21. किसी परमाणु में परिक्रमण कर रहे इलेक्ट्रॉन की कुल उर्जा
- D. सदा धनात्मक होती है
- A. ऋणात्मक नही हो सकती
- B. का शुन्य से अधिक कोई भी मूल्य हो सकता है
- C. कभी भी धनात्मक नही हो सकती
व्याख्या: जब एक इलेक्ट्रॉन नाभिक से बंधा होता है, तो उसकी कुल ऊर्जा (गतिज + स्थितिज) ऋणात्मक होती है। धनात्मक ऊर्जा का अर्थ होगा कि इलेक्ट्रॉन नाभिक के आकर्षण से मुक्त है। (नोट: दिए गए उत्तर 'D' गलत है। सही उत्तर 'C' होना चाहिए)।
22. परमाणु के नाभिक का आकार होता है -
- A. 10¯⁵ m
- B. 10¯⁹ m
- C. 10¯¹º m
- D. 10¯¹⁵ m
व्याख्या: परमाणु नाभिक का आकार बहुत छोटा होता है, जिसकी त्रिज्या लगभग 10⁻¹⁵ मीटर (1 फर्मी) के क्रम की होती है।
23. एक परमाणु में 1 9 प्रोटॉन तथा 2 0 न्यूट्रॉन है ,तो इसकी द्रव्यमान संख्या होगी
व्याख्या: द्रव्यमान संख्या नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या होती है। इसलिए, द्रव्यमान संख्या = 19 (प्रोटॉन) + 20 (न्यूट्रॉन) = 39।
24. परमाणु संख्या 17 तथा द्रव्यमान संख्या 35 के एक क्लोरिनपरमाणु के नाभिक में होते है
- B. 18 न्यूट्रॉन
- A. 18 प्रोटॉन
- C. 35 प्रोटॉन
- D. 35 न्यूट्रॉन
व्याख्या: क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 17 है, इसलिए इसमें 17 प्रोटॉन होते हैं। न्यूट्रॉन की संख्या = द्रव्यमान संख्या - प्रोटॉनों की संख्या = 35 - 17 = 18 न्यूट्रॉन।
25. रदरफोर्ड के α कणों ने सबसे पहले दिखाया कि परमाणु में होता है
- A. इलेक्ट्रॉन
- D. न्यूट्रॉन
- B. प्रोटॉन
- C. नाभिक
व्याख्या: रदरफोर्ड के अल्फा-कण प्रकीर्णन प्रयोग से पता चला कि परमाणु का अधिकांश द्रव्यमान और संपूर्ण धनावेश एक छोटे, सघन केंद्र में केंद्रित होता है, जिसे उन्होंने नाभिक नाम दिया।
26. परमाणु के नाभिक का आकार होता है -
- C. 10¯¹º m
- D. 10¯¹⁵ m
- B. 10¯⁹ m
- A. 10¯⁵ m
व्याख्या: एक परमाणु का नाभिक अत्यंत सघन और छोटा होता है, जिसका आकार लगभग 10⁻¹⁵ मीटर की कोटि का होता है।
27. सबसे पहले इलेक्ट्रॉन के आवेश का निर्धारण किसने किया था
- D. कूलॉम
- C. रदरफोर्ड
- B. मिलीकन
- A. थॉमसन
व्याख्या: रॉबर्ट ए. मिलिकन ने अपने प्रसिद्ध तेल-बूंद प्रयोग के माध्यम से 1909 में एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश का सटीक मान निर्धारित किया था।
28. अनिश्चितता के सिद्धांत का प्रतिपादन किया
- D. पाऊली ने
- C. रदरफोर्ड ने
- A. आइन्स्टीन ने
- B. हायजनबर्ग ने
व्याख्या: वर्नर हाइजेनबर्ग ने 1927 में अनिश्चितता का सिद्धांत दिया, जिसके अनुसार किसी कण की स्थिति और संवेग दोनों को एक साथ सटीकता से मापना असंभव है।
29. इलेक्ट्रॉन जैसे छोटे कणों की स्थिति तथा वेग का युगपत निर्धारण नही किया जा सकता ' यह कथन है
- D. इलेक्ट्रॉन के तरंग प्रकृति की डी ब्रौगली धारणा का
- B. पोउली के अपवर्जन सिद्धांत का
- A. हायजनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत का
- C. ऑफबाऊ सिद्धांत का
व्याख्या: यह हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत का कथन है, जो क्वांटम यांत्रिकी का एक मूलभूत सिद्धांत है।
30. परमाणु की प्रभावी त्रिज्या होती है -
- D. 10¯¹⁵ m
- C. 10¯¹⁴ m
- B. 10¯¹º m
- A. 10¯⁶ m
व्याख्या: एक परमाणु की त्रिज्या, जिसमें इलेक्ट्रॉन के कक्षक भी शामिल हैं, लगभग 10⁻¹⁰ मीटर (या 1 एंगस्ट्रॉम) के क्रम की होती है।