11. भक्त तुकाराम कौन-से मुगल सम्राट् के समकालीन थे ?
- A.बाबर
- B.अकबर
- C.जहाँगीर
- D.औरंगजेब
व्याख्या: संत तुकाराम 17वीं शताब्दी के एक महान मराठी भक्त कवि थे। उनका जीवनकाल मुगल सम्राट जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान था।
12. पंजाब में भक्ति आंदोलन के अग्रदूत थे
- A.नानक
- B.अर्जुन देव
- C.तेगबहादुर
- D.गुरु गोविन्द सिंह
व्याख्या: गुरु नानक ने पंजाब में भक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया और सिख धर्म की स्थापना की। उन्होंने एकेश्वरवाद, समानता और निस्वार्थ सेवा पर जोर दिया।
13. 'महापुरुषीय धर्म' ('एक शरण संप्रदाय') के संस्थापक थे
- A.रामानुज आचार्य
- B.वल्लभ आचार्य
- C.चैतन्य महाप्रभु
- D.शंकरदेव
व्याख्या: शंकरदेव ने 15वीं-16वीं शताब्दी में असम में 'एक शरण संप्रदाय' या 'महापुरुषीय धर्म' की स्थापना की। यह वैष्णव भक्ति का एक रूप है जो एकेश्वरवाद पर केंद्रित है।
14. 'असम का चैतन्य' किसे कहा जाता है?
- A.शंकर देव
- B.लालगिर
- C.दरिया साहेब
- D.शिवनारायण
व्याख्या: शंकरदेव ने असम में वैष्णव भक्ति आंदोलन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ठीक उसी तरह जैसे चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल में निभाई। इसी कारण उन्हें 'असम का चैतन्य' कहा जाता है।
15. भक्ति आंदोलन के दौरान असम में किसने इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व किया?
- A.शंकरदेव
- B.तुकाराम
- C.नरसिंह मेहता
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: असम में भक्ति आंदोलन का प्रतिनिधित्व महान संत और समाज सुधारक शंकरदेव ने किया। उन्होंने नाट्य, संगीत और साहित्य के माध्यम से भक्ति का प्रचार किया।
16. रामानुजाचार्य को होयसल वंश के जैन धर्मावलम्ची शासक विट्टिग को वैष्णव धर्मावलम्बी बनाने में सफलता मिली । विट्टिग ने अपना नाम बदलकर क्या रखा ?
- A.विष्णुवर्धन
- B.विष्णुस्वामी
- C.रामास्वामी
- D.विठ्ठलस्वामी
व्याख्या: रामानुजाचार्य के प्रभाव में आकर होयसल शासक बिट्टिगदेव ने जैन धर्म छोड़कर वैष्णव धर्म अपना लिया और अपना नाम 'विष्णुवर्धन' रख लिया। इसके बाद उन्होंने कई प्रसिद्ध विष्णु मंदिरों का निर्माण करवाया।
17. शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे ?
- A.रामदास
- B.तुकाराम
- C.एकनाथ
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: समर्थ रामदास छत्रपति शिवाजी महाराज के आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने शिवाजी को धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रेरित किया।
18. निम्न संतों का कालक्रमानुसार व्यवस्थित कर कूट में उत्तर दें- 1. कबीर 2. नानक 3 चैतन्य 4. तुलसीदास कुट :
- A.1,2,3,4
- B.2, 3, 4,1
- C.3, 1, 2, 4
- D.3, 2, 4, 1
व्याख्या: इन संतों का अनुमानित कालक्रम इस प्रकार है: कबीर (लगभग 1398-1518), गुरु नानक (1469-1539), चैतन्य महाप्रभु (1486-1534), और तुलसीदास (1532-1623)। यह क्रम लगभग सही है।
19. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है?
- A.शंकराचार्य-रामानुज-चैतन्य
- B.रामानुज-शंकराचार्य-चैतन्य
- C.रामानुज-चैतन्य शंकराचार्य
- D.शंकराचार्य चैतन्य-रामानुज
व्याख्या: सही कालानुक्रम है: शंकराचार्य (8वीं शताब्दी), रामानुज (11वीं-12वीं शताब्दी), और चैतन्य महाप्रभु (15वीं-16वीं शताब्दी)।
20. उड़ीसा नरेश प्रतापरुद्र किस वैष्णव संत का शिष्य था ?
- A.चैतन्य
- B.शंकरदेव
- C.कबीर
- D.चण्डीदास
व्याख्या: उड़ीसा के गजपति वंश के राजा प्रतापरुद्र, चैतन्य महाप्रभु के एक प्रमुख भक्त और शिष्य थे। चैतन्य ने अपने जीवन का अंतिम समय पुरी, उड़ीसा में बिताया था।