11. पश्चिमी हिमालय में उच्च पर्वतीय वनस्पतियाँ 3000 मीटर तक की उंचाई तक ही उपलब्ध होती है जबकि पूर्वी हिमालय में 4000 मीटर की उंचाई तक मिलती है | एक ही पर्वत श्रेणी में इस प्रकार की विविधता का कारण है -
- A.पूर्वी हिमालय का पश्चिमी हिमालय से अधिक ऊँचा होना
- B.पूर्वी हिमालय का भूमध्य रेखा और समुद्र तल से पश्चिमी हिमालय की अपेक्षा अधिक निकट होना
- C.पूर्वी हिमालय में प. हिमालय की अपेक्षा अधिक मानसूनी वर्षा होना
- D.पूर्वी हिमालय की चट्टानों का पश्चिमी हिमालयी चट्टानों से अधिक उर्वर होना
व्याख्या: पूर्वी हिमालय में बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं के कारण पश्चिमी हिमालय की तुलना में बहुत अधिक वर्षा होती है। अधिक वर्षा और नमी के कारण यहाँ वनस्पति अधिक ऊँचाई तक उग पाती है।
12. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :
सूची-I
A. सागौन
B. देवदार
C. सुन्दरी
D. सिनकोना
सूची-II
1. हिमालय की तराई
2. मध्य भारत
3. सुन्दर वन
4. हिमालय के उच्च पर्वतीय क्षेत्र
- A.A → 1, B → 4, C → 3, D → 2
- B.A → 3, B → 2, C → 1, D → 4
- C.A → 4, B → 1, C → 3, D → 2
- D.A → 2, B → 4, C → 3, D → 1
व्याख्या: इस प्रश्न के दिए गए उत्तर (C) में त्रुटि प्रतीत होती है। सही मिलान इस प्रकार होना चाहिए: A. सागौन → 2. मध्य भारत (यह मानसूनी वनों का महत्वपूर्ण वृक्ष है), B. देवदार → 4. हिमालय के उच्च पर्वतीय क्षेत्र (यह एक शंकुधारी वृक्ष है), C. सुंदरी → 3. सुंदरवन (यह मैंग्रोव वृक्ष है), D. सिनकोना → 1. हिमालय की तराई (इससे कुनैन बनती है)। यह मिलान विकल्प D से मेल खाता है।
13. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :
सूची-I (वन प्रकार)
A. उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती
B. उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती
C. अल्पाइन
D. उष्णकटिबंधीय सदाबहार
सूची-II (प्रदेश)
1. अरुणाचल प्रदेश
2. सह्याद्री
3. मध्य गंगा मैदान
4. तराई
- A.A → 4, B → 3, C → 1, D → 2
- B.A → 4, B → 2, C → 1, D → 3
- C.A → 1, B → 3, C → 2, D → 4
- D.A → 3, B → 1, C → 4, D → 2
व्याख्या: सही मिलान: A. उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन तराई क्षेत्र में पाए जाते हैं। B. उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन मध्य गंगा के मैदान जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलते हैं। C. अल्पाइन वनस्पति अरुणाचल प्रदेश के ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। D. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन सह्याद्री (पश्चिमी घाट) के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
14. पश्चिमी घाट पर पायी जाने वाली वनस्पति का प्रकार है -
- A.सदाहरित
- B.अल्पाइन
- C.सवाना
- D.पर्णपाती
व्याख्या: पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढलानों पर भारी मानसूनी वर्षा (200 सेमी से अधिक) होती है, जिसके कारण यहाँ घने उष्णकटिबंधीय सदाहरित (सदाबहार) वन पाए जाते हैं।
15. उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र सदाबहार वन पाए जाते हैं -
- A.अरावली पर्वतमाला पर
- B.शिलांग पठार पर
- C.शिवालिक श्रेणी पर
- D.प्रायद्वीपीय पठार पर
व्याख्या: दिए गए विकल्पों में, उष्ण कटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन प्रायद्वीपीय पठार के उन हिस्सों में पाए जाते हैं जहाँ भारी वर्षा होती है, जैसे कि पश्चिमी घाट। शिलांग पठार पर भी ये वन मिलते हैं, लेकिन प्रायद्वीपीय पठार एक व्यापक क्षेत्र को कवर करता है।
16. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :
सूची-I वार्षिक वर्षा)
A. 100 से 200 सेमी°
B. 50 से 100 सेमी.
C. 50 सेमी. से कम
D. 200 सेमी. से अधिक
सूची-II (वनों के प्रकार)
1. उष्ण आर्द्र सदाबहार वन
2. उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन
3. उष्णकटिबंधीय शुष्क वन
4. मरुस्थलीय एवं अर्द्ध मरुस्थलीय वन
- A.A → 2, B → 3, C → 1, D → 4
- B.A → 2, B → 3, C → 4, D → 1
- C.A → 1, B → 4, C → 3, D → 2
- D.A → 4, B → 1, C → 2, D → 3
व्याख्या: सही मिलान वर्षा की मात्रा के आधार पर है: A. 100-200 सेमी वर्षा उष्ण कटिबंधीय पतझड़ (मानसूनी) वनों के लिए है। B. 50-100 सेमी वर्षा उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों के लिए है। C. 50 सेमी से कम वर्षा मरुस्थलीय वनों के लिए है। D. 200 सेमी से अधिक वर्षा उष्ण आर्द्र सदाबहार वनों के लिए है।
17. निम्नलिखित में से कौन उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की अपेक्षा शीतोष्ण कटिबंधीय वनों का उपयोग को अधिक आसान बनाता है ?
1. बाजार से निकटता
2. अधिक मुलायम लकड़ी
3. अधिक लम्बे वृक्ष
4. समरूपता
नीचे दिए हुए कूटों से सही उत्तर चुनिए -
- A.1 और 3
- B.2 और 4
- C.2 और 3
- D.3 और 4
व्याख्या: शीतोष्ण कटिबंधीय वनों का व्यावसायिक उपयोग दो कारणों से आसान है: (2) इनकी लकड़ी (जैसे चीड़, देवदार) उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में अधिक मुलायम होती है, और (4) इन वनों में एक ही प्रकार के पेड़ों के बड़े झुंड (समरूपता) पाए जाते हैं, जिससे कटाई आसान हो जाती है।
18. निम्न में से किन पहाड़ियों पर उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन पाए जाते हैं ?
- A.नीलगिरि पहाड़ियां
- B.अरावली पहाड़ियां
- C.राजमहल पहाड़ियां
- D.शिवालिक पहाड़ियां
व्याख्या: नीलगिरि की पहाड़ियाँ पश्चिमी घाट का हिस्सा हैं, जहाँ भारी वर्षा होती है। यह जलवायु उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों के विकास के लिए अनुकूल है। अन्य विकल्प वाले क्षेत्र अपेक्षाकृत शुष्क हैं।
19. निम्नलिखित में से कौन - सा राज्य शहतूत रेशम उत्पादित करता है ?
- A.ओड़िशा
- B.कर्नाटक
- C.पश्चिम बंगाल
- D.जम्मू-कश्मीर
व्याख्या: भारत में रेशम उत्पादन में कर्नाटक का प्रथम स्थान है। यह देश के कुल शहतूत रेशम का एक बड़ा हिस्सा उत्पादित करता है।
20. गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टाई क्षेत्रों में किस वृक्ष की अधिकता के कारण इसे 'सुंदरवन' कहा जाता है ?
- A.चन्दन
- B.शीशम
- C.सुन्दरी
- D.इनमें से सभी
व्याख्या: इस डेल्टा क्षेत्र का नाम 'सुंदरवन' यहाँ बड़ी संख्या में पाए जाने वाले 'सुंदरी' नामक मैंग्रोव वृक्ष के कारण पड़ा है।