41. किसके द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की माँग की प्रस्तुति के कारण 1896 में तिरुनेवल्ली में भयंकर दंगे हुए थे ?
- A.ओकालिग
- B.नाडार
- C.महार
- D.पल्ली
व्याख्या: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली (तिरुनेवल्ली) क्षेत्र में नाडार समुदाय द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की मांग करने पर उच्च जातियों के साथ उनका संघर्ष हुआ, जो 1896-99 के दंगों का कारण बना।
42. वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि उनकी कुशल संगठन क्षमता के कारण किस आंदोलन के दौरान दी गई थी ?
- A.खेड़ा सत्याग्रह में
- B.बारदोली सत्याग्रह में
- C.नमक सत्याग्रह में
- D.व्यक्तिगत सत्याग्रह में
व्याख्या: 1928 में बारदोली सत्याग्रह के सफल नेतृत्व के बाद, वहाँ की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' (नेता या प्रमुख) की उपाधि दी, जो बाद में उनके नाम का अभिन्न अंग बन गई।
43. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I कृषक/ किसान विद्रोह)A. फकीर विद्रोह, 1776-77B. रंगपुर विद्रोह, 1783C. पालिगरों का विद्रोह, 1801-56D. पागलपंथी विद्रोह, 1825-33सूची-II (विद्रोह का नेता)1. मजनूशाह व चिराग अली शाह2. नूरुद्दिन व धीरज नारायण3. वीर पं. काट्टावास्मान4. टीपू
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 3, D → 4
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
व्याख्या: यह विद्रोहों और उनके नेताओं का सही मिलान है: फकीर विद्रोह- मजनूशाह व चिराग अली शाह, रंगपुर विद्रोह- नूरुद्दीन व धीरज नारायण, पालिगरों का विद्रोह- वीर पं. काट्टावाम्मन, पागलपंथी विद्रोह- टीपू शाह।
44. तेभागा आंदोलन (1946-47) था
- A.जोतदारों के विरुद्ध बर्गादारों (बटाईदारों) का आंदोलन
- B.बर्गादारों के विरुद्ध जोतदारों का आंदोलन
- C.महाजनों के विरुद्ध किसानों का आंदोलन
- D.ब्रिटिश शासन के विरुद्ध किसानों का आंदोलन
व्याख्या: तेभागा आंदोलन बंगाल के बटाईदारों (बर्गादारों) का आंदोलन था जो जोतदारों (ज़मींदारों) के खिलाफ था। उनकी मांग थी कि फसल का हिस्सा आधे से बढ़ाकर दो-तिहाई किया जाए।
45. बारदोली सत्याग्रह (1928) का नेतृत्व किसने किया?
- A.राजेन्द्र प्रसाद ने
- B.विनोबा भावे ने
- C.वल्लभ भाई पटेल ने
- D.जमनालाल बजाज ने
व्याख्या: बारदोली सत्याग्रह, जो गुजरात में बढ़ाए गए लगान के खिलाफ एक प्रमुख किसान आंदोलन था, का नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था। इसी आंदोलन की सफलता पर उन्हें 'सरदार' की उपाधि मिली।
46. भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन' के जन्मदाता थे
- A.एन. एम. लोखाण्डे
- B.बी. पी. वाड़िया
- C.एन. एम. जोशी
- D.एन. एम. राय
व्याख्या: नारायण मल्हार जोशी (एन. एम. जोशी) ने 1920 में 'अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस' (AITUC) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण उन्हें 'भारतीय ट्रेड यूनियन आंदोलन का जन्मदाता' कहा जाता है।
47. वर्ष 1925 ई० में मद्रास में 'आत्म-सम्मान आंदोलन' चलानेवाले ई. वी. रामास्वामी नायकर का लोकप्रिय नाम है
- A.पेरियार (महान आत्मा)
- B.नानू आसन
- C.अन्ना
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: ई. वी. रामास्वामी नायकर को उनके अनुयायी सम्मानपूर्वक 'पेरियार' कहते थे, जिसका तमिल में अर्थ 'महान व्यक्ति' या 'सम्मानित व्यक्ति' होता है। उन्होंने ब्राह्मणवादी वर्चस्व के खिलाफ आत्म-सम्मान आंदोलन चलाया।
48. बंबई में 'अखिल भारतीय व्यापार संघ काँग्रेस' (AITUC) की स्थापना कब हुई ?
- A.1920 ई०
- B.1925 ई०
- C.1929 ई०
- D.1935 ई०
व्याख्या: भारत में मजदूर आंदोलन को एक संगठित रूप देने के लिए 31 अक्टूबर, 1920 को बंबई में 'अखिल भारतीय व्यापार संघ काँग्रेस' (AITUC) की स्थापना की गई थी।
49. वर्ष 1906 ई० में बंबई में 'दलित वर्ग मिशन समाज' (Depressed Class Mission Society) की स्थापना किसने की ?
- A.वी. आर. शिन्दे
- B.महात्मा गाँधी
- C.वी. आर. अम्बेडकर
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: विट्ठल रामजी शिंदे (वी. आर. शिन्दे) ने 1906 में दलितों के बीच शिक्षा प्रदान करने और उनकी सामाजिक समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से 'दलित वर्ग मिशन समाज' की स्थापना की थी।
50. नील आंदोलन का जमकर समर्थन करनेवाले 'हिन्दू पैट्रियाट' के संपादक थे
- A.हेम चन्द्राकर
- B.हरिश्चन्द्र मुखर्जी
- C.दीनबंधु मित्र
- D.दिगम्बर विश्वास
व्याख्या: हरिश्चंद्र मुखर्जी ने अपने समाचार पत्र 'हिन्दू पैट्रियट' के माध्यम से नील किसानों के शोषण को उजागर किया और नील विद्रोह (1859-60) का पुरजोर समर्थन किया।