111. निम्नलिखित में किसने तंजौर में वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण कराया था ?
- A.आदित्य I ने
- B.राजराजा I ने
- C.राजेन्द्र I ने
- D.कारिकाल I ने
व्याख्या: तंजौर का विशाल वृहदेश्वर मंदिर (जिसे राजराजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है) महान चोल सम्राट राजराजा प्रथम द्वारा बनवाया गया था।
112. श्रीलंका पर विजय प्राप्त करनेवाला चोल वंश का सबसे प्रतापी राजा था
- A.राजराजा ।
- B.राजेन्द्र I
- C.राजेन्द्र II
- D.विक्रम चोल
व्याख्या: यद्यपि राजेन्द्र प्रथम ने श्रीलंका की विजय को पूर्ण किया, लेकिन इस अभियान की शुरुआत करने और उत्तरी श्रीलंका को जीतने वाला सबसे प्रतापी राजा राजराजा प्रथम था।
113. प्रसिद्ध चोल शासक राजराजा का मूल नाम था
- A.अरिमोलिवर्मन
- B.विजयवर्मन
- C.रघुवर्मन
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: राजराजा प्रथम का वास्तविक या मूल नाम अरुमोलि वर्मन था। 'राजराजा' उनकी शाही उपाधि थी।
114. चोल युग प्रसिद्ध था निम्न के लिए
- A.धार्मिक विश्वास
- B.ग्रामीण सभाएँ
- C.राष्ट्रकूटों से युद्ध
- D.लंका से व्यापार
व्याख्या: चोल काल अपनी मजबूत और स्वायत्त ग्रामीण सभाओं (स्थानीय स्वशासन) के लिए भारतीय इतिहास में विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
115. 12वीं सदी के राष्ट्रकूट वंश के पाँच शिलालेख किस राज्य में मिले हैं?
- A.तमिलनाडु
- B.कर्नाटक
- C.केरल
- D.महाराष्ट्र
व्याख्या: 12वीं सदी के ये शिलालेख, जो राष्ट्रकूट वंश के पतन के बाद भी उनके प्रभाव को दर्शाते हैं, कर्नाटक राज्य से प्राप्त हुए हैं।
116. चोल काल में 'कडिमै' का अर्थ था
- A.भू-राजस्व / लगान
- B.गृह कर
- C.चारागाह कर
- D.जलाशय कर
व्याख्या: चोल प्रशासन में 'कडिमै' एक प्रकार का भू-राजस्व या लगान था जो राज्य द्वारा किसानों से वसूला जाता था।
117. निम्नलिखित में से किस शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी ?
- A.चोल
- B.पांड्य
- C.चेर
- D.पल्लव
व्याख्या: चोलों ने, विशेषकर राजराजा प्रथम और राजेंद्र प्रथम ने, एक अत्यंत शक्तिशाली नौसेना विकसित की, जिसने उन्हें समुद्र पार के क्षेत्रों पर भी विजय दिलाई।
118. ऐहोल प्रशस्ति का रचयिता रविकीर्ति किस चालुक्य शासक का दरबारी कवि था?
- A.पुलकेशिन I
- B.पुलकेशिन II
- C.विक्रमादित्य ।
- D.विक्रमादित्य II
व्याख्या: रविकीर्ति, जिसने प्रसिद्ध ऐहोल प्रशस्ति की रचना की, चालुक्य सम्राट पुलकेशिन द्वितीय का राजकवि था।
119. चोल काल में सोने के सिक्के कहलाते थे
- A.कलंजु
- B.काशु
- C.रूपक
- D.दीनार
व्याख्या: चोल काल में मानक सोने के सिक्के को 'कलंजु' कहा जाता था। 'काशु' भी एक प्रकार का सिक्का था।
120. चोल काल में सोने के सिक्के कहलाते थे
- A.कलंजु
- B.काशु
- C.रूपक
- D.दीनार
व्याख्या: चोल काल में मानक सोने के सिक्के को 'कलंजु' कहा जाता था। 'काशु' भी एक प्रकार का सिक्का था।