → 2, C →3 ,
  • B.A → 3, B → 2, C → 1,
  • C.A → 2, B → 1, C → 3,
  • D.A → 1, B → 3, C → 2,
Answer: यह दक्षिण के मध्यकालीन राजवंशों और उनके वास्तविक संस्थापकों (जिन्होंने राजवंश को प्रमुखता दिलाई) का सही मिलान है।
11. चालुक्य-पल्लव संघर्ष के दौरान किसने पुलकेशिन ॥ की हत्या कर वातापी पर कब्ज़ा पर लिया तथा वातापीकोण्डा' (वातापी का विजेता) की उपाधि धारण की ?
  • A.महेन्द्रवर्मन I
  • B.नरसिंहवर्मन I'माम्मल'
  • C.महेन्द्रवर्मन II
  • D.नरसिंहवर्मन II 'राजसिंह
Answer: पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम ने पुलकेशिन द्वितीय को पराजित कर उसकी राजधानी वातापी पर अधिकार कर लिया और इस विजय के उपलक्ष्य में 'वातापीकोंडा' की उपाधि धारण की।
12. सुगन्दवृत्त' (करों को हटाने वाला) की उपाधि किस चोल शासक ने धारण की ?
  • A.राजराजा ।
  • B.राजेन्द्र ।
  • C.राजेन्द्र III (कुलोत्तुंग चोल I
  • D.इनमें से कोई नहीं
Answer: कुलोत्तुंग चोल प्रथम ने व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए कई करों को समाप्त कर दिया था, जिस कारण उन्हें 'सुंगम तविर्त' (करों को हटाने वाला) कहा गया।
13. राष्ट्रकूट कालीन 'कन्नड़ साहित्य के त्रिरत्न' में शामिल नहीं था
  • A.पंप
  • B.पोन्न
  • C.रन्न
  • D.सायण
Answer: पंप, पोन्न और रन्न को कन्नड़ साहित्य के 'तीन रत्न' माना जाता है। सायण 14वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य के एक महान विद्वान थे, जो राष्ट्रकूट काल से संबंधित नहीं हैं।
14. किस राजवंश का काल कन्नड़ साहित्य के उत्पत्ति का काल माना जाता है?
  • A.सातवाहन
  • B.राष्ट्रकूट
  • C.चोल
  • D.इनमें से कोई नहीं
Answer: राष्ट्रकूट शासकों ने कन्नड़ भाषा और साहित्य को बहुत संरक्षण दिया। इसी काल में 'कविराजमार्ग' जैसी महान कृतियों की रचना हुई, इसलिए इसे 'कन्नड़ साहित्य का स्वर्ण युग' भी कहते हैं।
15. वेंगी के चालुक्य राज्य का चोल साम्राज्य में विलय किसने किया?
  • A.राजराजा I
  • B.राजेन्द्र I
  • C.राजेन्द्र II
  • D.राजेन्द्र III (कुलोत्तुंग चोल I)
Answer: कुलोत्तुंग चोल प्रथम के पिता वेंगी के चालुक्य और माता चोल राजकुमारी थीं। इस वैवाहिक संबंध के कारण, वेंगी का राज्य अंततः चोल साम्राज्य में विलीन हो गया।
16. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (राज्य/राजवंश) A. प्राचीनतम चालुक्य/चालुक्य की मूल शाखा B. पूर्वी चालुक्यC. पश्चिमी चालुक्य सूची-II (राजधानी)1. वातापी/बादामी,कर्नाटक 2. वेंगी,आंध्रप्रदेश3. कल्याणी, कर्नाटक कूट:
  • A.A → 1, B → 2, C → 3
  • B.A → 2, B → 1, C → 3
  • C.A → 1, B → 3, C → 2
  • D.A → 3, B → 2, C → 1,
Answer: यह चालुक्यों की विभिन्न शाखाओं और उनकी संबंधित राजधानियों का सही मिलान है।
17. द्रविड़ शैली के मंदिरों में 'गोपुरम' से तात्पर्य है
  • A.गर्भगृह से
  • B.दीवारों पर की गई चित्रकारी से
  • C.शिखर से
  • D.तोरण के ऊपर बने अलंकृत एवं बहुमंजिला भवन से
Answer: गोपुरम दक्षिण भारतीय (द्रविड़ शैली) मंदिरों के प्रवेश द्वार पर बने ऊँचे और भव्य मीनारनुमा ढांचे होते हैं, जो बहुत अलंकृत होते हैं।
18. किस राष्ट्रकूट शासक ने रामेश्वरम में विजय स्तंभ एवं देवालय की स्थापना की थी ?
  • A.कृष्ण ।
  • B.कृष्ण ॥
  • C.कृष्ण III
  • D.इन्द्र III
Answer: राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय ने चोलों पर विजय प्राप्त करने के बाद रामेश्वरम में एक विजय स्तंभ और दो मंदिरों का निर्माण करवाया था।
19. किस चालुक्य शासक ने चेर, चोल व पांड्य को हराया, जिस कारण उसे 'तीनों समुद्रों (बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर) का स्वामी' भी कहा गया?
  • A.पुलकेशिन I
  • B.पुलकेशिन II
  • C.विक्रमादित्य ।
  • D.विक्रमादित्य II
Answer: विक्रमादित्य प्रथम ने दक्षिण के तीनों प्रमुख राज्यों चेर, चोल और पांड्य पर विजय प्राप्त की थी, जिससे उसकी शक्ति और प्रभाव का विस्तार तीनों समुद्रों तक हो गया।
20. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (मन्दिर निर्माण शैली) A. महेंद्रवर्मन B. माम्मल शैलीC. राजसिंह शैलीD. अपराजित शैली सूची-II (प्रतिपादक) 1. महेंद्रवर्मन I2. नरसिंहवर्मन I 3. नरसिंहवर्मन II 4. नंदीवर्मन कूट :
  • A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
  • B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
  • C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
  • D.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
Answer: यह पल्लवकालीन मंदिर निर्माण की विभिन्न शैलियों और उनके प्रवर्तक शासकों का सही मिलान है।
21. किस चालुक्य शासक ने थानेश्वर व कन्नौज के महान् शासक हर्षवर्धन को नर्मदा के तट पर परास्त किया और उसे दक्षिण बढ़ने से रोका ?
  • A.पुलकेशिन I
  • B.पुलकेशिन II
  • C.विक्रमादित्य ।
  • D.विक्रमादित्य II
Answer: वातापी के चालुक्य वंश के सबसे प्रतापी राजा पुलकेशिन द्वितीय ने उत्तर भारत के सम्राट हर्षवर्धन को नर्मदा नदी के तट पर हराया था, जो उसकी सबसे बड़ी सैन्य उपलब्धि मानी जाती है।
22. पूर्वमध्य काल में विजयालय ने चोल राज्य की स्थापना कब की ?
  • A.750 ई०
  • B.846 ई०
  • C.950 ई०
  • D.1050 ई०
Answer: विजयालय ने 9वीं शताब्दी के मध्य में (लगभग 846-850 ई.) पल्लवों के सामंत के रूप में तंजौर पर विजय प्राप्त की और चोल साम्राज्य की नींव रखी।
23. प्रथम भारतीय शासक कौन था, जिसने अरब सागर में भारतीय नौसेना की सर्वोच्चता स्थापित की ?
  • A.राजराजा I
  • B.राजेन्द्र ।
  • C.राजाधिराज
  • D.कुलोत्तुंग I
Answer: चोल शासक राजराजा प्रथम ने एक शक्तिशाली नौसेना का गठन किया और उसका उपयोग चेर, श्रीलंका और मालदीव पर विजय प्राप्त करने के लिए किया, जिससे अरब सागर में उसका प्रभुत्व स्थापित हुआ।
24. 8वीं सदी के प्रारंभ में निम्नलिखित में से किसने जोरोऐस्ट्रियनों (पारसियों) को शरण दी जो पर्शिया (ईरान) से समुद्र द्वारा फरार होकर तटीय रास्ते से पश्चिमी भारत पहुँचे थे ?
  • A.चालुक्यों ने
  • B.चोलों ने
  • C.होयसलों ने
  • D.राष्ट्रकूटों ने
Answer: जब पारसी लोग मुस्लिम आक्रमणों के कारण ईरान से भागे, तो उन्हें भारत के पश्चिमी तट पर राष्ट्रकूट शासकों ने शरण और संरक्षण प्रदान किया।
25. एलोरा का 34 गुफाओं का मंदिर ......... एवं ......... के बीच बनाया गया-
  • A.500 ई०, 700 ई०
  • B.300 ई०, 500 ई०
  • C.700 ई०, 1000 ई०
  • D.250 ई०, 450 ई०
Answer: एलोरा की गुफाओं का निर्माण विभिन्न कालों में हुआ, लेकिन अधिकांश गुफाएं और विशेषकर कैलाश मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूटों के समय (लगभग 7वीं से 10वीं शताब्दी) में हुआ।