61. मुगल चित्रकला शैली की विशेषता है -
- A.A.युद्ध दृश्य
- B.B.पशु-पक्षी और प्राकृतिक दृश्य
- C.C.दरबारी चित्रण
- D.D.उपर्युक्त सभी
व्याख्या: मुगल चित्रकला शैली अपनी विविधता के लिए जानी जाती है। मुगल कलाकारों ने युद्ध के दृश्यों, शिकार के दृश्यों, दरबारी जीवन, और पशु-पक्षियों तथा प्रकृति के सुंदर और यथार्थवादी चित्र बनाए। इसलिए, दिए गए सभी विकल्प मुगल चित्रकला की विशेषताएं हैं।
62. लोक चित्रकला की 'मधुबनी शैली' भारत के किस राज्य में प्रचलित है?
- A.A.उत्तर प्रदेश
- B.B.मध्य प्रदेश
- C.C.बिहार
- D.D.असम
व्याख्या: मधुबनी चित्रकला, जिसे मिथिला पेंटिंग भी कहा जाता है, बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र से उत्पन्न हुई एक प्रसिद्ध लोक कला है। यह पारंपरिक रूप से क्षेत्र की महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और अपनी जीवंत रंगों और प्रतीकात्मक इमेजरी के लिए जानी जाती है।
63. कांगड़ा चित्रकला शैली का संम्बंध किस राज्य से है?
- A.A.राजस्थान
- B.B.हिमाचल प्रदेश
- C.C.जम्मू-कश्मीर
- D.D.पंजाब
व्याख्या: कांगड़ा चित्रकला शैली पहाड़ी चित्रकला का एक प्रमुख रूप है, जिसका विकास हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में हुआ था। यह शैली अपनी कोमलता, गीतात्मकता और प्राकृतिक सौंदर्य के चित्रण के लिए प्रसिद्ध है, खासकर कृष्ण और राधा के प्रेम दृश्यों में।
64. शाहजहाँ का ताज का देखना' ,'बुद्ध और सुजाता' , कमल के पतेपर अश्रुकण', 'वनसाम्रागी' आदि किस चित्रकार की चर्चित कृतियाँ हैं?
- A.A.नंदलाल बोस
- B.B.राजा रवि वर्मा
- C.C.जैमिनी राय
- D.D.अवनीन्द्रनाथ ठाकुर
व्याख्या: ये सभी प्रसिद्ध चित्र अवनींद्रनाथ टैगोर (ठाकुर) की चर्चित कृतियाँ हैं। वे 'बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट' के संस्थापक और प्रमुख कलाकार थे। उनकी कला में भारतीय परंपराओं और जापानी वॉश तकनीक का सुंदर मिश्रण दिखाई देता है, जिसने आधुनिक भारतीय कला को एक नई दिशा दी।
65. इनमे से कौन अकबर के दरबार में चित्रकार नहीं था?
- A.A.दसवंत
- B.B.अब्दुस्स्मद
- C.C.कल्याण दास
- D.D.बसावन
व्याख्या: दसवंत, अब्दुस समद और बसावन, ये तीनों मुगल सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार थे। कल्याण दास का नाम अकबर के प्रमुख चित्रकारों में नहीं गिना जाता है, हालांकि बाद के मुगल काल में इस नाम के चित्रकार हो सकते हैं।
66. जैमिनी राय ने कला के किस क्षेत्र में नाम कमाया ?
- A.A.मूर्तिकला
- B.B.संगीत
- C.C.चित्रकला
- D.D.नाट्य कला
व्याख्या: जैमिनी राय 20वीं सदी के एक महान भारतीय चित्रकार थे। उन्होंने कला के क्षेत्र में, विशेषकर चित्रकला में, बहुत नाम कमाया। वे अपनी अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं जो बंगाल की लोक कला परंपराओं से प्रेरित थी।
67. गंधार शैली की मूर्तिकला में बुद्ध का सारनाथ में हुए प्रथम धर्मोपदेश से संम्बध प्रवचन मुद्रा का नाम है?
- A.A.अभय
- B.B.ध्यान
- C.C.धर्मचक्र
- D.D.भूमि स्पर्श
व्याख्या: सारनाथ में बुद्ध के पहले उपदेश को 'धर्मचक्र प्रवर्तन' या 'कानून के पहिये को गति देना' कहा जाता है। इस घटना को दर्शाने वाली मूर्ति की मुद्रा को 'धर्मचक्र मुद्रा' कहा जाता है। इसमें दोनों हाथ छाती के सामने होते हैं और एक हाथ के अंगूठे और तर्जनी से एक चक्र बना होता है।
68. जैमिनी राय ने कला के किस क्षेत्र में नाम कमाया ?
- A.A.मूर्तिकला
- B.B.संगीत
- C.C.चित्रकला
- D.D.नाट्यकला
व्याख्या: जैमिनी राय एक अत्यंत प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थे। उन्हें 20वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक कलाकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने भारतीय लोक कला से प्रेरणा लेकर एक विशिष्ट और आधुनिक शैली विकसित की, जिसने उन्हें चित्रकला के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई।
69. नंदलाल बोस ने किस क्षेत्र में ख्याति अर्जित की?
- A.A.चित्रकला
- B.B.लोककला
- C.C.नृत्यकला
- D.D.राजनीती
व्याख्या: नंदलाल बोस ने चित्रकला के क्षेत्र में अपार ख्याति अर्जित की। वे आधुनिक भारतीय कला के अग्रदूतों में से थे और शांतिनिकेतन में कला भवन के অধ্যক্ষ भी रहे। भारतीय संविधान की मूल प्रति को सजाने का काम भी उन्होंने अपनी देखरेख में करवाया था।
70. नंदलाल बोस ने किस क्षेत्र में ख्याति अर्जित की?
- A.A.चित्रकला
- B.B.लोककला
- C.C.नृत्यकला
- D.D.राजनीती
व्याख्या: नंदलाल बोस ने चित्रकला के क्षेत्र में अपार ख्याति अर्जित की। वे आधुनिक भारतीय कला के अग्रदूतों में से थे और शांतिनिकेतन में कला भवन के অধ্যক্ষ भी रहे। भारतीय संविधान की मूल प्रति को सजाने का काम भी उन्होंने अपनी देखरेख में करवाया था।