1. निम्न में किस यौगिक में हाइड्रोजन आबंध नहीं है
- A. मीथेन
- D. मीथेनोईक अम्ल
- B. पानी
- C. अमोनिया
व्याख्या: हाइड्रोजन आबंध तब बनता है जब हाइड्रोजन एक उच्च विद्युत्-ऋणात्मक तत्व (जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फ्लोरीन) से जुड़ा होता है। मीथेन (CH₄) में, कार्बन की विद्युत्-ऋणात्मकता बहुत अधिक नहीं होती, इसलिए इसमें हाइड्रोजन आबंध नहीं बनता।
2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सहसंयोजक यौगिक है ?
- A. कैल्सियम क्लोराइड
- C. सोडियम क्लोराइड
- D. कार्बन टेट्राक्लोराइड
- B. मैग्नीशियम फ्लुओराइड
व्याख्या: कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl₄) में, कार्बन और क्लोरीन परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से सहसंयोजक बंध बनते हैं। अन्य सभी यौगिक आयनिक हैं क्योंकि वे धातु और अधातु के बीच इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण से बनते हैं।
3. सह संयोजी आबन्ध किसके कारणबनता है
- A. इलेक्ट्रॉनके पूर्ण अंतरण के कारण
- D. इलेक्ट्रॉनके दान के कारण
- B. इलेक्ट्रॉनके आंशिक अंतरण के कारण
- C. इलेक्ट्रॉनके अंश भाजन के कारण
व्याख्या: सहसंयोजी आबंध दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की पारस्परिक साझेदारी (अंश भाजन) के परिणामस्वरूप बनता है।
4. ऋणआयन तब बनता है ,जब
- A. परमाणु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
- C. परमाणु पर बाहर से धनावेश आता है
- B. परमाणु इलेक्ट्रॉन खोता है
- D. परमाणु से प्रोटॉन बाहर निकल जाता है
व्याख्या: जब एक उदासीन परमाणु एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, तो उसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों से अधिक हो जाती है, जिससे वह ऋणावेशित आयन (ऋणायन) बन जाता है।
5. कार्बन टेट्रा क्लोराइड की आकृति है
- B. वर्गाकार समतलीय
- D. विकृत चतुष्फलकीय
- A. पिरामिडल
- C. चतुष्फलकीय
व्याख्या: कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl₄) में, केंद्रीय कार्बन परमाणु चार क्लोरीन परमाणुओं से एकल बंधों द्वारा जुड़ा होता है। VSEPR सिद्धांत के अनुसार, यह एक सममित चतुष्फलकीय (tetrahedral) आणविक ज्यामिति बनाता है।
6. ऋणआयन तब बनता है ,जब
- B. परमाणु इलेक्ट्रॉन खोता है
- C. परमाणु पर बाहर से धनावेश आता है
- A. परमाणु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
- D. परमाणु से प्रोटॉन बाहर निकल जाता है
व्याख्या: जब एक परमाणु इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है, तो उसमें ऋणात्मक आवेश (इलेक्ट्रॉन) की संख्या धनात्मक आवेश (प्रोटॉन) से अधिक हो जाती है, जिससे एक ऋणायन बनता है।
7. निम्न में किस यौगिक का आयनिक बन्ध नही है
- D. मीथेन
- B. सोडियम क्लोराइड
- C. कैल्सियम क्लोराइड
- A. पोटाशियम नाइट्रेट
व्याख्या: मीथेन (CH₄) एक सहसंयोजी यौगिक है जिसमें कार्बन और हाइड्रोजन के बीच इलेक्ट्रॉन साझा होते हैं। अन्य सभी यौगिकों में धातु और अधातु आयनों के बीच आयनिक बंध होते हैं।
8. उस यौगिक को चिन्हित कीजिये जिसमे आयनी, सह्संयोजिता तथा उपसह्संयोजिता वाले आबंध हैं
- C. सल्फ़र ट्राईऑक्साइड
- A. पानी
- B. अमोनियम क्लोराइड
- D. सल्फ़र डाईऑक्साइड
व्याख्या: अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) में, अमोनियम आयन (NH₄⁺) और क्लोराइड आयन (Cl⁻) के बीच आयनिक बंध होता है। NH₄⁺ आयन के भीतर, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के बीच सहसंयोजी और उपसहसंयोजी दोनों प्रकार के बंध होते हैं।
9. जल के अधिक क्वथनांक का कारण है
- C. जल के अणुओं का कम वियोजन
- B. इसका अधिक डाईइलेक्ट्रिक स्थिरांक
- A. इसकी विशिष्ट उष्मा
- D. जल के अणुओं में हाइड्रोजन आबंधन
व्याख्या: जल के अणुओं के बीच मजबूत हाइड्रोजन आबंध मौजूद होते हैं। इन अतिरिक्त अंतराण्विक बलों को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप जल का क्वथनांक असामान्य रूप से उच्च होता है।
10. सहसंयोजी यौगिक का उदाहरण है -
- A. KCL BaO
- C. CaH₂
- D. RRB ECRC, 2005
- B. CHCL₃
व्याख्या: क्लोरोफॉर्म (CHCl₃) एक सहसंयोजी यौगिक है क्योंकि इसमें कार्बन, हाइड्रोजन और क्लोरीन के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है। अन्य विकल्प आयनिक यौगिक हैं। (नोट: दिए गए उत्तर 'C' गलत है, CaH₂ आयनिक है)।