11. नाभिक की खोज रदरफोर्ड ने किन कणों की सहायता से की
- B. β कण
- C. γ कण
- A. α कण
- D. X कण
व्याख्या: रदरफोर्ड ने अपने प्रसिद्ध स्वर्ण पन्नी प्रयोग में अल्फा (α) कणों की बौछार करके परमाणु के नाभिक की खोज की थी।
12. नाभिक के धनावेशित होने की खोज की थी
- A. थॉमसन
- C. बोहर
- B. रदरफोर्ड
- D. जेम्स चेडविक
व्याख्या: रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग से यह निष्कर्ष निकला कि परमाणु का अधिकांश द्रव्यमान और संपूर्ण धनावेश एक बहुत छोटे केंद्रीय भाग, जिसे नाभिक कहते हैं, में केंद्रित होता है।
13. एक परमाणु के तीन आधारभूत अव्यव कौन से हैं
- C. प्रोटियम, ड्यूटेरियम तथा ट्राईटियम
- A. प्रोटॉन ,न्यूट्रॉन तथा आयन
- B. प्रोटॉन ,न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन
- D. प्रोटॉन ,न्यूट्रिनोस तथा आयन
व्याख्या: परमाणु के तीन मुख्य मूलभूत कण प्रोटॉन (धनावेशित), न्यूट्रॉन (उदासीन), और इलेक्ट्रॉन (ऋणावेशित) हैं।
14. न्यूट्रॉन का पता लगाने वाले वैज्ञानिक का नाम है -
- C. फर्मी
- D. रदरफोर्ड
- B. बोहर
- A. चैडविक
व्याख्या: न्यूट्रॉन की खोज 1932 में जेम्स चैडविक ने की थी।
15. निम्नलिखित में से कौन एक अस्थायी कण है ?
- D. इनमे में सभी
- C. न्यूट्रान
- A. इलेक्ट्रॉन
- B. प्रोटान
व्याख्या: एक मुक्त न्यूट्रॉन अस्थिर होता है और लगभग 15 मिनट के औसत जीवनकाल के साथ एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो में विघटित हो जाता है।
16. इलेक्ट्रॉन के खोज की थी
- D. फैराडे
- C. रदरफोर्ड
- B. नील बोहर
- A. थॉमसन
व्याख्या: इलेक्ट्रॉन की खोज 1897 में जे.जे. थॉमसन द्वारा की गई थी।
17. पदार्थ के परमाण्विक सिद्धांत सर्वप्रथम किसने प्रस्तावित किया ?
- C. जे. जे. थॉमसन
- B. जॉन डाल्टन
- D. नील्स बोर
- A. रदरफोर्ड
व्याख्या: जॉन डाल्टन ने 19वीं सदी की शुरुआत में पहला वैज्ञानिक परमाणु सिद्धांत प्रस्तावित किया, जिसमें कहा गया कि पदार्थ छोटे, अविभाज्य कणों से बना है जिन्हें परमाणु कहा जाता है।
18. निम्न में कौन सी इलेक्ट्रॉनिक संरूपण धातु तत्व के लिए है ?
- B. 2,8
- A. 2,8,1
- C. 2,8,8
- D. 2,8,8,2
व्याख्या: धातुओं की प्रवृत्ति अपने सबसे बाहरी कोश से इलेक्ट्रॉन खोने की होती है। विन्यास 2,8,8,2 (कैल्शियम) में बाहरी कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं, जिन्हें आसानी से खोया जा सकता है, जो एक धातु का गुण है।
19. वह कण जो नाभिकीय कणों को बांधे रखने का काम करता है
- C. न्यूट्रॉन
- D. मेसॉन
- B. पॉज़िट्रान
- A. इलेक्ट्रॉन
व्याख्या: मेसॉन वे कण हैं जो नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बीच प्रबल नाभिकीय बल के आदान-प्रदान के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, जिससे नाभिक एक साथ बंधा रहता है।
20. एक भारतीय वैज्ञानिक जिसका नाम एक विशिष्ठ मूल के कण के साथ जुड़ा है
- A. रमन
- C. चंद्रशेखर
- B. बोस
- D. साहा
व्याख्या: सत्येंद्र नाथ बोस के नाम पर 'बोसॉन' नामक मूलभूत कणों के एक वर्ग का नाम रखा गया है। बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी इन्हीं कणों पर लागू होती है।