31. शरण रानी को जिस क्षेत्र में ख्याति प्राप्त है, वह है-
- A.A.साहित्य
- B.B.चित्रकला
- C.C.संगीत
- D.D.नृत्य
व्याख्या: शरण रानी (शरण रानी बकलीवाल) एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और सरोद वादक थीं। हालांकि, वे कला की एक महान संग्रहकर्ता भी थीं और उन्होंने हजारों कलाकृतियों और संगीत वाद्ययंत्रों का संग्रह किया, जिन्हें बाद में राष्ट्रीय संग्रहालय को दान कर दिया गया। दिए गए विकल्पों में, चित्रकला उनके कला संग्रह से सबसे निकट से संबंधित है।
32. केरल के रजा रवि वर्मा प्रसिद्ध ____ थे?
- A.A.नर्तक
- B.B.चित्रकार
- C.C.कवी
- D.D.गायक
व्याख्या: राजा रवि वर्मा (1848-1906) केरल के एक महान चित्रकार थे। वे भारतीय कला के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय पौराणिक कथाओं और महाकाव्यों के दृश्यों को यूरोपीय यथार्थवादी शैली में चित्रित करने के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की।
33. पिछवाई कलाकृतियों में बने चित्र उधृत किये गये हैं?
- A.A.,महाभारत से
- B.B.रामायण से
- C.C.भगवान कृष्ण के जीवन से
- D.D.राजपूत राजाओं के जीवन से
व्याख्या: पिछवाई, राजस्थान के नाथद्वारा शहर की एक पारंपरिक कला शैली है। ये कपड़े पर बने बड़े आकार के चित्र होते हैं जिन्हें श्रीनाथजी (कृष्ण का एक रूप) की मूर्ति के पीछे लगाया जाता है। इन चित्रों का मुख्य विषय भगवान कृष्ण के जीवन की लीलाएँ और प्रसंग होते हैं।
34. पश्चिमी बंगाल में फर्शों पर चित्रकारी का कौन - सा रूप प्रसिद्ध है?
- A.A.आइपना
- B.B.अल्पना
- C.C.रंगोली
- D.D.कोल्लभ
व्याख्या: अल्पना पश्चिम बंगाल की एक पारंपरिक लोक कला है। इसमें चावल के आटे के घोल से फर्श और दीवारों पर सुंदर डिजाइन बनाए जाते हैं। यह आमतौर पर त्योहारों और शुभ अवसरों पर घर को सजाने के लिए किया जाता है।
35. चित्रकला की मुग्ल कला भारतीय लघु चित्रकला की रीढ़ है | निम्नलिखित में से किस कला पर मुगल चित्रकला का प्रभाव नहीं पड़ा?
- A.A.पहाड़ी
- B.B.राजस्थानी
- C.C.कांगड़ा
- D.D.कालीघाट
व्याख्या: पहाड़ी, राजस्थानी और कांगड़ा जैसी चित्रकला शैलियों पर मुगल शैली का गहरा प्रभाव था। इसके विपरीत, कालीघाट चित्रकला 19वीं सदी में कोलकाता में विकसित हुई एक अनूठी लोक कला शैली थी। यह शैली मुगल कला से प्रभावित नहीं थी और इसकी अपनी एक अलग पहचान थी।
36. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक सही सुमेलित है ?
- A.A.हड़प्पा सभ्यता - चित्रित धूसर मृदभाण्ड
- B.B.कुषाण - गंधार कला शैली
- C.C.मुगल - अजंता चित्रकारी
- D.D.मराठा - पहाड़ी चित्रशैली
व्याख्या: गंधार कला शैली का विकास और उत्कर्ष कुषाण साम्राज्य के शासनकाल में हुआ था। यह शैली भारतीय और यूनानी कला का मिश्रण थी। अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि चित्रित धूसर मृदभाण्ड वैदिक काल से, अजंता चित्रकारी गुप्त काल से और पहाड़ी चित्रशैली राजपूत राज्यों से संबंधित है।
37. प्रसिद्ध चित्रकार पाब्लो पिकासो निमंलिखित में से क्या थे?
- A.A.फ्रेंच
- B.B.इटालियन
- C.C.फ्लेमिश
- D.D.स्पैनिश
व्याख्या: पाब्लो पिकासो 20वीं सदी के सबसे महान और प्रभावशाली कलाकारों में से एक थे। उनका जन्म स्पेन के मलागा शहर में हुआ था। यद्यपि उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय फ्रांस में बिताया, वे एक स्पेनिश नागरिक थे।
38. लोक चित्रकला की 'मधुबनी शैली' भारत के किस राज्य में प्रचलित है?
- A.A.पं० बंगाल
- B.B.उत्तर प्रदेश
- C.C.मध्य प्रदेश
- D.D.बिहार
व्याख्या: मधुबनी चित्रकला, जिसे मिथिला पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक प्रसिद्ध लोक कला है। यह कला अपनी जटिल ज्यामितीय पैटर्न और चमकीले रंगों के लिए जानी जाती है।
39. निमंलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है ?
- A.A.मधुबनी चित्रकारी - बिहार
- B.B.पिछ्वाल चित्रकारी-गुजरात
- C.C.फुलकारी कला - हरियाणा
- D.D.कलमकारी कला - आंध्रप्रदेश
व्याख्या: यह युग्म सुमेलित नहीं है क्योंकि पिछवाई चित्रकारी का संबंध राजस्थान के नाथद्वारा से है, न कि गुजरात से। पिछवाई कपड़े पर की जाने वाली एक धार्मिक चित्रकला है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। अन्य सभी विकल्प सही ढंग से सुमेलित हैं।
40. किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्मी पोस्टरों से की ?
- A.A.सतीश गुजराल
- B.B.पाल्बो पिकाने
- C.C.एम. एफ. हुसैन
- D.D.लियोनार्दो द विन्ची
व्याख्या: एम. एफ. हुसैन (मकबूल फ़िदा हुसैन) ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई में सिनेमा के होर्डिंग और पोस्टर पेंट करके की थी। यहीं से उन्होंने अपनी कला को विकसित किया और बाद में वे भारत के सबसे प्रसिद्ध और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित कलाकारों में से एक बने।