131. सूर्यमल्ल मीसन की रचनाओं में राजस्थान की कौन सी बोली प्रयुक्त हुयी है -
- A. बागड़ी
- B. मेवाती
- C. हाड़ौती
- D. ढूँढाड़ी
व्याख्या: कवि सूर्यमल्ल मिश्रण बूंदी के थे, जो हाड़ौती क्षेत्र में आता है। अतः उनकी रचनाओं में प्रमुख रूप से हाड़ौती बोली का प्रयोग हुआ है।
132. ढूँढाड़ी बोली में भूतकाल के लिए कौन-कौन से शब्द प्रयोग किए जाते हैं -
- A. छै, छो
- B. छी, छौ
- C. हो, ही
- D. हतो, होतो
व्याख्या: ढूंढाड़ी बोली में भूतकाल की क्रियाओं के लिए 'छी' (स्त्रीलिंग) और 'छौ' (पुल्लिंग) जैसे सहायक शब्दों का प्रयोग होता है।
133. गोड़वाड़ी बोली का क्षेत्र है -
- A. चूरू
- B. बून्दी
- C. सिरोही
- D. अलवर
व्याख्या: गोडवाड़ी बोली का क्षेत्र पाली, जालौर और सिरोही जिलों में फैला हुआ है। दिए गए विकल्पों में सिरोही सही है।
134. मालवी री उपबोली है -
- A. काठैड़ी
- B. अलवरी
- C. थळी
- D. रांगड़ी
व्याख्या: रांगड़ी मालवी और मारवाड़ी का मिश्रण है और इसे मालवी की ही एक उपबोली माना जाता है।
135. चारण शैली को किस नाम से जाना जाता है -
- A. पिंगल
- B. डिंगल
- C. भाट
- D. इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: चारण कवियों द्वारा प्रयुक्त साहित्यिक शैली को डिंगल के नाम से जाना जाता है, जिसमें वीर रस की प्रधानता होती है।
136. निम्नलिखित में से किसने सर्वप्रथम 1912 में भारतीय भाषा सर्वेक्षण में राजस्थान की भाषा के लिए राजस्थानी शब्द का प्रयोग किया था -निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन
- B. जार्ज हेलेस्की
- C. जॉर्ज फर्नाडिस
- D. जॉर्ज थामस
व्याख्या: जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने अपनी पुस्तक 'लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया' (1912) में पहली बार राजस्थान की बोलियों के लिए 'राजस्थानी' शब्द का वैज्ञानिक प्रयोग किया।
137. जयपुर (शेखावटी के अतिरिक्त) और टोंक तथा अजमेर के कुछ क्षेत्रों में किस भाषा का प्रचलन है -
- A. मारवाड़ी
- B. ढूंढाड़ी
- C. मालवी
- D. मेवात
व्याख्या: जयपुर, टोंक और अजमेर-मेरवाड़ा का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से ढूंढाड़ कहलाता है और यहाँ की प्रमुख बोली ढूंढाड़ी है।
138. रांगड़ी बोली किन बोलियों का मिश्रण है -
- A. हाड़ौती एवं मालवी
- B. गारवाड़ी एवं मालवी
- C. मेवाड़ी एवं मालवी
- D. मेवाती एवं मालवी
व्याख्या: रांगड़ी बोली को मारवाड़ी (जिसकी उपबोली गोडवाड़ी है) और मालवी का मिश्रण माना जाता है।
139. डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली है –
- A. मालवी
- B. वागड़ी
- C. मारवाड़ी
- D. मेवाड़ी
व्याख्या: डूंगरपुर और बांसवाड़ा के वागड़ क्षेत्र में वागड़ी बोली प्रमुख रूप से बोली जाती है।
140. राजस्थानी भाषा का शब्दकोश किसने निर्मित किया -
- A. कोमल कोठारी
- B. कन्हैयालाल सेठिया
- C. सीताराम लालस
- D. विजयदान देथा
व्याख्या: पद्मश्री सीताराम लालस ने अपने जीवनकाल में राजस्थानी भाषा के सबसे वृहद और प्रामाणिक शब्दकोश 'राजस्थानी सबदकोस' की रचना की।