11. चालुक्य-पल्लव संघर्ष के दौरान किसने पुलकेशिन ॥ की हत्या कर वातापी पर कब्ज़ा पर लिया तथा वातापीकोण्डा' (वातापी का विजेता) की उपाधि धारण की ?
- A.महेन्द्रवर्मन I
- B.नरसिंहवर्मन I'माम्मल'
- C.महेन्द्रवर्मन II
- D.नरसिंहवर्मन II 'राजसिंह
व्याख्या: पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम ने पुलकेशिन द्वितीय को पराजित कर उसकी राजधानी वातापी पर अधिकार कर लिया और इस विजय के उपलक्ष्य में 'वातापीकोंडा' की उपाधि धारण की।
12. सुगन्दवृत्त' (करों को हटाने वाला) की उपाधि किस चोल शासक ने धारण की ?
- A.राजराजा ।
- B.राजेन्द्र ।
- C.राजेन्द्र III (कुलोत्तुंग चोल I
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: कुलोत्तुंग चोल प्रथम ने व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए कई करों को समाप्त कर दिया था, जिस कारण उन्हें 'सुंगम तविर्त' (करों को हटाने वाला) कहा गया।
13. राष्ट्रकूट कालीन 'कन्नड़ साहित्य के त्रिरत्न' में शामिल नहीं था
व्याख्या: पंप, पोन्न और रन्न को कन्नड़ साहित्य के 'तीन रत्न' माना जाता है। सायण 14वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य के एक महान विद्वान थे, जो राष्ट्रकूट काल से संबंधित नहीं हैं।
14. किस राजवंश का काल कन्नड़ साहित्य के उत्पत्ति का काल माना जाता है?
- A.सातवाहन
- B.राष्ट्रकूट
- C.चोल
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: राष्ट्रकूट शासकों ने कन्नड़ भाषा और साहित्य को बहुत संरक्षण दिया। इसी काल में 'कविराजमार्ग' जैसी महान कृतियों की रचना हुई, इसलिए इसे 'कन्नड़ साहित्य का स्वर्ण युग' भी कहते हैं।
15. वेंगी के चालुक्य राज्य का चोल साम्राज्य में विलय किसने किया?
- A.राजराजा I
- B.राजेन्द्र I
- C.राजेन्द्र II
- D.राजेन्द्र III (कुलोत्तुंग चोल I)
व्याख्या: कुलोत्तुंग चोल प्रथम के पिता वेंगी के चालुक्य और माता चोल राजकुमारी थीं। इस वैवाहिक संबंध के कारण, वेंगी का राज्य अंततः चोल साम्राज्य में विलीन हो गया।
16. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (राज्य/राजवंश) A. प्राचीनतम चालुक्य/चालुक्य की मूल शाखा B. पूर्वी चालुक्यC. पश्चिमी चालुक्य सूची-II (राजधानी)1. वातापी/बादामी,कर्नाटक 2. वेंगी,आंध्रप्रदेश3. कल्याणी, कर्नाटक कूट:
- A.A → 1, B → 2, C → 3
- B.A → 2, B → 1, C → 3
- C.A → 1, B → 3, C → 2
- D.A → 3, B → 2, C → 1,
व्याख्या: यह चालुक्यों की विभिन्न शाखाओं और उनकी संबंधित राजधानियों का सही मिलान है।
17. द्रविड़ शैली के मंदिरों में 'गोपुरम' से तात्पर्य है
- A.गर्भगृह से
- B.दीवारों पर की गई चित्रकारी से
- C.शिखर से
- D.तोरण के ऊपर बने अलंकृत एवं बहुमंजिला भवन से
व्याख्या: गोपुरम दक्षिण भारतीय (द्रविड़ शैली) मंदिरों के प्रवेश द्वार पर बने ऊँचे और भव्य मीनारनुमा ढांचे होते हैं, जो बहुत अलंकृत होते हैं।
18. किस राष्ट्रकूट शासक ने रामेश्वरम में विजय स्तंभ एवं देवालय की स्थापना की थी ?
- A.कृष्ण ।
- B.कृष्ण ॥
- C.कृष्ण III
- D.इन्द्र III
व्याख्या: राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय ने चोलों पर विजय प्राप्त करने के बाद रामेश्वरम में एक विजय स्तंभ और दो मंदिरों का निर्माण करवाया था।
19. किस चालुक्य शासक ने चेर, चोल व पांड्य को हराया, जिस कारण उसे 'तीनों समुद्रों (बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर) का स्वामी' भी कहा गया?
- A.पुलकेशिन I
- B.पुलकेशिन II
- C.विक्रमादित्य ।
- D.विक्रमादित्य II
व्याख्या: विक्रमादित्य प्रथम ने दक्षिण के तीनों प्रमुख राज्यों चेर, चोल और पांड्य पर विजय प्राप्त की थी, जिससे उसकी शक्ति और प्रभाव का विस्तार तीनों समुद्रों तक हो गया।
20. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (मन्दिर निर्माण शैली) A. महेंद्रवर्मन B. माम्मल शैलीC. राजसिंह शैलीD. अपराजित शैली सूची-II (प्रतिपादक) 1. महेंद्रवर्मन I2. नरसिंहवर्मन I 3. नरसिंहवर्मन II 4. नंदीवर्मन कूट :
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
व्याख्या: यह पल्लवकालीन मंदिर निर्माण की विभिन्न शैलियों और उनके प्रवर्तक शासकों का सही मिलान है।