1. 'सर-ए-नौबत' का अर्थ था
- A.सेनापति
- B.धर्म मंत्री
- C.विदेश मंत्री
- D.गृह मंत्री
व्याख्या: शिवाजी के 'अष्टप्रधान' मंत्रिमंडल में, 'सर-ए-नौबत' या 'सेनापति' सेना का प्रमुख होता था, जिसका कार्य सेना की भर्ती, संगठन और अनुशासन बनाए रखना था।
2. किस मराठा सरदार ने सेना का गठन युरोपीय ढंग से किया ?
- A.महदाजी सिंधिया
- B.रघुनाथ राव / राघोवा
- C.मल्हारराव होल्कर
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: महादजी सिंधिया ने फ्रांसीसी सैन्य विशेषज्ञों, विशेषकर बेनोइट डी बोइग्ने की मदद से अपनी सेना को यूरोपीय तर्ज पर प्रशिक्षित और संगठित किया, जिससे वह उत्तर भारत में एक शक्तिशाली ताकत बन गए।
3. शिवाजी को 'पहाड़ी चूहा' व 'साहसी डाकू' की संज्ञा किसने दी ?
- A.जयसिंह
- B.अफजल खाँ
- C.औरंगजेब
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: मुगल बादशाह औरंगजेब, शिवाजी की छापामार (गुरिल्ला) युद्ध शैली से परेशान होकर, उन्हें अपमानित करने के लिए 'पहाड़ी चूहा' और 'साहसी डाकू' कहता था।
4. 'दास बोध' के रचनाकार हैं
- A.तुलसीदास
- B.सूरदास
- C.कबीरदास
- D.समर्थ रामदास
व्याख्या: 'दास बोध' मराठी संत साहित्य का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसकी रचना छत्रपति शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु, समर्थ रामदास ने की थी। इसमें ज्ञान, भक्ति और कर्म का समन्वय है।
5. 'सरंजामी' प्रथा किससे संबंधित थी ?
- A.मराठा भूराजस्व व्यवस्था
- B.तालुकदारी प्रथा
- C.कुतुबशाही प्रशासन
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: सरंजामी प्रथा मराठा काल में प्रचलित एक प्रणाली थी, जिसके तहत सरदारों को उनकी सैन्य सेवाओं के बदले में वेतन के रूप में भूमि (जागीर) दी जाती थी।
6. 'अष्टप्रधान मंत्रिपरिषद किस शासक के शासनकाल में थी ?
- A.टीपू सुल्तान
- B.अकबर
- C.शिवाजी
- D.कृष्णदेव राय
व्याख्या: अष्टप्रधान, आठ मंत्रियों की एक परिषद थी जो छत्रपति शिवाजी के शासनकाल में प्रशासनिक कार्यों में सहायता करती थी। इसमें पेशवा, आमात्य, सुमंत आदि शामिल थे।
7. शिवाजी के 'अष्टप्रधान' का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख-रेख करता था,वह था -
- A.पेशवा
- B.सचिव
- C.पंडित राव
- D.सुमन्त
व्याख्या: शिवाजी के अष्टप्रधान में 'सुमंत' (या दबीर) विदेश मंत्री का पद था, जो विदेशी राज्यों के साथ संबंध, संधि और संवाद की देखरेख करता था।
8. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :सूची-I (छत्रपति) A. शम्भाजी B. राजाराम C. ताराबाई D. शाहू I सूची-II (शासनकाल) 1. 1680-89 2. 1689-1700 3. 1700-08 4. 1708-49 कूट
- A.A → 1, B → 2, C → 3, D → 4
- B.A → 2, B → 1, C → 4, D → 3
- C.A → 1, B → 2, C → 4, D → 3
- D.A → 4, B → 3, C → 2, D → 1
व्याख्या: यह मराठा छत्रपतियों और उनके शासनकाल का सही कालानुक्रमिक मिलान है।
9. शिवाजी की भूराजस्व व्यवस्था के संदर्भ में क्या सत्य है ?
- A.शिवाजी ने रस्सी द्वारा माप के स्थान पर काठी एवं मानक छड़ी का प्रयोग का प्रचलन किया
- B.भूराजस्व (लगान) की दर आरंभ में कुल उपज का 33%' थी, जो बाद में बढ़ाकर 40%' कर दी गई
- C.शिवाजी ने जमींदारी व जागीरदारी का विरोध करते हुए रैय्यतबाड़ी व्यवस्था को अपनाया
- D.उपर्युक्त में सभी
व्याख्या: ये सभी कथन शिवाजी की भू-राजस्व सुधारों की विशेषताओं को दर्शाते हैं, जिसका उद्देश्य किसानों को राहत देना और राज्य की आय को स्थिर करना था।
10. पेशवाई को कब समाप्त किया गया हैं
व्याख्या: तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद, 1818 में अंग्रेजों ने पेशवा के पद को समाप्त कर दिया और अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय को पेंशन देकर बिठूर भेज दिया।