41. धान की खेती के लिए सर्वाधिक आदर्श मृदा कौन - सी है ?
- A.लैटेराइट मृदा
- B.लाल मृदा
- C.जलोढ़ मृदा
- D.काली मृदा
व्याख्या: धान (चावल) की खेती के लिए ऐसी उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है जो पानी को रोककर रख सके। जलोढ़ मिट्टी, विशेष रूप से जिसमें चीका (clay) की मात्रा अधिक हो, इस काम के लिए सबसे आदर्श है क्योंकि यह उपजाऊ भी है और इसमें जल धारण क्षमता भी अच्छी होती है।
42. निम्नलिखित में से किस राज्य में लेटेराईट मिटटी पायी जाती है ?
- A.महाराष्ट्र
- B.राजस्थान
- C.केरल
- D.उत्तर प्रदेश
व्याख्या: लैटेराइट मिट्टी उच्च तापमान और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। दिए गए विकल्पों में से, केरल मालाबार तट पर स्थित है जहाँ ये दोनों जलवायु स्थितियाँ मौजूद हैं, इसलिए यहाँ लैटेराइट मिट्टी पाई जाती है।
43. मृदा अपरदन रोका जा सकता है -
- A.अति चराई द्वारा
- B.वनस्पति उन्मूलन द्वारा
- C.वन रोपण द्वारा
- D.पक्षी संख्या में वृद्धि द्वारा
व्याख्या: मृदा अपरदन को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका वनरोपण (पेड़ लगाना) है। पेड़ों की जड़ें मिट्टी के कणों को बांधकर रखती हैं और उन्हें पानी या हवा से बहने से रोकती हैं। अति चराई और वनस्पति उन्मूलन से अपरदन बढ़ता है।
44. रेगुड़ मिटटी का दूसरा नाम है -
- A.लाल मिटटी
- B.काली मिटटी
- C.उसर मिटटी
- D.मिश्रित लाल-पीली मिटटी
व्याख्या: रेगुड़, काली मिट्टी का ही एक प्रचलित स्थानीय नाम है। इसे काली कपासी मिट्टी भी कहा जाता है।
45. रेगुड़ मिट्टी सबसे ज्यादा है -
- A.महाराष्ट्र में
- B.तमिलनाडु में
- C.आन्ध्र प्रदेश में
- D.झारखंड में
व्याख्या: भारत में रेगुर या काली मिट्टी का सबसे बड़ा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य में है। यह दक्कन के पठार के एक बड़े हिस्से को कवर करती है।
46. निक्षालन और ऑक्सीकरण द्वारा निर्मित मृदा कौन - सी होती है ?
- A.पहाड़ी मिट्टी
- B.काली मिट्टी
- C.मखरला मिट्टी
- D.लाल मिट्टी
व्याख्या: 'मखरला मिट्टी' लैटेराइट मिट्टी का ही दूसरा नाम है। इसका निर्माण इन्हीं दो प्रक्रियाओं से होता है: भारी वर्षा के कारण पोषक तत्वों का निक्षालन (leaching) और उच्च तापमान के कारण लोहे का ऑक्सीकरण (oxidation)।
47. निम्नांकित अपरदन के प्रकारों में से किसके कारण चम्बल के खड्ड बने हैं ?
- A.आस्फालन (स्लैश)
- B.आस्टर (शीट)
- C.क्षुद्र सरिता (रिल)
- D.अवनालिका (गली)
व्याख्या: चंबल की घाटी में बने गहरे खड्ड या बीहड़ 'अवनालिका अपरदन' (Gully Erosion) का एक कुख्यात उदाहरण हैं। इसमें बहता हुआ पानी मिट्टी को काटकर गहरी नालियाँ या खड्ड बना देता है, जिससे भूमि अनुपयोगी हो जाती है।
48. मृदा अपरदन क्षेत्र के उपचार हैं -
1. समोच्च क्षेत्र की किनारा बंदी
2. भू-उपयोग का विनियमन
3. वृक्षों की कटाई
- A.1 व 3
- B.1 व 2
- C.2 व 3
- D.3 व 4
व्याख्या: मृदा अपरदन को रोकने के लिए समोच्च जुताई/किनारा बंदी (Contour Bunding) और भू-उपयोग का सही विनियमन (Regulation of Land Use) प्रभावी उपाय हैं। वृक्षों की कटाई तो मृदा अपरदन का एक प्रमुख कारण है, उपचार नहीं।
49. किस प्रकार की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है ?
- A.पीट
- B.काली
- C.लैटेराइट
- D.लाल
व्याख्या: दिए गए विकल्पों में, पीट मिट्टी में सबसे अधिक कार्बनिक पदार्थ होते हैं। हालांकि, दिए गए उत्तर (काली मिट्टी) के अनुसार, अन्य खनिज मिट्टियों (जैसे लाल और लैटेराइट) की तुलना में काली मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है, जो इसकी उर्वरता में योगदान करती है।
50. महाराष्ट्र में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने वाली उपलब्ध मृदा का प्रकार है -
- A.जलोढ़ मिट्टी
- B.काली मिट्टी
- C.मरुस्थलीय मिट्टी
- D.लाल मिट्टी
व्याख्या: महाराष्ट्र का अधिकांश भाग दक्कन के पठार पर स्थित है, जो ज्वालामुखी लावा से बना है। इस लावा के अपक्षय से काली मिट्टी (रेगुड़) का निर्माण हुआ है, जो राज्य में सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है।