11. हाइड्रोजन क्लोराइड एक गैस है ,परन्तु हाइड्रोजन फ्लोराइड एक निम्न क्वथनांक वाला द्रव है , क्योंकि
- C. हाइड्रोजन बन्ध के कारण अणुसंगुणित हो जाते हैं
- B. H - F बन्ध दुर्बल होता है
- D. हाइड्रोजन फलोराइड एक दुर्बल अम्ल है
- A. H - F बन्धप्रबल होता है
व्याख्या: हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) के अणुओं के बीच मजबूत हाइड्रोजन बंध होते हैं, जो उन्हें एक साथ बांधते हैं और इसे द्रव बनाते हैं। हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) में यह बंध नहीं होता, इसलिए यह एक गैस है।
12. हाइड्रोजन में एक इलेक्ट्रॉन लेकर हीलियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने की प्रवृति होती है , इस प्रवृति की समानता रखता है
- A. क्षार धातुओ से
- C. क्षारीय मृदा धातुओ से
- B. अक्रिय गैसों से
- D. हैलोजनो से
व्याख्या: हैलोजन (जैसे फ्लोरीन, क्लोरीन) अपने बाहरी कोश को पूरा करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं। हाइड्रोजन भी एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके हाइड्राइड आयन (H⁻) बना सकता है और हीलियम का स्थिर विन्यास प्राप्त कर सकता है, जो हैलोजन के समान व्यवहार है।
13. निम्न में से किस अणु में वैद्युत संयोजक बंधन है
- D. कैल्शियम क्लोराइड
- B. नाइट्रोजन का अणु
- A. कार्बन टेट्राक्लोराइड
- C. मीथेन
व्याख्या: कैल्शियम क्लोराइड (CaCl₂) में, कैल्शियम (एक धातु) इलेक्ट्रॉनों को क्लोरीन (एक अधातु) को स्थानांतरित करता है, जिससे Ca²⁺ और Cl⁻ आयन बनते हैं। इन आयनों के बीच वैद्युत संयोजक (आयनिक) बंधन होता है।
14. विद्धुत संयोजक बन्ध बनता है -
- B. ऋणविष्ट आयनों के बीच में
- D. इनमे से कोई भी नहीं
- C. विपरीत आविष्ट आयनों के बीच
- A. धनाविष्ट आयनों के बीच
व्याख्या: विद्युत संयोजक या आयनिक बंध एक धनावेशित आयन (धनायन) और एक ऋणावेशित आयन (ऋणायन) के बीच स्थिरवैद्युत आकर्षण बल के कारण बनता है।
15. निम्न में किस यौगिक की आकृति चतुष्फलकीय है
- B. कार्बन टेट्राक्लोराईड
- C. जल
- D. एसीटिलीन
- A. अमोनिया
व्याख्या: कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl₄) में, केंद्रीय कार्बन परमाणु चार क्लोरीन परमाणुओं से समान रूप से घिरा होता है, जिससे एक सममित चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना बनती है।
16. सहसंयोजक यौगिको के द्रवंनाक तथा क्वथनांक निम्न होते है , क्योंकि
- C. ये प्राय जल में अविलयहोते है
- B. जल में इनका आयनन नही होता
- A. ये कम क्रियाशील होते है
- D. इनमे अन्तरान्विक बल कमजोर होता है
व्याख्या: सहसंयोजी यौगिकों के अणुओं के बीच अंतराण्विक बल (जैसे वैन डेर वाल्स बल) आयनिक यौगिकों के स्थिरवैद्युत बलों की तुलना में बहुत कमजोर होते हैं। इन कमजोर बलों को तोड़ने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए उनके गलनांक और क्वथनांक कम होते हैं।
17. धनायन तब बनता है , जब
- D. परमाणु से प्रोटॉन बाहर निकल जाता है
- C. परमाणु पर बाहर से धनावेश आता है
- B. परमाणु इलेक्ट्रॉन खोता है
- A. परमाणु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
व्याख्या: जब एक उदासीन परमाणु एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन खो देता है, तो उसमें प्रोटॉनों की संख्या इलेक्ट्रॉनों से अधिक हो जाती है, जिससे वह धनावेशित आयन (धनायन) बन जाता है।
18. जब एक ही तत्व के दो परमाणु परस्पर संयोग करते है ,तब उनके बीच बन्ध होगा
- B. सह्संयोजी
- D. अध्रुवीय सहसंयोजक
- A. आयनिक
- C. ध्रुवीय सहसंयोजक
व्याख्या: जब एक ही तत्व के दो परमाणु (जैसे H₂ या O₂) बंध बनाते हैं, तो उनकी विद्युत्-ऋणात्मकता समान होती है। इसलिए, इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी समान रूप से होती है, जिससे एक अध्रुवीय सहसंयोजी बंध बनता है।
19. निम्न में किस यौगिक में हाइड्रोजन बन्ध विद्यमान है
- B. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
- D. हाइड्रोजन आयोडाइड
- C. हाइड्रोजन ब्रोमाइड
- A. हाइड्रोजन फ्लोराइड
व्याख्या: हाइड्रोजन बंध तब बनता है जब हाइड्रोजन अत्यधिक विद्युत्-ऋणात्मक तत्व (F, O, N) से जुड़ा होता है। फ्लोरीन की उच्च विद्युत्-ऋणात्मकता के कारण हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) में मजबूत हाइड्रोजन बंध होते हैं।
20. सोडियम क्लोराइड में होता है
- D. इनमे से कोई भी नहीं
- C. वैद्युत संयोजक बंधन
- B. उप सह संयोजन बंधन
- A. सह संयोजन बंधन
व्याख्या: सोडियम क्लोराइड (NaCl) में, सोडियम (Na) एक इलेक्ट्रॉन क्लोरीन (Cl) को स्थानांतरित करता है, जिससे Na⁺ और Cl⁻ आयन बनते हैं। इन आयनों के बीच वैद्युत संयोजक (आयनिक) बंधन होता है।