181. राकेट किस सिद्धांत पर कार्य करता है -
- C. एवेग्रेडो परिकल्पना
- B. बर्नोली प्रमेय
- A. ऊर्जा संरक्षण
- D. संवेग संरक्षण
व्याख्या: एक रॉकेट उच्च वेग से गैसों को पीछे की ओर निकालता है। संवेग संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार, इस क्रिया के कारण रॉकेट को आगे की दिशा में एक समान और विपरीत संवेग प्राप्त होता है।
182. रॉकेट, ______ संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- A. बल
- D. त्वरण
- B. दाब
- C. संवेग
व्याख्या: रॉकेट संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है। गैसों को पीछे धकेलने से उत्पन्न संवेग, रॉकेट को आगे की ओर धकेलता है।
183. चार गोले A, B, C, D क्रमश: 100 ग्राम, 200 ग्राम, 300 ग्राम और 400 ग्राम के किसी घर्षण रहित फर्श पर पड़े हुए हैं। किसी निश्चित बल से धक्का देने पर, अधिकतम त्वरण होगा -
- C. गोले C का
- B. गोले B का
- A. गोले A का
- D. गोले D का
व्याख्या: न्यूटन के दूसरे नियम ($a = F/m$) के अनुसार, एक निश्चित बल के लिए त्वरण द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसलिए, सबसे कम द्रव्यमान (गोला A) वाले गोले का त्वरण अधिकतम होगा।
184. दूध से क्रीम निकालने में कौन सा बल लगता है -
- D. बाह्य बल
- A. अपकेन्द्रीय बल
- C. उपकेन्द्रीय बल
- B. अभिकेन्द्रीय बल
व्याख्या: जब दूध को तेजी से घुमाया जाता है, तो अपकेंद्री बल के कारण भारी कण (दूध) बाहर की ओर और हल्के कण (क्रीम) केंद्र की ओर चले जाते हैं, जिससे वे अलग हो जाते हैं।
185. किसी मनुष्य का भार पृथ्वी पर 600 न्यूटन है तब चन्द्रमा पर उसका भार कितना होगा -
- B. 60 न्यूटन
- D. 100 न्यूटन
- C. 1000 न्यूटन
- A. 6000 न्यूटन
व्याख्या: चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का लगभग 1/6 गुना होता है। इसलिए, चंद्रमा पर व्यक्ति का भार पृथ्वी पर उसके भार का 1/6 होगा (600 N / 6 = 100 N)।
186. यदि दो अलग अलग द्रव्यमान वाली स्थिर वस्तुओं पर एक ही समयावधि के लिए समान बल कार्य करता है, तो उन दो वस्तुओं के लिए निम्न में से क्या समान होगा -
- B. वेग
- C. संवेग
- D. त्वरण
- A. गतिज ऊर्जा
व्याख्या: आवेग (बल × समय) संवेग में परिवर्तन के बराबर होता है। चूँकि बल और समय दोनों वस्तुओं के लिए समान हैं, इसलिए उनके संवेग में परिवर्तन भी समान होगा।
187. जब किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है तो उसकी अधिकतम ऊँचाई पर उसका वेग क्या होगा -
- D. 0 मी / से
- C. 14.7 मी / से
- A. 4.9 मी / से
- B. 9.8 मी / से
व्याख्या: जब कोई वस्तु ऊपर की ओर फेंकी जाती है, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण उसका वेग धीरे-धीरे कम होता जाता है। अधिकतम ऊँचाई पर, वस्तु क्षण भर के लिए रुक जाती है, इसलिए उसका वेग शून्य होता है।
188. ऊपर फेंकी जाने वाली वस्तु का त्वरण होता है -
- B. ऋणात्मक
- D. इनमें से कोई नहीं
- A. धनात्मक
- C. शून्य
व्याख्या: गुरुत्वाकर्षण बल हमेशा नीचे की ओर कार्य करता है। जब वस्तु ऊपर जा रही होती है, तो त्वरण उसकी गति की विपरीत दिशा में होता है, जिसे ऋणात्मक त्वरण या मंदन कहते हैं।
189. एक कण पर अचर परिणाम का एक बल लगाया जाता है, जो कण के वेग के हमेशा लंबवत होता है। कण की गति एक तल में है। इस गति में कौनसी राशि/राशियां अचर होंगी -
- D. केवल त्वरण
- A. वेग और गतिज ऊर्जा
- C. केवल गतिज ऊर्जा
- B. वेग, त्वरण और गतिज ऊर्जा
व्याख्या: जब बल वेग के लंबवत होता है, तो यह केवल वस्तु की दिशा बदलता है, उसकी गति (चाल) नहीं। चूँकि गतिज ऊर्जा ($1/2 mv²$) केवल चाल पर निर्भर करती है, इसलिए गतिज ऊर्जा स्थिर रहेगी।
190. यदि एक उत्थापक को आलम्बित करने वाली केबल में तनाव उत्थापक के भार के समान है, तो उत्थापक जा रहा हो सकता है -(A) ऊपर की ओर बढ़ती चाल से(B) नीचे की ओर बढ़ती चाल से(C) ऊपर की ओर नियत चाल से(D) नीचे की ओर नियत चाल सेउपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं -
- D. केवल (C) तथा (D)
- B. केवल (B) तथा (D)
- A. केवल (A) तथा (C)
- C. केवल (A) तथा (B)
व्याख्या: जब केबल में तनाव लिफ्ट के भार के बराबर होता है, तो लिफ्ट पर कुल बल शून्य होता है। इसका मतलब है कि लिफ्ट में कोई त्वरण नहीं है, और वह या तो स्थिर है या एक नियत चाल से ऊपर या नीचे जा रही है।