21. 'भिखारी दरवाजे-दरवाजे भीख माँगता है।' इस वाक्य में 'दरवाजे-दरवाजे' में कौन-सा कारक है?
- B. करण कारक
- D. अपादान कारक
- C. अधिकरण कारक
- A. कर्म कारक
व्याख्या: यहाँ 'दरवाजे-दरवाजे' का अर्थ है 'हर दरवाजे पर', जो स्थान (आधार) का बोध करा रहा है, अतः यह अधिकरण कारक है।
22. जब कर्ता एक क्रिया समाप्त कर दूसरी क्रिया करता है, तो पहली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं। इस स्थिति में कारक पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- B. दूसरी क्रिया का कारक बदल जाता है।
- C. दोनों क्रियाओं का कर्ता एक ही होने से कारक अप्रभावित रहता है।
- A. पहली क्रिया का कारक बदल जाता है।
- D. वाक्य में दो कर्ता कारक हो जाते हैं।
व्याख्या: जैसे 'वह खाकर सो गया' में 'खाना' और 'सोना' दोनों क्रियाओं का कर्ता 'वह' ही है।
23. किस कारक का विभक्ति चिह्न संज्ञा के साथ जुड़कर और सर्वनाम के साथ अलग से लिखा जाता है?
- B. ऐसा किसी कारक में नहीं होता।
- C. केवल सम्बन्ध कारक (का, के, की)।
- D. यह नियम कर्ता, कर्म और करण कारक पर लागू होता है।
- A. यह नियम सभी कारकों पर लागू होता है।
व्याख्या: जैसे 'राम ने' (अलग) लेकिन 'उसने' (जुड़कर)। प्रश्न की बनावट भ्रामक है। सही उत्तर यह है कि सर्वनामों के साथ विभक्तियाँ जुड़ जाती हैं (उसने, उसको, उससे) जबकि संज्ञाओं के साथ अलग रहती हैं (राम ने, राम को, राम से)।
24. मेरी घड़ी खो गई है। इस वाक्य में 'मेरी' में कौन-सा कारक है?
- A. कर्ता कारक
- C. अधिकरण कारक
- D. कर्म कारक
- B. सम्बन्ध कारक (रा, री, रे)
व्याख्या: 'मेरा', 'मेरी', 'मेरे' सर्वनाम के साथ लगकर सम्बन्ध कारक का बोध कराते हैं।
25. किस वाक्य में अपादान कारक का प्रयोग हुआ है?
- D. लड़का छत से कूद पड़ा।
- B. वह कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है।
- A. शिकारी ने तीर से बाघ मारा।
- C. मैं पिताजी के साथ बाजार गया।
व्याख्या: यहाँ 'छत से' अलगाव का बोध करा रहा है, इसलिए अपादान कारक है।
26. किस वाक्य में अधिकरण कारक का प्रयोग नहीं हुआ है?
- A. छत पर मत खेलो।
- B. वह तीन दिन में आएगा।
- D. उसके सिर पर कर्ज है।
- C. गिलास में पानी है।
व्याख्या: यह एक लाक्षणिक प्रयोग है। यहाँ 'सिर पर' का अर्थ आधार या स्थान नहीं है, बल्कि यह एक मुहावरेदार अभिव्यक्ति है। व्याकरण की दृष्टि से यहाँ सम्बन्ध कारक ('उसके सिर') प्रमुख है।
27. 'बिल्ली छत से कूदी।' और 'बिल्ली छत पर है।' इन दो वाक्यों में 'छत' पद के कारक क्रमशः क्या हैं?
- A. करण, अधिकरण
- B. अपादान, अधिकरण
- C. कर्म, करण
- D. अपादान, सम्बन्ध
व्याख्या: पहले वाक्य में छत से अलगाव है (अपादान), दूसरे में छत क्रिया का आधार है (अधिकरण)।
28. करण कारक और अपादान कारक में मुख्य अंतर क्या है?
- A. दोनों में 'से' का प्रयोग होता है, कोई अंतर नहीं है।
- C. करण अलगाव का बोध कराता है, अपादान साधन का।
- B. करण साधन का बोध कराता है, अपादान अलगाव का।
- D. करण में 'द्वारा' लगता है, अपादान में 'से'।
व्याख्या: यह दोनों के बीच का मूलभूत अंतर है। करण क्रिया का साधन है, जबकि अपादान से अलगाव, तुलना, भय आदि का भाव प्रकट होता है।
29. कर्म कारक और सम्प्रदान कारक में 'को' विभक्ति के प्रयोग का मुख्य अंतर क्या है?
- D. कर्म एक होता है, सम्प्रदान अनेक हो सकते हैं।
- B. कर्म में क्रिया का फल पड़ता है, सम्प्रदान में कुछ दिया जाता है।
- C. कर्म निर्जीव के साथ आता है, सम्प्रदान सजीव के साथ।
- A. कोई मुख्य अंतर नहीं है।
व्याख्या: कर्म क्रिया से प्रभावित होता है (जैसे राम ने रावण को मारा), जबकि सम्प्रदान में किसी के लिए कुछ किया जाता है या कुछ दिया जाता है (जैसे राजा ने ब्राह्मण को धन दिया)।
30. 'वह जन्म से अंधा है।' इस वाक्य में 'जन्म से' में कौन-सा कारक है?
- A. अपादान कारक
- D. अधिकरण कारक
- C. सम्बन्ध कारक
- B. करण कारक
व्याख्या: जब कोई कार्य किसी निश्चित समय से आरम्भ होता है (starting point), तो वहाँ अपादान कारक होता है।