181. वैद्युत अपघटन में प्रयुक्त विद्युत धारा होती है-
- C. दिष्ट तथा प्रत्यावर्ती दोनों
- D. ताप-विद्युत
- A. दिष्ट धारा
- B. प्रत्यावर्ती धारा
व्याख्या: विद्युत अपघटन (Electrolysis) के लिए एक स्थिर दिशा में आयनों के प्रवाह की आवश्यकता होती है, इसलिए इसमें केवल दिष्ट धारा (DC) का उपयोग किया जाता है।
182. विभवान्तर का दूसरा नाम है -
- B. ऐम्पियरता
- C. वाटेज
- D. वोल्टेज
- A. स्थितिज ऊर्जा
व्याख्या: विभवांतर (Potential Difference) को सामान्य भाषा में वोल्टेज कहा जाता है।
183. विद्युत प्रतिरोध की इकाई होती है -
- C. कूलॉम्ब
- D. ओम
- B. वोल्ट
- A. एम्पीयर
व्याख्या: विद्युत प्रतिरोध की SI इकाई ओम (Ω) है।
184. प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित किया जाता है -
- A. मोटर द्वारा
- C. डायनेमों द्वारा
- B. रेक्टिफायर द्वारा
- D. ट्रान्सफाॅर्मर द्वारा
व्याख्या: रेक्टिफायर एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जो प्रत्यावर्ती धारा (AC) को दिष्ट धारा (DC) में परिवर्तित करता है।
185. तापदीप्त बल्बों के फिलामेंट में टंगस्टन का उपयोग करने का प्राथमिक कारण है -
- B. यह बिजली का सुचालक है।
- C. यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध है।
- A. इसका गलनांक उच्च है।
- D. उपर्युक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: टंगस्टन का गलनांक (लगभग 3422°C) बहुत अधिक होता है, जिसके कारण यह बिना पिघले अत्यधिक गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न कर सकता है।
186. यदि ‘n’ संख्या के प्रतिरोधों को, जिनमें प्रत्येक का मान ‘r’ है, को समानांतर क्रम में जोड़ा जाए तो उनका समतुल्य प्रतिरोध होगा :
व्याख्या: जब 'n' समान प्रतिरोध 'r' को समानांतर में जोड़ा जाता है, तो समतुल्य प्रतिरोध का सूत्र Req = r/n होता है।
187. यदि किसी चालक की लम्बाई व त्रिज्या को दुगना कर दिया जाए तो उसका प्रतिरोध हो जाएगा :
- B. दुगना
- A. एक-चौथाई
- D. आधा
- C. शून्य
व्याख्या: प्रतिरोध R = ρL/A = ρL/(πr²)। नई लंबाई L' = 2L और नई त्रिज्या r' = 2r है। तो नया प्रतिरोध R' = ρ(2L)/(π(2r)²) = ρ(2L)/(4πr²) = (1/2) * (ρL/πr²) = R/2। प्रतिरोध आधा हो जाएगा।
188. दिए गए पदार्थ के एक तार की लम्बाई L तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है। इसका प्रतिरोध 42 है। यदि इसकी लम्बाई तथा क्षेत्रफल दोनों क्रमशः 2L तथा 2A हो जाएँ तो इसकी वर्तमान प्रतिरोधकता पर क्या प्रभाव पड़ेगा -
- D. यह अपने वर्तमान की 1/4 हो जाएगी
- C. यह 2 गुना हो जाएगी
- A. यह समान रहेगी (कोई परिवर्तन नहीं होगा)
- B. यह 4 गुना हो जाएगी
व्याख्या: प्रतिरोधकता (Resistivity) पदार्थ का एक आंतरिक गुण है। यह तार की लंबाई या क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करती है। इसलिए, यह समान रहेगी।
189. 5 वोल्ट विभवान्तर के दो बिन्दुओं के बीच 2 कूलाम आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है -
- B. 2.5 जूल
- C. 10 जूल
- D. 20 जूल
- A. 0.4 जूल
व्याख्या: कार्य (W) = आवेश (Q) × विभवांतर (V)। W = 2 C × 5 V = 10 जूल।
190. आपस में जुड़ी दो आवेशित वस्तुओं के बीच विद्युत् धारा नहीं बहती यदि वे होती हैं–
- A. समान आवेश पर
- C. समान विभव पर
- D. समान प्रतिरोध पर
- B. समान धारिता पर
व्याख्या: विद्युत धारा का प्रवाह हमेशा उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होता है। यदि दोनों वस्तुओं का विभव समान है, तो विभवांतर शून्य होगा और कोई धारा प्रवाहित नहीं होगी।