11. गुप्त वंश का वह राजा कौन था जिसने हूणों को भारत पर आक्रमण करने से रोका ?
- A.कुमारगुप्त
- B.समुद्रगुप्त
- C.स्कंदगुप्त
- D.चन्द्रगुप्त
व्याख्या: स्कंदगुप्त ने अपने शासनकाल में बर्बर हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया और उन्हें पराजित कर साम्राज्य की रक्षा की। इसका उल्लेख भीतरी स्तंभ लेख में मिलता है।
12. चन्द्रगुप्त II ने 'विक्रमादित्य' की उपाधि कब धारण की ?
- A.शकों का उन्मूलन करने के बाद
- B.गुप्त सिंहासन पर बैठने के बाद
- C.चांदी के सिक्के जारी करने पर
- D.उपर्युक्त सभी
व्याख्या: पश्चिमी भारत में शासन कर रहे शक क्षत्रपों को हराने की महान विजय के उपलक्ष्य में चंद्रगुप्त द्वितीय ने 'शकारि' (शकों का शत्रु) और 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की।
13. एरण अभिलेख का संबंध किस शासक से है?
- A.ब्रह्मगुप्त
- B.चन्द्रगुप्त I
- C.चन्द्रगुप्त II
- D.भानुगुप्त
व्याख्या: एरण अभिलेख का संबंध गुप्त शासक भानुगुप्त से है। यह अभिलेख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भारत में सती प्रथा का पहला अभिलेखीय साक्ष्य मिलता है।
14. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (शासक)A. चन्द्रगुप्त IB. समुद्रगुप्तC. चन्द्रगुप्त IID. स्कंदगुप्तसूची-II (उपाधि)1. महाधिराज2. अश्वमेध पराक्रम3. परम भागवत4. शक्रोपम
- A.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
- B.A → 3, B → 4, C → 2, D → 1
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
व्याख्या: यह गुप्त शासकों और उनकी उपाधियों का सही मिलान है: चंद्रगुप्त I ने 'महाराजाधिराज', समुद्रगुप्त ने 'अश्वमेध पराक्रम', चंद्रगुप्त II ने 'परम भागवत' और स्कंदगुप्त ने 'शक्रोपम' की उपाधि धारण की थी।
15. फाह्यान द्वारा रचित ग्रंथ 'फो-कुओ-की' में निम्न में से किसका विवरण नहीं मिलता है?
- A.बौद्ध धर्म के सिद्धांतों
- B.बौद्ध राज्यों का
- C.गौतम बुद्ध के उपदेशों का
- D.बौद्ध मंदिरों, स्तूपों एवं विहारों का
व्याख्या: फाह्यान एक बौद्ध भिक्षु था और उसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा करना था। उसने अपनी पुस्तक में बौद्ध स्थलों, मंदिरों और तत्कालीन सामाजिक स्थिति का वर्णन किया है, न कि बौद्ध धर्म के गूढ़ दार्शनिक सिद्धांतों का।
16. मिहिरकुल का संबंध था
- A.गुप्त
- B.हूण
- C.कुषाण
- D.मौखरि
व्याख्या: मिहिरकुल एक क्रूर और शक्तिशाली हूण शासक था जिसने गुप्त साम्राज्य के पतन काल में भारत के कुछ हिस्सों पर आक्रमण और शासन किया था।
17. चन्द्रगुप्त 1 ने गुप्त संवत् का प्रारंभ किस उपलक्ष्य में किया?
- A.अपने राज्यारोहण के स्मारक के रूप में
- B.शकों के उन्मूलन के उपलक्ष्य में
- C.हूणों को परास्त करने के उपलक्ष्य में
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: चंद्रगुप्त प्रथम ने 319-320 ईस्वी में अपने राज्यारोहण की स्मृति में एक नए कैलेंडर, गुप्त संवत् की शुरुआत की।
18. गुप्त काल की सोने की मुद्रा को कहा जाता था
- A.दीनार
- B.कार्षापण
- C.निष्क
- D.काकिनी
व्याख्या: गुप्त काल में जारी किए गए सोने के सिक्कों को 'दीनार' कहा जाता था। ये सिक्के कलात्मक दृष्टि से बहुत उत्कृष्ट थे।
19. गुप्त काल में उत्तर भारतीय व्यापार निम्नलिखित किस एक पतन से संचालित होता था ?
- A.ताम्रलिप्ति
- B.भड़ौच
- C.कल्याण
- D.काम्ब्रे
व्याख्या: ताम्रलिप्ति (वर्तमान बंगाल में) गुप्त काल में पूर्वी तट का एक प्रमुख बंदरगाह था, जहाँ से दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य देशों के साथ व्यापार होता था।
20. सोने के सर्वाधिक सिक्के किस काल में जारी किये गये?
- A.कुषाण काल में
- B.गुप्त काल में
- C.मौर्य काल में
- D.हिन्द-यवन काल में
व्याख्या: हालांकि सबसे शुद्ध सोने के सिक्के कुषाणों ने जारी किए, लेकिन संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक सोने के सिक्के गुप्त शासकों द्वारा जारी किए गए।