21. काली मिट्टी का विस्तार पाया जाता है -
- A.महाराष्ट्र
- B.मध्य प्रदेश
- C.गुजरात
- D.इनमें से सभी में
व्याख्या: काली मिट्टी मुख्य रूप से दक्कन ट्रैप क्षेत्र में पाई जाती है, जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के बड़े हिस्से शामिल हैं। अतः इसका विस्तार इन सभी राज्यों में है।
22. रेगुड़ मृदा किसकी कृषि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है ?
- A.मूंगफली
- B.कपास
- C.तम्बाकू
- D.गन्ना
व्याख्या: 'रेगुड़' काली मिट्टी का ही दूसरा नाम है। यह मिट्टी अपनी नमी धारण करने की क्षमता के कारण कपास की खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
23. निम्नलिखित में से कौन - सी मिट्टी जैव पदार्थों से भरपूर होती है ?
- A.काली मिट्टी
- B.मखरली मिट्टी
- C.लाल मिट्टी
- D.जलोढ़ मिट्टी
व्याख्या: काली मिट्टी में ह्यूमस (सड़े-गले जैव पदार्थ) की मात्रा अच्छी होती है, जो इसे उपजाऊ बनाती है। हालांकि इसका काला रंग मुख्य रूप से टिटेनिफेरस मैग्नेटाइट जैसे खनिजों के कारण होता है, न कि केवल जैव पदार्थों के कारण।
24. काली मिट्टी के संबंध में निम्न में से कौन - सा कथन असत्य है ?
- A.काली मिट्टी कपास की वृद्धि के लिए आदर्श होती है |
- B.इसमें आर्द्रता को अधिक समय तक धारण करने की क्षमता होती है |
- C.सूखने पर काली मिट्टी में दरारें पड़ जाती हैं |
- D.इसकी जुताई अधिक करनी पड़ती है |
व्याख्या: यह कथन असत्य है। काली मिट्टी में 'स्वतः जुताई' (self-ploughing) का गुण होता है। सूखने पर इसमें गहरी दरारें पड़ जाती हैं, जिससे मिट्टी में हवा चली जाती है, और गीली होने पर यह फैल जाती है, जिससे जुताई की आवश्यकता कम हो जाती है।
25. भारत में निम्नलिखित मृदाओं में से कौन-सी बेसाल्ट लावा के अपक्षय के कारण निर्मित हुई है ?
- A.लेटेराईट मृदा
- B.रेगुड़ मृदा
- C.लाल मृदा
- D.जलोड़ मृदा
व्याख्या: रेगुड़ मृदा, यानी काली मिट्टी, का निर्माण बेसाल्ट लावा चट्टानों के अपक्षय (weathering) से हुआ है। ये चट्टानें दक्कन के पठार पर ज्वालामुखी विस्फोटों के कारण बनी थीं।
26. किस मिट्टी में कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है ?
- A.लाल मिट्टी
- B.काली मिट्टी
- C.जलोढ़ मिट्टी
- D.लैटेराइट मिट्टी
व्याख्या: काली मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखने की अद्भुत क्षमता होती है। इस गुण के कारण, इसमें उगाई जाने वाली फसलों को बार-बार सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है, खासकर उन फसलों के लिए जो इसके अनुकूल हैं।
27. भारत में काली कपासी मिट्टी को किस स्थानीय नाम से जाना जाता है ?
- A.तराई
- B.बांगर
- C.खादर
- D.रेगुड़
व्याख्या: काली कपासी मिट्टी को स्थानीय रूप से 'रेगुड़' मिट्टी के नाम से जाना जाता है। यह नाम महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में बहुत प्रचलित है।
28. निम्नलिखित में से किस मिट्टी के बारे में यह कहा जा सकता है इसकी जुताई स्वत: होती रहती है ?
- A.लाल मिट्टी
- B.काली मिट्टी
- C.लैटेराइट मिट्टी
- D.जलोढ़ मिट्टी
व्याख्या: काली मिट्टी को 'स्वतः जुताई वाली मिट्टी' कहा जाता है। इसका कारण यह है कि सूखने पर इसमें चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं और गीली होने पर यह फूल जाती है, जिससे मिट्टी का मिश्रण होता रहता है।
29. भारत में लाल मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार पाया जाता है -
- A.म. प्र. एवं छत्तीसगढ़ में
- B.ओड़िशा एवं प. बंगाल में
- C.आ. प्र. एवं तमिलनाडु में
- D.राजस्थान एवं गुजरात में
व्याख्या: लाल मिट्टी दक्कन के पठार के पूर्वी और दक्षिणी भागों में बड़े पैमाने पर पाई जाती है। भारत में इसका सबसे अधिक विस्तार आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में है।
30. प्रायद्वीपीय भारत में क्षेत्रीय मृदा के निम्न प्रकारों में से कौन - सा है ?
- A.जलोढ़ मृदा
- B.लाल और पीली मृदा
- C.वन मृदा
- D.खारी मृदा
व्याख्या: लाल और पीली मृदा प्रायद्वीपीय भारत का एक प्रमुख मृदा समूह है। यह पुरानी क्रिस्टलीय और रूपांतरित चट्टानों के अपक्षय से बनती है। इसका लाल रंग लोहे के ऑक्साइड के कारण होता है।