1. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (संतो के नाम)A. बल्लभाचार्यB. चैतन्य महाप्रभु C. मीराबाईD. नामदेवसूची-II (संतो के कार्य क्षेत्र)1. उत्तर प्रदेश, राजस्थान2. बंगाल3. राजस्थान4. महाराष्ट्र
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
व्याख्या: यह मध्यकालीन संतों और उनके प्रमुख कार्य क्षेत्रों का सही मिलान है: वल्लभाचार्य ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पुष्टि मार्ग का प्रचार किया, चैतन्य महाप्रभु बंगाल में वैष्णव भक्ति के प्रमुख संत थे, मीराबाई राजस्थान की प्रसिद्ध कृष्ण भक्त थीं और संत नामदेव महाराष्ट्र के वारकरी संप्रदाय के एक महत्वपूर्ण संत थे।
2. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (रचना)A. पदावलीB. रामचरितमानसC. सूरसागरD. बीजक सूची-II (रचनाकार)1. विद्यापति2. सूरदास3. तुलसीदास4. कबीरदास
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 1, B → 3, C → 2, D → 4
- C.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- D.A → 2, B → 3, C → 4, D → 1
व्याख्या: यह प्रसिद्ध साहित्यिक रचनाओं और उनके रचनाकारों का सही मिलान है: 'पदावली' की रचना विद्यापति ने की, 'रामचरितमानस' तुलसीदास द्वारा रचित है, 'सूरसागर' सूरदास की कृति है, और 'बीजक' कबीरदास के दोहों और शिक्षाओं का संग्रह है।
3. निम्नलिखित में से कौन-सा/से वाक्य दक्षिण भारत के भक्ति आंदोलन के संदर्भ में सत्य है/ हैं? 1. इसका नेतृत्व कई लोकप्रिय संतों द्वारा किया गया था। 2. इसके समर्थक संस्कृत में बोलते एवं लिखते थे। 3. इसने जाति व्यवस्था का विरोध किया था।4. इसके प्रचार-प्रसार में महिलाएँ सक्रिय रूप से भाग नहीं लेती थी कूट :
- A.1 और 2
- B.1 और 3
- C.केवल 1
- D.केवल 4
व्याख्या: दक्षिण भारत का भक्ति आंदोलन आम लोगों का आंदोलन था, जिसका नेतृत्व आलवार और नयनार जैसे लोकप्रिय संतों ने किया। उन्होंने जाति व्यवस्था का विरोध किया और स्थानीय भाषाओं (जैसे तमिल) में अपनी शिक्षाओं का प्रचार किया ताकि आम लोग भी उसे समझ सकें। संस्कृत का प्रयोग सीमित था।
4. महाराष्ट्र में भक्ति संप्रदाय निम्नलिखित में से किसकी शिक्षाओं द्वारा फैला था ?
- A.संत तुकाराम
- B.संत ज्ञानेश्वर
- C.समर्थ गुरु रामदास
- D.चैतन्य महाप्रभु
व्याख्या: संत ज्ञानेश्वर को महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन (वारकरी संप्रदाय) का संस्थापक माना जाता है। उन्होंने 'ज्ञानेश्वरी' (भगवद्गीता पर टीका) की रचना मराठी में करके भक्ति को आम लोगों तक पहुँचाया।
5. आदिशंकर, जो बाद में शंकराचार्य बने, उनका जन्म हुआ था
- A.कश्मीर में
- B.पश्चिम बंगाल में
- C.आन्ध्र प्रदेश में
- D.केरल में
व्याख्या: आदि शंकराचार्य का जन्म 8वीं शताब्दी में केरल के कलाडी नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन का प्रतिपादन किया और भारत में चार मठों की स्थापना की।
6. बंगाल और उड़ीसा में वैष्णववाद को लोकप्रिय बनाने का श्रेय किसे है?
- A.चैतन्य
- B.कबीर
- C.रामानुजाचार्य
- D.नानक
व्याख्या: चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल और उड़ीसा में कृष्ण भक्ति पर आधारित गौड़ीय वैष्णववाद को अत्यंत लोकप्रिय बनाया। उन्होंने कीर्तन और संकीर्तन के माध्यम से भक्ति का प्रचार किया।
7. निम्नलिखित में से कौन, भक्ति आंदोलन का प्रस्तावक नहीं था ?
- A.नागार्जुन
- B.तुकाराम
- C.त्यागराज
- D.वल्लभाचार्य
व्याख्या: नागार्जुन एक बौद्ध दार्शनिक थे जिन्होंने 'शून्यवाद' का सिद्धांत दिया और वे भक्ति आंदोलन से संबंधित नहीं थे। तुकाराम, त्यागराज और वल्लभाचार्य भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे।
8. भक्ति रस कवयित्री मीराबाई थी
- A.एक कुलीन नारी जिसने कभी विवाह नहीं किया
- B.गुजराती शाही परिवार से संबंधित, जिनका विवाह राजपूत से हुआ
- C.मध्य प्रदेश के एक पुजारी की पुत्री
- D.एक राजपूत शासक की पत्नी
व्याख्या: मीराबाई मेड़ता के राजा की पुत्री और मेवाड़ के राजकुमार भोजराज की पत्नी थीं। वह एक राजपूत शासक की पत्नी थीं जिन्होंने अपना जीवन कृष्ण भक्ति को समर्पित कर दिया।
9. किस संत ने ईश्वर को अपने पास अनुभव करने के लिए नृत्य एवं गीतों (कीर्तन) को माध्यम बनाया?
- A.शंकरदेव
- B.चंडी दास
- C.ज्ञानदेव
- D.चैतन्य महाप्रभु
व्याख्या: चैतन्य महाप्रभु ने भक्ति व्यक्त करने के लिए 'संकीर्तन' (सामूहिक रूप से गायन और नृत्य) को एक शक्तिशाली माध्यम बनाया। उनका मानना था कि इससे ईश्वर का अनुभव सीधे तौर पर किया जा सकता है।
10. 'दास बोथ' के रचयिता थे
- A.एकनाथ
- B.तुकाराम
- C.रामदास
- D.तुलसीदास
व्याख्या: 'दासबोध' महाराष्ट्र के संत समर्थ रामदास द्वारा रचित एक ग्रंथ है। इसमें भक्ति, ज्ञान और सामाजिक कर्तव्यों पर विस्तृत उपदेश दिए गए हैं।