141. वागड़ी बोली राजस्थान के ........ भाग में बोली जाती है -
- A. उत्तर-पूर्वी
- B. दक्षिण-पूर्वी
- C. दक्षिण-पश्चिमी
- D. पश्चिमी
व्याख्या: वागड़ी बोली का मुख्य क्षेत्र डूंगरपुर और बांसवाड़ा है, जो राजस्थान के दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है।
142. “राजस्थानी” का स्वतंत्र भाषा के रूप में वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करने वाले प्रथम विद्वान कौन थे -
- A. जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन
- B. टेलर होमस
- C. जॉर्ज गिब्सन
- D. जॉर्ज सी. एल. शार्वस
व्याख्या: जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने ही 'लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया' में पहली बार राजस्थानी को एक स्वतंत्र भाषा मानकर उसका वैज्ञानिक वर्गीकरण और विश्लेषण प्रस्तुत किया।
143. ग्रियर्सन ने किस बोली को ‘भीली’ बोली भी कहा है -
- A. बागड़ी
- B. अहीरवाटी
- C. हाड़ौती
- D. डिंगल
व्याख्या: ग्रियर्सन ने वागड़ी (बागड़ी) बोली पर भील जनजाति के प्रभाव के कारण इसे 'भीली' बोली की संज्ञा दी थी।
144. बूंदी एवं कोटा क्षेत्र में कौनसी बोली बोली जाती है -
- A. ब्रज
- B. बागड़ी
- C. मेवाती
- D. हाडौती
व्याख्या: बूंदी और कोटा हाड़ौती क्षेत्र के मुख्य केंद्र हैं, इसलिए यहाँ की प्रमुख बोली हाड़ौती है।
145. नीमराना के राजा चन्द्रभान सिंह चौहान के दरबारी कवि जोधराज ने किस महाकाव्य की रचना अहीरवाटी बोली में की थी -
- A. ढोला-मारू
- B. मूमल
- C. हम्मीर रासो
- D. बीसलदेव रासो
व्याख्या: कवि जोधराज ने रणथंभौर के शासक हम्मीर देव चौहान की वीरता पर आधारित 'हम्मीर रासो' महाकाव्य की रचना अहीरवाटी बोली में की थी।
146. ‘तोरावाटी’ है -
- A. ढूंढाड़ी बोली
- B. मेवाड़ी बोली
- C. मारवाड़ी बोली
- D. हाड़ोती बोली
व्याख्या: तोरावाटी, ढूंढाड़ी की एक उपबोली है जो तंवर राजपूतों के शासन क्षेत्र (मुख्यतः सीकर और नीम का थाना) में बोली जाती है।
147. भीलवाड़ा खेतर री बोली है -
- A. मेवाड़ी
- B. मालवी
- C. हाड़ोती
- D. पहाड़ी
व्याख्या: भीलवाड़ा जिला ऐतिहासिक मेवाड़ राज्य का हिस्सा रहा है, इसलिए यहाँ की प्रमुख बोली मेवाड़ी है।
148. ‘रांगड़ी’ और ‘नीमाड़ी’ उप-बोलियाँ हैं ।
- A. मेवाती की
- B. मेवाड़ी की
- C. मालवी की
- D. वागड़ी की
व्याख्या: ये दोनों उप-बोलियाँ मालवी बोली से संबंधित हैं और राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बोली जाती हैं।
149. वागड़ी बोली रो मुख्य खेतर है-
- A. डूंगरपुर - बांसवाड़ा
- B. राजसमंद - भीलवाड़ा
- C. कोटा - झालावाड़
- D. अजमेर - टोंक
व्याख्या: वागड़ी बोली का मुख्य क्षेत्र वागड़ प्रदेश है, जिसमें डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले आते हैं।
150. राजस्थान के निर्गुण संत कवियों द्वारा रचा हुआ संत साहित्य साहित्य का एक बहुत बड़ा भाग है।
- A. डिंगल
- B. अपभ्रंश
- C. संस्कृत
- D. पिंगल
व्याख्या: राजस्थान के अधिकांश निर्गुण संत, जैसे दादू, पूर्वी राजस्थान से थे और उनकी भाषा पर ब्रज का प्रभाव था। यह पिंगल शैली के निकट है।