11. भारतीय राजनीति में सक्रिय व्यावसायिक संघ जो राजनीतिक दलों की नीतियों को प्रभावित करते हैं, हैं -
- A.F.I.C.C.I.
- B.ASSOCHAM
- C.उपर्युक्त दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: **FICCI** (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) और **ASSOCHAM** (एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) भारत के दो प्रमुख व्यावसायिक संगठन हैं जो व्यापार और उद्योग के हितों के लिए सरकार की नीतियों को प्रभावित करने वाले शक्तिशाली दबाव समूह हैं।
12. भारत में निम्नलिखित में कौन - सा दबाव समूह की भूमिका निभाता है ?
- A.आई. एन. टी. यू. सी.
- B.एफ. सी. आई.
- C.आई. ए. ई. सी.
- D.सी. बी. आई.
व्याख्या: **आई. एन. टी. यू. सी. (Indian National Trade Union Congress)** कांग्रेस पार्टी से संबद्ध एक प्रमुख मजदूर संघ है, जो श्रमिकों के हितों के लिए एक दबाव समूह के रूप में कार्य करता है। अन्य विकल्प सरकारी संगठन हैं।
13. निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है ?
- A.भाजपा - भारतीय मजदूर संघ
- B.माकपा - यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस
- C.कांग्रेस - इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
- D.राकपा - ऑल इंडिया ट्रैड यूनियन कांग्रेस
व्याख्या: यह सुमेलित नहीं है। **ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)** भारतीय साम्यवादी दल (CPI) से संबद्ध है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकपा) से। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
14. डी. डी. मैक्कीन ने दबाव समूह को परिभाषित किया है -
- A.गुमनाम साम्राज्य के रूप में
- B.स्वतंत्रता के पुण्य के रूप में
- C.हित वक्ता के रूप में
- D.अदृश्य सरकार के रूप में
व्याख्या: डी. डी. मैक्कीन ने दबाव समूहों को **'गुमनाम साम्राज्य' (Anonymous Empire)** के रूप में वर्णित किया है क्योंकि वे पर्दे के पीछे से सरकार और नीति-निर्माण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, बिना सीधे तौर पर सामने आए।
15. निम्नलिखित में से कौन एक दबाव समूह है ?
- A.भारतीय किसान संघ
- B.भारतीय मजदूर संघ
- C.विश्व हिन्दू परिषद
- D.इनमें से सभी
व्याख्या: **भारतीय किसान संघ** (किसानों का समूह), **भारतीय मजदूर संघ** (मजदूरों का समूह), और **विश्व हिन्दू परिषद** (एक सामाजिक-धार्मिक समूह) सभी अपने-अपने विशिष्ट हितों को साधने के लिए सरकार की नीतियों पर प्रभाव डालने का प्रयास करते हैं, इसलिए ये सभी दबाव समूह हैं।
16. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (कृषि संगठन)A. भारतीय किसान यूनियनB. शेतकारी संगठनC. भारतीय किसान संघD. रैयत संघसूची-II (प्रभाव क्षेत्र)1. पश्चिमी उत्तर प्रदेश2. महाराष्ट्र3. गुजरात 4. कर्नाटक
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- C.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
- D.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
व्याख्या: यह मिलान कृषि संगठनों और उनके मुख्य प्रभाव क्षेत्रों को सही ढंग से जोड़ता है:
- **भारतीय किसान यूनियन:** पश्चिमी उत्तर प्रदेश
- **शेतकारी संगठन:** महाराष्ट्र
- **भारतीय किसान संघ:** गुजरात
- **रैयत संघ:** कर्नाटक
17. दबाव समूह का प्रधान उद्देश्य होता है -
- A.अपने सदस्यों के हितों की अभिवृद्धि करना
- B.राजनीतिक सत्ता प्राप्त करना
- C.नैतिक विकास के लिए कार्य करना
- D.देश के आर्थिक विकास के लिए कार्य करना
व्याख्या: दबाव समूह का प्राथमिक और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य **अपने सदस्यों के साझा हितों की रक्षा करना और उन्हें बढ़ावा देना (अभिवृद्धि करना)** है, चाहे वे हित आर्थिक, सामाजिक या व्यावसायिक हों।
18. विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल आदि किस राजनीतिक दल के दबाव समूह है ?
- A.शिवसेना
- B.भाजपा
- C.भाकपा
- D.माकपा
व्याख्या: ये सभी संगठन 'संघ परिवार' का हिस्सा माने जाते हैं और वैचारिक रूप से **भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)** से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा के लिए वैचारिक और सामाजिक आधार तैयार करने वाले दबाव समूहों के रूप में कार्य करते हैं।
19. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (श्रमिक संघ)A. AITUCB. INTUCC. UTUCD. BMSसूची-II (राजनितिक दल)1. भाजपा2. माकपा3. कांग्रेस (I)4. भाकपा
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 3, C → 4, D → 1
- C.A → 3, B → 3, C → 1, D → 2
- D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
व्याख्या: यह मिलान श्रमिक संघों और उनसे संबद्ध राजनीतिक दलों को सही ढंग से जोड़ता है:
- **AITUC (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस):** भारतीय साम्यवादी दल (भाकपा - CPI)
- **INTUC (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस):** कांग्रेस (I)
- **UTUC (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस):** मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा - CPM)
- **BMS (भारतीय मजदूर संघ):** भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
20. भारत में संगठित दबाव समूह गठित नहीं होने का मुख्य कारण है -
- A.भारत में अनेक छोटे-छोटे राजनीतिक दल ही दबाव समूह का कार्य करते हैं
- B.संगठित राजनीतिक समूह जो राजनीति में सक्रिय हैं, उनका कोई निश्चित विचार नहीं है
- C.समूहों का भारत में न तो स्वतंत्र अस्तित्व है और न ही वह राजनीति में स्वायत्त भूमिका का निर्वहन करते हैं
- D.उपर्युक्त सभी
व्याख्या: भारत में पश्चिमी देशों की तरह स्वतंत्र और संगठित दबाव समूहों की कमी के ये सभी कारण हैं। यहाँ कई दबाव समूह राजनीतिक दलों की शाखाओं के रूप में काम करते हैं, जिससे उनकी अपनी स्वतंत्र और स्वायत्त भूमिका सीमित हो जाती है।