1. किसी पारिस्थितिक तन्त्र में उर्जा का प्रवाह के बारे में निम्न में से कौन-सी श्रृंखला सही है ?
- C. उत्पादक-उपभोक्तात-अपघटक
- D. उपभोक्ता-उत्पादक-अपघटक
- A. उत्पादक - अपघटक-उपभोक्ता
- B. अपघटक-उपभोक्ता-उत्पादक
व्याख्या: ऊर्जा का प्रवाह उत्पादकों (पौधों) से शुरू होता है, जो सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करते हैं। फिर यह उपभोक्ताओं (शाकाहारी, मांसाहारी) में स्थानांतरित होता है और अंत में अपघटक मृत जीवों को विघटित करते हैं।
2. एक मनुष्य के जीवन को पूर्णरूप से धारणीय करने के लिए आवश्यक न्यूनतम भूमि को क्या कहते हैं ?
- D. निकेत
- A. जीवजात
- C. जिवोम
- B. पारिस्थितिकीय पदछाप
व्याख्या: पारिस्थितिक पदछाप (Ecological Footprint) वह माप है जो यह बताता है कि किसी व्यक्ति या जनसंख्या की जीवन शैली का समर्थन करने के लिए कितनी जैविक रूप से उत्पादक भूमि और समुद्री क्षेत्र की आवश्यकता है।
3. वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते बाहुल्य के कारण निम्नलिखित प्रभावित हुए हैं, सिवाय -
- B. समतापमंडल में ओजोन की परत व अवक्षय
- A. भूमंडलीय गर्मी
- C. ऑक्सीजन निषेचन प्रभाव
- D. कार्बन डाईऑकसाइड
व्याख्या: ग्रीनहाउस गैसें भूमंडलीय तापन और ओजोन परत के क्षरण को प्रभावित करती हैं। कार्बन डाइऑक्साइड निषेचन प्रभाव एक घटना है, लेकिन 'ऑक्सीजन निषेचन प्रभाव' जैसी कोई चीज नहीं है।
4. वायु एवं जल की क्रिया द्वारा भूमि का कटाव कहलाता है -
- C. कैल्सीभवन
- D. लवणभवन
- B. जीवाश्मभवन
- A. अपरदन
व्याख्या: अपरदन (Erosion) वह प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें हवा, पानी या बर्फ जैसी शक्तियों द्वारा मिट्टी और चट्टान का कटाव होता है और वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाए जाते हैं।
5. विश्व का सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाला जल पादप है -
- D. यूट्रिक्यूलेरिया
- A. वाटर चेम्सनट
- B. अमेजनी जलनलीनी
- C. जल हायासिन्थ
व्याख्या: जलकुंभी (जल हायासिन्थ) एक अत्यंत आक्रामक जलीय पौधा है जो बहुत तेजी से बढ़ता और फैलता है, जिससे जलमार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं।
6. पर्यावर्णीय आयोजन के साथ मूलत: सम्बधित संगठन है -
- C. CIFRI
- A. CSIR
- D. ICAR
- B. NEERI
व्याख्या: NEERI (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) भारत का एक प्रमुख संस्थान है जो पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित है।
7. भारत में पारिस्थितिक असंतुलन का निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रमुख कारण है ?
- C. बाढ़ एवं आकाल
- B. मरुस्थलीकरण
- A. वनोनमूलन
- D. वर्षा की परिवर्तनता
व्याख्या: वनोन्मूलन (पेड़ों की कटाई) पारिस्थितिक असंतुलन का एक मुख्य कारण है क्योंकि इससे जैव विविधता का ह्रास, मृदा अपरदन और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
8. किसी परितंत्र में उत्पादकों का कार्य होता है -
- A. कार्बनिक यौगिकों को अकार्बनिक यौगिकों में बदलना
- B. सौर उर्जा को पकड़ना एवं इसे रासायनिक उर्जा में बदलना
- C. रासायनिक उर्जा को काम में लाना
- D. उर्जा को मुक्त करना
व्याख्या: उत्पादक (मुख्य रूप से हरे पौधे) प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से सौर ऊर्जा को पकड़ते हैं और इसे रासायनिक ऊर्जा (ग्लूकोज के रूप में) में परिवर्तित करते हैं।
9. निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है ?
- B. भारतीय वन्य प्राणी संसथान - देहरादून
- A. हिमालयी पर्यावरण एवं विकास का गोविन्द बल्लभ पंत संस्थान - अल्मोड़ा
- C. भारतीय वन्य प्रबंधन संस्थान - कोलकाता
- D. पारिस्थितिकीय विज्ञानों का केंद्र - बंगलुरु
व्याख्या: यह सुमेलित नहीं है क्योंकि भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM) भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है, न कि कोलकाता में।
10. बाढ़ को रोका जा सकता है -
- B. जल आवरण को हटाकर
- C. वनों को काटकर
- A. स्थल को ढालदार बनाकर
- D. नदियों पर बाँध बनाकर व वृक्षारोपण करके
व्याख्या: नदियों पर बांध बनाने से पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है, और वृक्षारोपण से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है, जो बाढ़ को रोकने में मदद करता है।