51. 'यदि संस्कृत देवभाषा है तो क्या मेरी मातृभाषा (मराठी) दस्यु भाषा है' यह उक्ति किसकी है?
- A.ज्ञानदेव
- B.एकनाथ
- C.तुकाराम
- D.रामदास
व्याख्या: यह प्रसिद्ध कथन महाराष्ट्र के संत एकनाथ का है। उन्होंने संस्कृत के प्रभुत्व को चुनौती दी और आम लोगों की भाषा मराठी में साहित्य लिखने को बढ़ावा दिया।
52. किसने भगवद्गीता पर 'भावार्थ दीपिका' नाम से एक वृहत टीका मराठी में 'ज्ञानेश्वरी' के नाम से जाना जाता है?
- A.ज्ञानदेव
- B.नामदेव
- C.एकनाथ
- D.तुकाराम
व्याख्या: संत ज्ञानदेव (या ज्ञानेश्वर) ने भगवद्गीता पर मराठी भाषा में 'भावार्थ दीपिका' नामक एक विस्तृत टीका लिखी, जो 'ज्ञानेश्वरी' के नाम से प्रसिद्ध है। यह मराठी साहित्य की एक उत्कृष्ट कृति है।
53. महाराष्ट्र में विठोबा या विठ्ठल (विष्णु का एक नाम) आंदोलन का केन्द्र था
- A.पण्ढरपुर
- B.पैठन
- C.कार्ले
- D.एलीफैण्टा
व्याख्या: महाराष्ट्र के पंढरपुर में विठोबा (विट्ठल) का प्रसिद्ध मंदिर है, जो वारकरी संप्रदाय और विठोबा आंदोलन का मुख्य केंद्र है।
54. भक्ति आंदोलन को दक्षिण भारत से लाकर उत्तर भारत तक प्रचारित करने का श्रेय किसे दिया जाता है?
- A.शंकराचार्य
- B.रामानुज
- C.रामानंद
- D.कबीर
व्याख्या: रामानंद को दक्षिण और उत्तर भारत के भक्ति आंदोलनों के बीच एक सेतु माना जाता है। उन्होंने रामानुज के विचारों को उत्तर भारत में फैलाया और स्थानीय भाषा में उपदेश देकर इसे लोकप्रिय बनाया।
55. भक्ति आंदोलन का प्रारंभ किया गया
- A.आलवार-नयनार संतों द्वारा
- B.सूफी-संतों द्वारा
- C.सूरदास द्वारा
- D.तुलसीदास द्वारा
व्याख्या: भक्ति आंदोलन की शुरुआत 7वीं से 12वीं शताब्दी के बीच दक्षिण भारत में आलवार (विष्णु भक्त) और नयनार (शिव भक्त) संतों द्वारा की गई थी।
56. निम्नलिखित में से किस भाषा को लोकप्रिय बनाने में कवि चण्डीदास का योगदान है?
- A.बंगाली
- B.हिन्दी
- C.मराठी
- D.गुजराती
व्याख्या: चंडीदास मध्यकालीन बंगाल के एक प्रसिद्ध वैष्णव कवि थे। उन्होंने बंगाली भाषा में राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं पर आधारित कई सुंदर पदों की रचना की।
57. रामानुजाचार्य को किस कट्टर शैव मतावलम्वी चोल शासक के धमकी के कारण त्रिचनापल्ली छोड़कर मैसूर जाना पड़ा?
- A.राजराजा I
- B.राजेन्द्र I
- C.कुलोत्तुंग I
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: माना जाता है कि चोल सम्राट कुलोत्तुंग प्रथम, जो एक कट्टर शैव था, के अत्याचारों और धमकियों के कारण वैष्णव संत रामानुजाचार्य को श्रीरंगम (त्रिचनापल्ली) छोड़कर मैसूर (होयसल राज्य) में शरण लेनी पड़ी थी।
58. ‘ब्रह्म सत्य है और जगत मिथ्या (भ्रम या माया) है'— यह किसकी उक्ति है ?
- A.शंकराचार्य
- B.रामानुजाचार्य
- C.वल्लभाचार्य
- D.चैतन्य
व्याख्या: यह कथन आदि शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत दर्शन का सार है, जिसे 'ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या' कहा जाता है। इसका अर्थ है कि केवल ब्रह्म ही परम सत्य है और यह संसार एक भ्रम (माया) है।
59. 'जांति-पांति पूछै नहीं कोई / हरि का भजै सो हरि का होई'-ये पंक्तियां किसकी है ?
- A.रामानंद
- B.कबीर
- C.तुलसी
- D.सूर
व्याख्या: यह प्रसिद्ध पंक्ति संत रामानंद की है, जो उनके सामाजिक समानता के दृष्टिकोण को दर्शाती है। उनका मानना था कि ईश्वर की भक्ति में जाति का कोई स्थान नहीं है।
60. 'जांति-पांति पूछै नहीं कोई / हरि का भजै सो हरि का होई'-ये पंक्तियां किसकी है ?
- A.रामानंद
- B.कबीर
- C.तुलसी
- D.सूर
व्याख्या: यह प्रसिद्ध पंक्ति संत रामानंद की है, जो उनके सामाजिक समानता के दृष्टिकोण को दर्शाती है। उनका मानना था कि ईश्वर की भक्ति में जाति का कोई स्थान नहीं है।