41. ‘राजस्थान सबदकोस’ त्यार करणे रो मैहताऊ काम कुण करियो -
- A. पं. रामकर्ण आसोपा
- B. मनोहर शर्मा
- C. सीताराम लालस
- D. कृपाराम खिड़िया
व्याख्या: पद्मश्री सीताराम लालस ने राजस्थानी भाषा का सबसे बड़ा और विस्तृत शब्दकोश 'राजस्थानी सबदकोस' तैयार किया।
42. जगरौती किस क्षेत्र की बोली है -
- A. चित्तौड़गढ़
- B. करौली
- C. सिरोही
- D. डूंगरपुर
व्याख्या: जगरौती, ढूंढाड़ी की एक उप-बोली है जो मुख्य रूप से करौली और सवाई माधोपुर के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।
43. कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बाराँ क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली का नाम बताइए।निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. ढूंढाड़ी
- B. मेवाती
- C. हाड़ौती
- D. भीली
व्याख्या: कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों को हाड़ौती क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, और यहाँ की प्रमुख बोली हाड़ौती है।
44. आर.सी. निगम द्वारा ‘जनगणना में मातृभाषाओं पर भाषा पुस्तिका’ में, किस भाषा को विस्तृत क्षेत्र में प्रसारित पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख बोली के रूप में वर्गीकृत किया गया है और देशी वक्ताओं द्वारा भाषण के एक सामान्य रूप के रूप में भी लिखा गया है जो संपूर्ण देश में फैले हुए पाए जाते हैं -
- A. शेखावाटी
- B. मारवाड़ी
- C. धुंधारी
- D. हड़ौती
व्याख्या: मारवाड़ी पश्चिमी राजस्थान की सबसे प्रमुख बोली है, जिसका क्षेत्र और बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है।
45. मारवाड़ी बोली के साहित्यिक रूप को क्या कहा जाता है, जिसमें अधिकांश जैन साहित्य लिखा गया है -
- A. पिंगल
- B. डिंगल
- C. ढूंढाड़ी
- D. हाड़ौती
व्याख्या: मारवाड़ी बोली का साहित्यिक रूप डिंगल कहलाता है। प्रारंभिक जैन साहित्य और चारण काव्य इसी में लिखा गया है।
46. अहीरवाटी बोली राजस्थान के किस क्षेत्र में बोली जाती है -
- A. मारवाड़
- B. मेवाड़
- C. ढूंढाड़
- D. मेवात
व्याख्या: अहीरवाटी बोली मेवात क्षेत्र (अलवर और जयपुर के कोटपूतली) के अहीर समुदाय द्वारा बोली जाती है।
47. डूंगरपुर अर बांसवाड़ा खेतर री मुख्य बोली है -
- A. राठी
- B. शेखावाटी
- C. राजावाटी
- D. वागड़ी
व्याख्या: डूंगरपुर और बांसवाड़ा के क्षेत्र को वागड़ कहा जाता है और यहाँ की मुख्य बोली वागड़ी है।
48. राजस्थानी लिपि को किस रूप में लिखा जाता था -(i) महाजनी(ii) कामदारी(iii) शास्त्रीसही विकल्प चुनिये -
- A. (ii), (iii)
- B. (i), (ii)
- C. (i), (ii), (iii)
- D. (i), (iii)
व्याख्या: ये सभी राजस्थानी लेखन की लिपियों के रूप या शैलियाँ थीं, जिनका प्रयोग विभिन्न प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों में होता था।
49. राजस्थानी भाषा का स्वतंत्र भाषा के रूप में विकास कब शुरू हुआ माना जाता है -
- A. 11-12वीं शताब्दी
- B. 14वीं शताब्दी
- C. 16वीं शताब्दी
- D. 18वीं शताब्दी
व्याख्या: यद्यपि राजस्थानी के बीज 11-12वीं शताब्दी में मिलते हैं, लेकिन एक स्वतंत्र और स्पष्ट भाषा के रूप में इसका विकास 16वीं शताब्दी से माना जाता है।
50. गंगानगर-हनुमानगढ़ खेतर री लोक बोली रो नांव है -
- A. शेखावाटी
- B. गोडवाड़ी
- C. बणियावटी
- D. बागड़ी
व्याख्या: गंगानगर और हनुमानगढ़ क्षेत्र में पंजाबी और बागड़ी बोली का प्रभाव है, इसे उत्तरी राजस्थानी भी कहते हैं।