31. मालवा प्रदेश के राजपूतों में प्रचलित मारवाड़ी और मालवी के सम्मिश्रण से उत्पन्न बोली का क्या नाम है -
- A. मालवी
- B. रांगड़ी
- C. मालड़ी
- D. मेवाड़ी
व्याख्या: रांगड़ी बोली मालवा क्षेत्र के राजपूतों में प्रचलित है और यह मारवाड़ी की कठोरता और मालवी की मिठास का मिश्रण है।
32. निम्न में से ‘बागड़ी’ बोली किन जिलों में बोली जाती है -
- A. डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा
- B. अलवर एवं भरतपुर
- C. पाली एवं राजसमन्द
- D. अजमेर एवं भीलवाड़ा
व्याख्या: बागड़ी बोली मुख्य रूप से राजस्थान के दक्षिणी भाग, विशेषकर डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में बोली जाती है, जिसे वागड़ क्षेत्र भी कहते हैं।
33. कवि सूर्यमल्ल मिश्रण ने अपनी पुस्तक ‘वीर सतसई’ किस भाषा में लिखी है -
- A. डिंगल
- B. प्राकृत
- C. संस्कृत
- D. पिंगल
व्याख्या: सूर्यमल्ल मिश्रण ने अपनी प्रसिद्ध कृति ‘वीर सतसई’ की रचना डिंगल शैली में की है, जो पश्चिमी राजस्थानी का साहित्यिक रूप है।
34. निम्नलिखित में से कौन ढुंढारी/धुंदरी की उप-भाषा नहीं है -
- A. तोरावती
- B. राजावती
- C. नगरचोल
- D. राठी
व्याख्या: तोरावती, राजावती और नागरचोल ढूंढाड़ी की उप-बोलियाँ हैं, जबकि राठी अहीरवाटी बोली का दूसरा नाम है।
35. राजस्थान की भाषा के लिए राजस्थानी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था -
- A. कवि कुशल लाभ
- B. सूर्यमल्ल मिश्रण
- C. जार्ज अब्राहम ग्रीसन
- D. जैम्स टोड
व्याख्या: जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने अपने 'लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया' में पहली बार इस क्षेत्र की भाषाओं के लिए सामूहिक रूप से 'राजस्थानी' शब्द का प्रयोग किया।
36. निम्नलिखित में से किस बोली पर गुजराती भाषा का स्पष्ट प्रभाव है -
- A. वागड़ी
- B. मेवाती
- C. हाड़ौती
- D. मालवी
व्याख्या: वागड़ी बोली राजस्थान के दक्षिणी भाग में गुजरात सीमा के पास बोली जाती है, जिस कारण इस पर गुजराती भाषा का स्पष्ट प्रभाव है।
37. राजस्थानी भाषा एवं संस्कृति में, डिंगल है-
- A. काव्य की शैली
- B. बोली
- C. लिपि
- D. गद्य-गीत
व्याख्या: डिंगल पश्चिमी राजस्थानी का एक साहित्यिक रूप या काव्य शैली है, जिसमें वीर रस की रचनाएँ प्रमुख हैं।
38. राजस्थानी भाषा में मुड़िया लिपि को और किस नाम से जाना जाता है -
- A. महाजनी
- B. देवनागरी
- C. ब्रज
- D. मारवाड़ी
व्याख्या: मुड़िया लिपि का प्रयोग व्यापारिक हिसाब-किताब रखने के लिए महाजनों द्वारा किया जाता था, इसलिए इसे महाजनी लिपि भी कहते हैं।
39. कवि शंकर राव द्वारा रचित ‘भीम विलास’ राजस्थानी की किस बोली में लिखी गई है -
- A. मेवाड़ी
- B. बागड़ी
- C. ढूंढाड़ी
- D. अहीरवाटी
व्याख्या: प्रसिद्ध ग्रंथ ‘भीम विलास’ की रचना कवि शंकर राव ने अहीरवाटी बोली में की थी।
40. पूर्वी राजस्थानी की प्रमुख बोलीयां है -
- A. ढुंढाड़ी, हाड़ौती
- B. मारवाड़ी, मालवी
- C. बागड़ी,मवाती
- D. ये सभी
व्याख्या: ढूंढाड़ी और हाड़ौती पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में बोली जाती हैं, इसलिए इन्हें पूर्वी राजस्थानी वर्ग में रखा जाता है।