21. महाराष्ट्र में 'रामोसी कृषक जत्था' किसने स्थापित की थी ?
- A.न्यायमूर्ति राणाडे
- B.गोपाल कृष्ण गोखले
- C.वासुदेव बलवंत फड़के
- D.ज्योतिबा फूले
व्याख्या: वासुदेव बलवंत फड़के, जिन्हें भारतीय सशस्त्र विद्रोह का जनक माना जाता है, ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए रामोसी जनजाति के लोगों को संगठित कर 'रामोसी कृषक जत्था' की स्थापना की।
22. किस आंदोलन के दौरान सबसे बड़ा कृषक छापामार युद्ध देखने को मिला ?
- A.तेलांगाना आंदोलन
- B.पुन्नप्रा-वायलर आंदोलन
- C.तेभागा आंदोलन
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: 1946-51 के दौरान हैदराबाद राज्य में हुआ तेलंगाना आंदोलन एक विशाल कृषक विद्रोह था, जिसमें किसानों ने ज़मींदारों और निज़ाम के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापामार (गुरिल्ला) युद्ध का सहारा लिया।
23. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (किसान विद्रोह)A. नील आन्दोलन, 1859-60B. कूका आन्दोलन 1872-90C. पावना विद्रोह 1873-76D. टाना भगत आन्दोलन, 1914-16सूची-II (विद्रोह का नेता)1. दिगम्बर विशवास व विष्णु विशवास2. बाबा राम सिंह कूका3. ईशान चंद्र राय व शंभुपाल4. जाबा भगत
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
व्याख्या: यह विद्रोहों और उनके नेताओं का सही मिलान है: नील आंदोलन का नेतृत्व दिगम्बर और विष्णु विश्वास ने, कूका आंदोलन का बाबा राम सिंह कूका ने, पावना विद्रोह का ईशान चंद्र राय और शंभुपाल ने और टाना भगत आंदोलन का नेतृत्व जाबा भगत ने किया।
24. वर्ष 1873 ई० में महाराष्ट्र में स्थापित 'सत्यशोधक समाज' का उद्देश्य था
- A.ब्राह्मणवाद का विरोध करना
- B.निम्न जातियों को शिक्षित करके उनका उत्थान करना
- C.a एवं b दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: 'सत्यशोधक समाज' का मुख्य उद्देश्य ब्राह्मणवादी पाखंड और सामाजिक श्रेष्ठता का विरोध करना तथा दलितों और निचली जातियों के लोगों को शिक्षा और सामाजिक अधिकारों के लिए जागरूक कर उनका उत्थान करना था।
25. तेलांगाना आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?
- A.डोडी कुमारैया
- B.सुंदरैया
- C.a एवं b दोनों
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: डोडी कुमारैया और पुच्चालापल्ली सुंदरैया दोनों ही तेलंगाना कृषक विद्रोह के प्रमुख नेता थे। यह आंदोलन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मार्गदर्शन में चलाया गया था।
26. कथन (A) : 1930 के दशक के आरंभ में भारतीय राष्ट्रवादी लहर में श्रमिक मजदूर भागीदारी का प्रभाव कम था। कारण (R) : श्रमिक नेता भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस विचारधारा को बुर्जुआ और प्रतिक्रियावादी समझते थे।
- A.A और R दोनों सही है तथा R, A का सही स्पष्टीकरण है।
- B.A और R दोनों सही है तथा R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
- C.A सही है किन्तु R गलत है।
- D.A गलत है किन्तु R सही है।
व्याख्या: 1930 के दशक में कम्युनिस्ट विचारधारा के प्रभाव के कारण कई श्रमिक नेता कांग्रेस को पूंजीपतियों (बुर्जुआ) की पार्टी मानते थे, इसलिए उन्होंने राष्ट्रवादी आंदोलन से दूरी बनाए रखी, जिससे श्रमिक भागीदारी कम हुई।
27. बी. आर. अंबेडकर के संबंध में क्या सही है? 1. मोहम्मद अली जिन्ना ने जब 22 दिस. 1939 में 'मुक्ति दिवस' मनाया तो उसमें अंबेडकर भी शामिल हुए। 2. अंबेडकर ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' (1942) के समय जब महात्मा गाँधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया तो अंबेडकर ने इस कदम को बेवकूफी का कदम माना और कहा कि 'इस आंदोलन को चलाने वालों के पास राजनैतिक परिपक्वता का अभाव है। 3. अंबेडकर नेहरु मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बने किन्तु 'हिन्दू कोड बिल' के मुद्दे पर नेहरु-पटेल से मतभेद हो जाने पर त्यागपत्र दे दिया। 4. अंबेडकर अपने मरने के वर्ष 1956 में बौद्ध धर्म में दीक्षित हुए। कूट :
- A.1, 2 और 3
- B.1,3 और 4
- C.1, 2, 3 और 4
- D.2, 3 और 4
व्याख्या: दिए गए सभी चारों कथन डॉ. बी. आर. अंबेडकर के जीवन और विचारों के संबंध में ऐतिहासिक रूप से सही हैं।
28. किस वायसराय के शासनकाल में पहला फैक्ट्री अधिनियम पारित किया गया?
- A.लार्ड कर्जन
- B.लार्ड लिटन
- C.लार्ड रिपन
- D.लार्ड कैनिंग
व्याख्या: पहला भारतीय कारखाना अधिनियम 1881 में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल के दौरान पारित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य कारखानों में काम करने वाले बच्चों की स्थिति में सुधार करना था।
29. नील विद्रोह के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 1. नील विद्रोह प्रबुद्ध वर्ग द्वारा आंदोलन के उद्देश्य को समर्थन देने में निभाई गई भूमिका के लिए विशिष्टतः स्मरणीय है। 2. विद्रोह के पश्चात् औपनिवेशिक प्राधिकारियों ने नील उत्पादकों की शिकायतों की जाँच के लिए नील आयोग की स्थापना की। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.1 और 2 दोनों
- D.न तो 1 और न ही 2
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। 'हिन्दू पैट्रियट' जैसे समाचार पत्रों और बुद्धिजीवियों ने विद्रोह का समर्थन किया। विद्रोह की सफलता के बाद, सरकार ने 1860 में नील आयोग का गठन किया, जिसने किसानों की शिकायतों को सही पाया।
30. वायकोम सत्याग्रह (1924-25) कहाँ चलाया गया?
- A.केरल
- B.तमिलनाडु
- C.कर्नाटक
- D.आंध्र प्रदेश
व्याख्या: वायकोम सत्याग्रह केरल के त्रावणकोर रियासत में वायकोम मंदिर के पास की सड़कों पर अवर्णों (निम्न जातियों) के चलने के अधिकार के लिए चलाया गया एक महत्वपूर्ण सामाजिक आंदोलन था।