81. निम्न कथनों पर विचार कीजिए1. चोलों ने पाण्ड्य तथा चेर शासकों को पराजित कर प्रायद्वीपीय भारत पर प्रारंभिक मध्यकालीन समय में अपना प्रभुत्व स्थापित किया।2. चोलों ने दक्षिण पूर्वी एशिया के शैलेन्द्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीता। इन कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.दोनों 1 और 2
- D.दोनों में से कोई नहीं
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। चोलों ने दक्षिण भारत में अपना प्रभुत्व स्थापित किया और राजेंद्र प्रथम जैसे शासकों ने दक्षिण-पूर्व एशिया में श्रीविजय (शैलेन्द्र) साम्राज्य पर भी सफल नौसैनिक अभियान किए।
82. राजराजा I ने श्रीलंका के विजित प्रदेशों को मुम्डिचोलमण्डलम के नाम से चोल साम्राज्य का एक प्रांत बनाया तथा मुम्डिचोल देव की उपाधि धारण की । इस नये प्रांत की राजधानी किसे बनाया गया?
- A.अनुराधापुर
- B.पोलन्नरुवा
- C.कन्याकुमारी
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: उत्तरी श्रीलंका को जीतने के बाद, राजराजा प्रथम ने अनुराधापुर के स्थान पर पोलन्नरुवा को इस नए चोल प्रांत की राजधानी बनाया।
83. पहाड़ी काटकर एलोरा के विश्वविख्यात कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण कराया था
- A.कदम्ब ने
- B.राष्ट्रकूट ने
- C.चोल ने
- D.चेर ने
व्याख्या: एलोरा का अद्भुत कैलाश मंदिर, जो एक ही चट्टान को ऊपर से नीचे की ओर काटकर बनाया गया है, का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने करवाया था।
84. राष्ट्रकूटकालीन स्थापत्य कला के नमूने मिलते हैं
- A.एलोरा
- B.एलीफैण्टा
- C.A और B दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: एलोरा का कैलाश मंदिर और एलीफेंटा की गुफाओं की मूर्तियां राष्ट्रकूटकालीन वास्तुकला और मूर्तिकला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
85. 'महाभारत' का 'भारत वेणवा' नाम से तमिल में किसने अनुवाद किया ?
- A.तोल्लकप्पियर
- B.इलांगो आगिल
- C.सीतलै शतनार
- D.पेरुन्देवनार
व्याख्या: पेरुन्देवनार ने पल्लव शासक नन्दिवर्मन तृतीय के संरक्षण में महाभारत का तमिल भाषा में 'भारत वेणवा' नाम से अनुवाद किया था।
86. विचित्र चित्त', 'मत विलास' आदि उपाधि धारण करने वाला पल्लव शासक था
- A.महेन्द्रवर्मन ।
- B.महेन्द्रवर्मन II
- C.नंदिवर्मन
- D.अपराजित
व्याख्या: पल्लव शासक महेंद्रवर्मन प्रथम एक बहुमुखी प्रतिभा का धनी था और उसने 'विचित्र चित्त' (अनोखे विचारों वाला) और 'मत्त विलास' (आनंद में रहने वाला) जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।
87. दक्षिणी भारत का 'तक्कोलम का युद्ध' हुआ था
- A.चोल एवं उत्तर चालुक्यों के मध्य
- B.चोल एवं राष्ट्रकूटों के मध्य
- C.चोल एवं होयसल के मध्य
- D.चोल एवं पांड्यों के मध्य
व्याख्या: तक्कोलम का युद्ध 949 ई. में चोल शासक परांतक प्रथम और राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय के बीच हुआ था, जिसमें चोलों की बुरी तरह हार हुई।
88. 'विक्रमांकचरित' का रचयिता बिल्हण एवं ‘मिताक्षरा' के रचनाकार विज्ञानेश्वर किसके संरक्षक शासक थे
- A.तैलप II
- B.विक्रमादित्य VI
- C.सोमेश्वर ।
- D.सोमेश्वर IV
व्याख्या: कवि बिल्हण और विधि-शास्त्री विज्ञानेश्वर दोनों कल्याणी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य षष्ठम के दरबार में थे।
89. किस मंदिर को 'राजसिंहेश्वर/राजसिद्धेश्वर मंदिर भी कहा जाता है ?
- A.कांची का कैलाशनाथ मंदिर
- B.कांची का मुक्तेश्वर मंदिर
- C.कांची का मातंगेश्वर मंदिर
- D.गुडिमल्लम का परशुरामेश्वर मंदिर
व्याख्या: कांची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण पल्लव शासक नरसिंहवर्मन द्वितीय ने करवाया था, जिनकी उपाधि 'राजसिंह' थी। इसी कारण इसे राजसिंहेश्वर मंदिर भी कहते हैं।
90. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (ग्रंथकार) A. कुम्बन/कम्बन B. कुट्टन/ओट्टकुट्टनC. पुगलेन्दीसूची-II (ग्रंथ) 1. रामायणम/रामावतारम2. पिल्लईतामिल3. नलवेम्बा
- A.A → 1, B → 2, C → 3,
- B.A → 3, B → 2, C → 1,
- C.A → 2, B → 1, C → 3,
- D.A → 1, B → 3, C → 2,
व्याख्या: यह चोलकालीन तमिल साहित्य के तीन रत्नों (कंबन, कुट्टन, पुगलेन्दी) और उनकी प्रमुख रचनाओं का सही मिलान है।