51. कौन आंदोलन कृषिजन्य असंतोष से आरंभ हुआ और असहयोग-खिलाफत आंदोलन के आकस्मिक स्थगन के प्रतिक्रियास्वरूप सांप्रदायिक-राजनीतिक रूप धारण कर लिया ?
- A.चंपारण सत्याग्रह
- B.मोपला आंदोलन
- C.तेभागा आंदोलन
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: 1921 का मोपला आंदोलन केरल में मुस्लिम किसानों (मोपला) द्वारा हिंदू जमींदारों (जान्मी) के खिलाफ एक कृषि आंदोलन के रूप में शुरू हुआ, लेकिन असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद इसने एक हिंसक और सांप्रदायिक रूप ले लिया।
52. खेड़ा के किसानों के पक्ष में महात्मा गाँधी के सत्याग्रह संघटित करने का क्या कारण था ? 1. अकाल पड़ने के बावजूद प्रशासन ने भू-राजस्व की उगाही स्थगित नहीं 2. प्रशासन का यह प्रस्ताव था कि गुजरात में स्थायी बंदोबस्त लागू कर दिया। उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं ?
- A.केवल 1
- B.केवल 2
- C.1 और 2 दोनों
- D.न तो 1 और न ही 2
व्याख्या: 1918 में खेड़ा सत्याग्रह का मुख्य कारण यह था कि फसल खराब होने के बावजूद, बंबई सरकार ने भू-राजस्व माफ करने से इनकार कर दिया था। गांधीजी ने किसानों को लगान न देने के लिए संगठित किया।
53. मानव बलि प्रथा का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध विरोध करने वाली जनजाति का नाम बताएँ
- A.कूकी
- B.खोंड
- C.उरांव
- D.नाइकदा
व्याख्या: उड़ीसा की खोंड जनजाति में 'मारिया' (मानव बलि) की प्रथा प्रचलित थी। जब अंग्रेजों ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाया, तो खोंडों ने इसे अपनी परंपरा में हस्तक्षेप माना और चक्र बिसोई के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया।
54. 1929 ई० में अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस में पहली बार विभाजन हुआ उस समय एटक (AITUC) के अध्यक्ष थे
- A.जवाहर लाल नेहरु
- B.एन. एम. राय
- C.एन. एम. जोशी
- D.बी. पी. वाडिया
व्याख्या: 1929 में जब AITUC में नरमपंथियों और गरमपंथियों के बीच विभाजन हुआ, उस समय संगठन के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे। यह विभाजन नागपुर अधिवेशन में हुआ था।
55. दक्कन के दंगे / दक्कन उपद्रव, जो कि साहूकारों के शोषण के विरुद्ध किसानों के असंतोष की अभिव्यक्ति थे, कब आरंभ हुआ?
- A.1872 ई० में
- B.1875 ई० में
- C.1885 ई० में
- D.1895 ई० में
व्याख्या: दक्कन के दंगे 1875 में महाराष्ट्र के पूना और अहमदनगर जिलों में शुरू हुए। यह मुख्य रूप से मारवाड़ी और गुजराती साहूकारों द्वारा किसानों के अत्यधिक शोषण के खिलाफ एक विद्रोह था।
56. 'नाई-थोबी बंद' सामाजिक बहिष्कार का एक रूप था, जो 1919 में -
- A.किसानों द्वारा प्रतापगढ़ जिले में चलाया गया था
- B.साधुओं द्वारा चलाया गया आंदोलन जिससे निम्न जाति के लोगों का उद्धार हो सके
- C.जमींदारों द्वारा गांव के निम्न जाति के विरुद्ध उठाया गया कदम
- D.निम्न जाति द्वारा ठेकेदारों के विरुद्ध उठाया गया आंदोलन
व्याख्या: 1919 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में किसानों ने ज़मींदारों के शोषण के खिलाफ 'नाई-धोबी बंद' आंदोलन चलाया। यह एक सामाजिक बहिष्कार था जिसमें नाइयों और धोबियों ने ज़मींदारों को अपनी सेवाएँ देना बंद कर दिया।
57. वर्ष 1902-03 ई० में आरंभ किया गया 'श्री नारायण धर्म परिपालनम योगम (S.N.D.P) आंदोलन के प्रणेता थे
- A.श्री नारायण गुरु
- B.ई. वी. रामास्वामी नायकर
- C.ज्योतिबा फूले
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: श्री नारायण गुरु, डॉ. पल्पू और कुमारन आसन ने मिलकर केरल में एझवा जैसी निचली जातियों के उत्थान के लिए 'श्री नारायण धर्म परिपालनम योगम' (SNDP) की स्थापना की। श्री नारायण गुरु इसके प्रमुख प्रेरणास्रोत थे।
58. निम्न में से कौन फरवरी 1918 में स्थापित यू. पी. किसान सभा की स्थापना से संबद्ध नहीं था?
- A.इंद्र नारायण द्विवेदी
- B.गौरी शंकर मिश्र
- C.जवाहरलाल नेहरु
- D.मदन मोहन मालवीय
व्याख्या: यू. पी. किसान सभा की स्थापना 1918 में गौरी शंकर मिश्र, इंद्र नारायण द्विवेदी और मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से हुई थी। जवाहरलाल नेहरू 1920 के बाद अवध के किसान आंदोलन से जुड़े।
59. बी. आर. अंबेडकर के संदर्भ में क्या सही है? 1. अंबेडकर ने 'मूक नायक' (मराठी साप्ताहिक) व 'बहिष्कृत भारत' (मराठी पाक्षिक) का संपादन किया। 2. उन्होंने कुओं व तालाबों से अछूतों को पानी लेने के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए 1927 में 'महार बावड़ी सत्याग्रह' चलाया। 3. उन्होंने 'महार वतन प्रथा' (बंधुआ मजूरी प्रथा) के उन्मूलन के लिए 1928 में संघर्ष किया। 4. उन्होंने 'पार्वती मंदिर सत्याग्रह' (1928) व 'कालाराम मंदिर सत्याग्रह' (1930-33) चलाए।
- A.1, 2 और 3
- B.1,2 और 4
- C.1, 2, 3 और 4
- D.2,3 और 4
व्याख्या: ये सभी कथन डॉ. बी. आर. अंबेडकर द्वारा दलितों के सामाजिक और धार्मिक अधिकारों के लिए किए गए संघर्षों का सटीक वर्णन करते हैं।
60. अक्टूबर 1920 में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के लिए ताशकंद में एकत्र हुए भारतीयों के समूह के मुखिया थे
- A.एच. के. सरकार
- B.पी. सी. जोशी
- C.एम्. सी. छागला
- D.एम. एन. राय
व्याख्या: मानवेन्द्र नाथ रॉय (एम. एन. राय) ने 17 अक्टूबर, 1920 को ताशकंद (अब उज्बेकिस्तान में) में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी और वे उस समूह के प्रमुख नेता थे।