81. डॉ. ग्रीयर्सन ने राजस्थानी बोलियों को कितने मुख्य समूहों में विभाजित किया है -नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर चुनें।
व्याख्या: डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन ने राजस्थानी बोलियों को पाँच मुख्य वर्गों में विभाजित किया: पश्चिमी, उत्तर-पूर्वी, मध्य-पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी और दक्षिणी राजस्थानी।
82. हाड़ौती बोली राजस्थान के किस भाग में बोली जाती है -
- A. दक्षिण-पूर्वी
- B. दक्षिण-पश्चिमी
- C. उत्तर-पूर्वी
- D. मध्य
व्याख्या: हाड़ौती बोली राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी पठारी भाग, यानी कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में बोली जाती है।
83. रांगड़ी क्या है -
- A. एक जाति
- B. एक भाषा
- C. एक बोली
- D. एक गाली
व्याख्या: रांगड़ी एक बोली है जो मालवी और मारवाड़ी का मिश्रण है और मालवा क्षेत्र के राजपूतों द्वारा बोली जाती है।
84. पंजाब रे अबोहर, फाजिल्का अर भटिण्डा खेतर में राजस्थानी री कुणसी बोली रो असर है -
- A. बागड़ी
- B. बीकानेरी
- C. शेखावाटी
- D. मेवाती
व्याख्या: राजस्थान की सीमा से लगे पंजाब के अबोहर, फाजिल्का और भटिंडा क्षेत्रों में बागड़ी बोली का प्रभाव देखा जा सकता है।
85. मेवाती बोली राजस्थान के ............ क्षेत्रों में बोली जाती है -
- A. अजमेर-ब्यावर
- B. अलवर-भरतपुर
- C. करौली-सवाई माधोपुर
- D. डूंगरपुर-बांसवाड़ा
व्याख्या: मेवाती बोली का मुख्य क्षेत्र मेवात है, जिसमें अलवर और भरतपुर जिले प्रमुख रूप से शामिल हैं।
86. ‘बागड़ी’ बोली किस क्षेत्र में बोली जाती है -
- A. कोटा - बूंदी - झालावाड़
- B. हनुमानगढ़ - श्रीगंगानगर
- C. डूंगरपुर - बांसवाड़ा
- D. सीकर - झुंझनू
व्याख्या: बागड़ी (या वागड़ी) बोली राजस्थान के दक्षिणी भाग 'वागड़' क्षेत्र में बोली जाती है, जिसमें डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले आते हैं।
87. मेवाती बोली से सम्बन्धित जिला कौनसा है -
- A. अजमेर
- B. अलवर
- C. कोटा
- D. सीकर
व्याख्या: दिए गए विकल्पों में से, अलवर जिला मेवाती बोली का प्रमुख क्षेत्र है।
88. कौन सी बोली पश्चिमी हिंदी और राजस्थानी भाषाओं के बीच सेतु का काम करती है -
- A. मेवाड़ी
- B. मेवाती
- C. मालवी
- D. पंजाबी
व्याख्या: मेवाती बोली, जो अलवर-भरतपुर में बोली जाती है, भौगोलिक और भाषाई रूप से पश्चिमी हिंदी (ब्रज) और राजस्थानी (ढूंढाड़ी/मारवाड़ी) के बीच एक कड़ी का काम करती है।
89. मेवाडी, हाडौती व ढुंढाड़ी का मिश्रीत रूप है -
- A. खैराड़ी
- B. रांगड़ी
- C. गौडवाडी
- D. नीमाड़ी
व्याख्या: खैराड़ी बोली को मेवाड़ी, हाड़ौती और ढूंढाड़ी का मिश्रण माना जाता है, क्योंकि यह इन तीनों बोलियों के क्षेत्रों के संगम पर बोली जाती है।
90. वागड़ी बोली में ‘च’ और ‘छ’ ध्वनि का उच्चारण किस रूप में किया जाता है -
व्याख्या: वागड़ी बोली की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें 'च' और 'छ' का उच्चारण 'स' के रूप में किया जाता है, जो भीली भाषा का प्रभाव है।