31. शाहजहाँ द्वारा शाहशुजा के विरुद्ध भेजी गई मुगल सेना का निम्नलिखित में से किस शासक ने नेतृत्व किया था -
- A. राजा मानसिंह
- B. सवाई जयसिंह
- C. मिर्जा राजा जयसिंह
- D. जसवन्त सिंह
व्याख्या: जब शाहजहाँ के पुत्रों के बीच उत्तराधिकार का युद्ध शुरू हुआ, तो शाह शुजा ने बंगाल में विद्रोह कर दिया। शाहजहाँ ने उसके विद्रोह को दबाने के लिए अपने पोते सुलेमान शिकोह और मिर्जा राजा जयसिंह के नेतृत्व में एक सेना भेजी थी।
32. ‘बारह कोटड़ी’ के नाम से कौनसा राज्य प्रसिद्ध था -
- A. भीनमाल
- B. मेवाड़
- C. आमेर
- D. कोटा
व्याख्या: आमेर के शासक पृथ्वीराज कछवाहा ने अपने 12 पुत्रों में राज्य का सुचारू रूप से बंटवारा किया था। इस प्रशासनिक व्यवस्था को "बारह कोटड़ी" कहा जाता है, जिससे आमेर राज्य प्रसिद्ध हुआ।
33. मुगल सम्राटों द्वारा सवाई जय सिंह को कुल कितनी बार मालवा सूबे का सूबेदार नियुक्त किया गया था -
व्याख्या: सवाई जयसिंह को उनकी प्रशासनिक और सैन्य क्षमताओं के कारण मुगल सम्राटों द्वारा तीन अलग-अलग अवसरों (1713, 1730 और 1732 में) पर मालवा जैसे महत्वपूर्ण सूबे का सूबेदार नियुक्त किया गया था।
34. कच्छावा राजवंश के संरक्षण में लागोरिथम का फ्रेंच से संस्कृत में अनुवाद ‘विभाग सारणी’ में किया गया, इसका अनुवादक था -
- A. मंडन
- B. केवलराम
- C. रत्नगीरी
- D. मोमचन्द
व्याख्या: सवाई जयसिंह के शासनकाल में ज्ञान-विज्ञान को बहुत बढ़ावा मिला। उनके दरबारी विद्वान केवलराम ने जॉन नेपियर की लघुगणक (Logarithm) पर लिखी फ्रेंच पुस्तक का संस्कृत में 'विभाग सारणी' नाम से अनुवाद किया।
35. ‘हुरड़ा सम्मेलन’ का आयोजन निम्न में से किस वर्ष किया गया -
- A. 1732 ईस्वी
- B. 1733 ईस्वी
- C. 1734 ईस्वी
- D. 1735 ईस्वी
व्याख्या: राजस्थान में मराठों के बढ़ते हस्तक्षेप और लूटपाट को रोकने के लिए राजपूत शासकों को एकजुट करने के उद्देश्य से 17 जुलाई, 1734 को हुरड़ा (वर्तमान भीलवाड़ा में) नामक स्थान पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था।
36. ‘तुंगा का युद्ध’ किस वर्ष लड़ा गया -
- A. 1777
- B. 1787
- C. 1789
- D. 1790
व्याख्या: तुंगा का युद्ध 28 जुलाई, 1787 को जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह और जोधपुर के महाराजा विजय सिंह की संयुक्त सेनाओं तथा मराठा सेनापति महादजी शिंदे के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में राजपूतों की विजय हुई थी।
37. किस राजपूत राजा ने हरिनाथ, सुन्दरदास एवं जगन्नाथ जैसे विद्वानों को संरक्षण प्रदान किया था-
- A. आमेर के महाराजा मानसिंह
- B. अनूपसिंह
- C. बीकानेर के रायसिंह
- D. मेवाड़ के महाराणा राजसिंह
व्याख्या: आमेर के महाराजा मानसिंह कला और साहित्य के महान संरक्षक थे। उनके दरबार में हरिनाथ, सुन्दरदास और जगन्नाथ जैसे कई प्रसिद्ध विद्वान और कवि थे, जिन्होंने महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएँ कीं।
38. 1733ई. में ‘जीज मुहम्मदशाही’ पुस्तक जो नक्षत्रों सम्बन्धी ज्ञान से सम्बन्धित है, के लेखक हैं -
- A. जसवन्त सिंह
- B. सवाई जयसिंह
- C. महाराणा अमरसिंह
- D. महाराजा गंगासिंह
व्याख्या: जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह एक महान खगोलशास्त्री थे। उन्होंने 'जीज मुहम्मदशाही' नामक एक खगोलीय सारणी-ग्रंथ की रचना की, जो तत्कालीन मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को समर्पित थी। इसमें नक्षत्रों की गति की गणना की गई थी।
39. अकबर ने किस जयपुर नरेश को ‘फर्जद’ की उपाधि प्रदान की - (निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें)
- A. राजा प्रतापसिंह
- B. राजा भगवन्तसिंह
- C. राजा मानसिंह
- D. राजा जयसिंह
व्याख्या: अकबर, राजा मानसिंह को अपने पुत्र के समान मानते थे और उनकी योग्यता और वफादारी से बहुत प्रभावित थे। इसी कारण उन्होंने मानसिंह को 'फर्जन्द' (बेटा) और 'मिर्जा राजा' की उपाधि से सम्मानित किया।
40. अकबर द्वारा मानसिंह को निम्नलिखित किन मुगल प्रांतों का सुबेदार (राज्यपाल) नियुक्त किया गया था -(a) काबुल (b) गुजरात (c) बिहार (d) बंगाल नीचे दिए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए -
- A. a और d
- B. c और d
- C. b, c और d
- D. a, c और d
व्याख्या: राजा मानसिंह ने अपनी सैन्य कुशलता से मुगल साम्राज्य का बहुत विस्तार किया। अकबर ने उन्हें काबुल (1585), बिहार (1587) और बंगाल (1594) जैसे महत्वपूर्ण और अशांत प्रांतों का सूबेदार नियुक्त किया था।