1. ताम्रयुगीन स्थल झालोड़ कहां स्थित है -
- A. चित्तौड़
- B. नागौर
- C. उदयपुर
- D. जालौर
व्याख्या: झाड़ोल एक महत्वपूर्ण ताम्रयुगीन स्थल है जो उदयपुर जिले में स्थित है।
2. निम्नलिखित में से कौनसा बनास संस्कृति का स्थल नहीं है -
- A. तिलवाड़ा
- B. ओझियाना
- C. गिलुण्ड
- D. बालाथल
व्याख्या: तिलवाड़ा बनास संस्कृति का स्थल नहीं है, यह एक मध्य पाषाण कालीन स्थल है।
3. ‘आहड़’ सभ्यता से प्राप्त उपकरण मुख्यतः निर्मित है -
- A. तांबा
- B. पत्थर
- C. लोहा
- D. लकड़ी
व्याख्या: आहड़ सभ्यता को ताम्रवती नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहां से बड़ी मात्रा में तांबे के उपकरण मिले हैं।
4. निम्नलिखित में से किस सभ्यता में मकान एवं बस्तियों के निर्माण में ईंटों का प्रयोग नहीं होता था -
- A. बैराठ
- B. आहड़
- C. कालीबंगा
- D. गणेश्वर
व्याख्या: गणेश्वर सभ्यता के लोग मकान बनाने के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे, ईंटों का नहीं।
5. राजस्थान की किस सभ्यता में 11 कमरों का विशाल भवन प्राप्त हुआ है -
- A. रंगमहल
- B. गरदड़ा
- C. बालाथल
- D. बैराठ
व्याख्या: बालाथल (उदयपुर) में उत्खनन के दौरान 11 कमरों वाला एक विशाल भवन मिला है।
6. बालाथल सभ्यता का उत्खनन किसके निर्देशन में हुआ -
- A. आर. सी. अग्रवाल
- B. अमलानंद घोष
- C. वी. एन. मिश्र
- D. बी.बी. लाल
व्याख्या: बालाथल सभ्यता का उत्खनन कार्य प्रोफेसर वीरेंद्रनाथ मिश्र (वी. एन. मिश्र) के निर्देशन में किया गया था।
7. निम्नलिखित में से कौनसा पुरातात्विक स्थल ‘आहड़ संस्कृति’ से सम्बन्धित नहीं है -
- A. पिंड
- B. गिलुंद
- C. अलोद
- D. बरोर
व्याख्या: बरोर श्रीगंगानगर जिले में स्थित एक प्रागैतिहासिक स्थल है, जिसका संबंध आहड़ संस्कृति से नहीं है।
8. राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण कार्य सर्वप्रथम (1871 ई.) प्रारम्भ करने का श्रेय किसे जाता है -
- A. ए. सी. एल. कार्लाइल
- B. एच.डी.सांकलिया
- C. बी.बी. लाल
- D. ए. कनिंघम
व्याख्या: ए. सी. एल. कार्लाइल ने 1871 में राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया था।
9. पुरातत्त्वविद् ‘नीलरत्न बनर्जी’ ने किस स्थल का उत्खनन कार्य किया था -
- A. बैराठ
- B. आहड़
- C. कालीबंगा
- D. गणेश्वर
व्याख्या: नीलरत्न बनर्जी और कैलाशनाथ दीक्षित ने बैराठ (विराटनगर) के उत्खनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
10. बूढ़ा पुष्कर, होकरा, जायल पुरास्थल किस काल से संबधित है -
- A. नवपाषाण काल से
- B. पुरापाषाण काल से
- C. कांस्य काल से
- D. ताम्रपाषाण काल से
व्याख्या: ये सभी स्थल पुरापाषाण काल के हैं, जहां से उस युग के पत्थर के औजार मिले हैं।