1. शंकराचार्य ने निम्नलिखित में से कौन-सा सिद्धांत प्रतिपादित किया?
- A.A.द्वैत वेदांत
- B.B.द्वैताद्वैत
- C.C.विशिष्टाद्वैत
- D.D.अद्वैत वेदांत
Answer: अद्वैत वेदांत का सिद्धांत आदि शंकराचार्य ने दिया था। इसके अनुसार, 'ब्रह्म' (परमात्मा) ही एकमात्र सत्य है और यह जगत माया है। आत्मा और ब्रह्म एक ही हैं।
2. महर्षि गौतम का संम्बन्ध किस दर्शन से है ?
- A.A.सांख्य दर्शन से
- B.B.योग दर्शन से
- C.C.न्याय दर्शन से
- D.D.वैशेषिक दर्शन से
Answer: महर्षि गौतम को 'न्याय दर्शन' का प्रणेता माना जाता है। यह दर्शन तर्क और प्रमाण पर आधारित है और सत्य की खोज के लिए तार्किक प्रक्रिया पर जोर देता है।
3. कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है-
- A.A.पूर्व मीमांसा
- B.B.उतर मीमांसा
- C.C.सांख्य दर्शन
- D.D.न्याय दर्शन
Answer: कपिल मुनि ने 'सांख्य दर्शन' की स्थापना की थी। यह दर्शन सृष्टि का विश्लेषण 'पुरुष' (चेतना) और 'प्रकृति' (पदार्थ) के रूप में करता है और इसे भारत के सबसे पुराने दर्शनों में से एक माना जाता है।
4. मीमांसा दर्शन का संस्थापक किसे माना जाता है ?
- A.A.वशिस्ठ
- B.B.कपिल
- C.C.गौतम
- D.D.जैमिनी
Answer: मीमांसा दर्शन के संस्थापक महर्षि जैमिनी थे। यह दर्शन वेदों के कर्मकांड भाग पर आधारित है और यज्ञों तथा वैदिक अनुष्ठानों की व्याख्या करता है।
5. पतंजलि का संम्बन्ध है -
- A.A.योग दर्शन से
- B.B.सांख्य दर्शन से
- C.C.न्याय दर्शन से
- D.D.वैशेषिक दर्शन से
Answer: महर्षि पतंजलि 'योग दर्शन' के प्रणेता हैं। उन्होंने 'योगसूत्र' नामक ग्रंथ में योग के सिद्धांतों का व्यवस्थित रूप से संकलन किया, जिसमें अष्टांग योग का वर्णन है।
6. भारतीय दर्शन की आरम्भिक विचारधारा है-
- A.A.सांख्य
- B.B.मीमांसा
- C.C.वैशेषिक
- D.D.चार्वाक
Answer: सांख्य दर्शन को भारतीय दर्शन की सबसे प्राचीन और आरम्भिक विचारधारा माना जाता है। इसके प्रणेता कपिल मुनि थे।
7. भारतीय दर्शन की प्रारम्भिक शाखा कौन सी है ?
- A.A.साख्य
- B.B.मीमांसा
- C.C.वैशेषिक
- D.D.चार्वाक
Answer: सांख्य दर्शन भारतीय दर्शन की सबसे प्रारंभिक शाखाओं में से एक है। यह सृष्टि की उत्पत्ति और विकास की व्याख्या करता है।
8. लोकायत दर्शन का प्रतिपादक कौन हैं?
- A.A.कपिल
- B.B.बादरायण
- C.C.चार्वाक
- D.D.रामानुज
Answer: लोकायत दर्शन, जिसे चार्वाक दर्शन भी कहा जाता है, एक भौतिकवादी दर्शन है। इसके प्रणेता चार्वाक माने जाते हैं, जो प्रत्यक्ष प्रमाण को ही ज्ञान का एकमात्र साधन मानते थे।
9. सांख्य दर्शन प्रतिपादित किया गया है-
- A.A.गौतम द्वारा
- B.B.जैमिनी द्वारा
- C.C.कपिल द्वारा
- D.D.पंतजलि
Answer: सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल थे। यह दर्शन चेतना (पुरुष) और पदार्थ (प्रकृति) के द्वैतवाद पर आधारित है।
10. वैशेषिक दर्शन के प्रणेता कहे जाते है -
- A.A.चार्वाक
- B.B.गौतम
- C.C.कणाद
- D.D.कपिल
Answer: वैशेषिक दर्शन के प्रणेता महर्षि कणाद थे। इस दर्शन में 'परमाणु सिद्धांत' का प्रतिपादन किया गया है, जिसके अनुसार सृष्टि परमाणुओं से मिलकर बनी है।
11. द्वैताद्वैत सिद्धांत के प्रवर्तक हैं-
- A.A.शंकराचार्य
- B.B.रामानुजाचार्य
- C.C.माधवाचार्य
- D.D.निम्बकाचार्य
Answer: द्वैताद्वैत (भेद और अभेद) सिद्धांत के प्रवर्तक निम्बकाचार्य थे। यह सिद्धांत मानता है कि आत्मा और परमात्मा में द्वैत (भिन्नता) और अद्वैत (एकता) दोनों का संबंध है।
12. रामानुजाचार्य किससे संम्बन्धित है?
- A.A.अद्वैतवाद
- B.B.द्वैत वाद
- C.C.विशिष्टाद्वैत
- D.D.एकेश्वरवाद
Answer: रामानुजाचार्य 'विशिष्टाद्वैत' दर्शन के प्रवर्तक थे। इसके अनुसार, ब्रह्म एक ही है, लेकिन जीव और जगत उसी ब्रह्म के विशिष्ट अंग हैं।
13. निम्नलिखित मे से कौन-सा दर्शन भागवत धर्म का प्रमुख आधार है ?
- A.A.अद्वैतवाद
- B.B.वैशेषिक
- C.C.विशिष्टताद्वैत
- D.D.द्वैतवाद
Answer: विशिष्टाद्वैत दर्शन, जिसे रामानुजाचार्य ने प्रतिपादित किया, भागवत धर्म का मुख्य दार्शनिक आधार है। यह भक्ति और ईश्वर की शरण में जाने पर जोर देता है।
14. भक्ति को दार्शनिक आधार प्रदान करने वाले प्रथम आचार्य कौन थे?
- A.A.रामानुज
- B.B.शंकराचार्य
- C.C.मध्वाचार्य
- D.D.बल्लभाचार्य
Answer: रामानुजाचार्य पहले ऐसे आचार्य थे जिन्होंने भक्ति को एक मजबूत दार्शनिक आधार (विशिष्टाद्वैत) प्रदान किया और इसे ज्ञान और कर्म के बराबर महत्वपूर्ण बताया।
15. भारत का प्राचीनतम दर्शन है -
- A.A.न्याय
- B.B.वैशेषिक
- C.C.सांख्य
- D.D.योग
Answer: सांख्य दर्शन को भारत का सबसे प्राचीनतम दर्शन माना जाता है। इसके सिद्धांत उपनिषदों और गीता में भी पाए जाते हैं।
16. अद्वैतवाद सिधांत के प्रतिपादक कौन हैं?
- A.A.रामानुज
- B.B.शंकराचार्य
- C.C.माधवाचार्य
- D.D.निम्बकाचार्य
Answer: अद्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक आदि शंकराचार्य थे। यह सिद्धांत कहता है कि आत्मा और परमात्मा (ब्रह्म) एक ही हैं, और संसार एक भ्रम (माया) है।
17. योग दर्शन के प्रतिपादक कौन है ?
- A.A.कपिल
- B.B.गौतम
- C.C.पतंजलि
- D.D.जैमिनी
Answer: योग दर्शन का प्रतिपादन महर्षि पतंजलि ने अपने ग्रंथ 'योगसूत्र' में किया था। यह दर्शन मन और शरीर को नियंत्रित करके मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग बताता है।
18. महर्षि कपिल का नाम दर्शन की किस विधि से जुड़ा हुआ है?
- A.A.पूर्व मीमांसा
- B.B.उत्तर मीमांसा
- C.C.न्याय दर्शन से
- D.D.सांख्य दर्शन
Answer: महर्षि कपिल का नाम सांख्य दर्शन से जुड़ा है। वे इस दर्शन के संस्थापक माने जाते हैं, जो सृष्टि की व्याख्या 'पुरुष' और 'प्रकृति' के आधार पर करता है।
19. द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक हैं
- A.A.शंकराचार्य
- B.B.रामानुजाचार्य
- C.C.माधवाचार्य
- D.D.निम्बकाचार्य
Answer: द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक माधवाचार्य थे। यह सिद्धांत मानता है कि आत्मा (जीव) और परमात्मा (ब्रह्म) दो अलग और स्वतंत्र सत्ताएं हैं।
20. द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक हैं
- A.A.शंकराचार्य
- B.B.रामानुजाचार्य
- C.C.माधवाचार्य
- D.D.निम्बकाचार्य
Answer: द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक माधवाचार्य थे। यह सिद्धांत मानता है कि आत्मा (जीव) और परमात्मा (ब्रह्म) दो अलग और स्वतंत्र सत्ताएं हैं।