81. विद्युत उर्जा को यांत्रिक उर्जा में बदलने की युक्ति है
- A. डायनेमो
- C. विद्युत मोटर
- D. इन्डक्टर
- B. ट्रांसफार्मर
व्याख्या: विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को ग्रहण करती है और उसे यांत्रिक ऊर्जा (घूर्णन गति) में परिवर्तित करती है। डायनेमो इसका उल्टा कार्य करता है।
82. वैद्युत अपघटन की क्रिया में किसी इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ की मात्रा सम्पूर्ण प्रवाहित आवेश के अनुक्रमानुपाती होता है' यह नियम है-
- D. इनमे से कोई नही
- B. फैराडे का विद्युत अपघटन सम्बन्धी द्वितीय नियम
- A. फैराडे का विद्युत अपघटन सम्बन्धी प्रथम नियम
- C. फैराडे का विद्युत अपघटन सम्बन्धी तृतीय नियम
व्याख्या: यह फैराडे के विद्युत अपघटन के पहले नियम का कथन है, जो बताता है कि इलेक्ट्रोड पर जमा हुए पदार्थ का द्रव्यमान (m) परिपथ से प्रवाहित कुल आवेश (Q) के समानुपाती होता है (m ∝ Q)।
83. 100 वाट का बिजली का बल्ब यदि 10 घंटे जले तो बिजली का खर्च होगा-
- C. 10 इकाई
- A. 0.1 इकाई
- B. 1 इकाई
- D. 100 इकाई
व्याख्या: कुल ऊर्जा खपत = शक्ति × समय = 100 वाट × 10 घंटे = 1000 वाट-घंटे। 1000 वाट-घंटे 1 किलोवाट-घंटे (kWh) के बराबर होता है, और 1 kWh को ही 1 'यूनिट' बिजली कहा जाता है।
84. एम्पीयर क्या मापने की इकाई है
- C. प्रतिरोध
- B. विद्युत धारा
- D. पावर
- A. वोल्टेज
व्याख्या: एम्पीयर (A) विद्युत धारा की SI (अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली) इकाई है, जो प्रति सेकंड प्रवाहित होने वाले विद्युत आवेश की मात्रा को मापती है।
85. जब एबोनाइट की छड़ी को बिल्ली की खाल से रगड़ते है तो एबोनाईट की छड़ी-
- D. पहले ऋणावेशित होती है फिर धनावेशित
- B. धनावेशित हो जाती है
- A. ऋणावेशित हो जाती है
- C. उदासीन रहती है
व्याख्या: जब एबोनाइट को बिल्ली की खाल से रगड़ा जाता है, तो बिल्ली की खाल से इलेक्ट्रॉन निकलकर एबोनाइट की छड़ पर आ जाते हैं। अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने के कारण एबोनाइट की छड़ ऋणावेशित हो जाती है।
86. जब कांच की छड़ को रेशम से रगड़ा जाता है तो छड-
- B. धनावेशित हो जाती है
- A. ऋनावेशित हो जाती है
- D. पहले ऋणावेशित होती है फिर धनावेशित
- C. उदासीन रहती है
व्याख्या: घर्षण के कारण, कांच की छड़ से इलेक्ट्रॉन रेशम के कपड़े में स्थानांतरित हो जाते हैं। इलेक्ट्रॉन खोने के कारण कांच की छड़ पर धनावेश आ जाता है।
87. एक किलोवाट घंटा का मान होता है
- C. 10 जूल
- B. 3.6 x 10³
- D. 10 जूल
- A. 3.6 x10⁶ जूल
व्याख्या: 1 किलोवाट-घंटा = 1000 वाट × 3600 सेकंड = 3,600,000 वाट-सेकंड = 3.6 × 10⁶ जूल। (चूंकि 1 वाट = 1 जूल/सेकंड)।
88. किसी आवेशित चालक का सम्पुर्ण आवेश उसके-
- D. सभी सत्य है
- C. कुछ आन्तरिक व कुछ बाहरी पृष्ठ पर रहता है
- B. बाहरी पृष्ठ पर
- A. आंतरिक पृष्ठ पर रहता है
व्याख्या: चालक के अंदर समान आवेशों के बीच प्रतिकर्षण के कारण, कोई भी अतिरिक्त आवेश हमेशा चालक की बाहरी सतह पर ही रहता है।
89. प्रतिदीप्ति नली में सर्वाधिक सामान्यत: प्रयोग होने वाली वस्तु है
- D. मरक्यूरिक ऑक्साइड तथा नियोन
- A. सोडियम ऑक्साइड
- B. सोडियम वाष्प तथा नियोन
- C. पारा वाष्प तथा आर्गन
व्याख्या: एक सामान्य फ्लोरोसेंट ट्यूब (प्रतिदीप्ति नली) में कम दाब पर आर्गन जैसी एक अक्रिय गैस और पारे (मरकरी) की थोड़ी मात्रा में वाष्प भरी होती है।
90. बिजली के बल्ब के मुकाबले फ्लूरोसेंट ट्यूब अधिक पसंद की जाती है क्यूंकि-
- C. ट्यूब में विद्युत उर्जा लगभग पूरी तरह से प्रकाश उर्जा में परिवर्तित हो जाती है
- D. रोशनी आँखों के लिए हानिकारक नही होती
- A. उसकी रोशनी देने वाली सतह बड़ी होती है
- B. वोल्टता की घट बढ़ का उस पर असर नही पड़ता
व्याख्या: फ्लोरोसेंट ट्यूब पारंपरिक बल्बों की तुलना में बहुत अधिक ऊर्जा-कुशल होती हैं। वे समान मात्रा में प्रकाश उत्पन्न करने के लिए बहुत कम बिजली का उपयोग करती हैं क्योंकि वे कम ऊष्मा उत्पन्न करती हैं और अधिक विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं।