31. शिवाजी की मृत्यु के पश्चात् उत्तराधिकार के लिए किनके बीच लड़ाई हुई
- A.शम्भाजी और शिवाजी की विधवा
- B.शम्भाजी और बाजीराव
- C.राजाराम और शम्भाजी
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: शिवाजी की मृत्यु के बाद, उनके दो पुत्रों - शम्भाजी (ज्येष्ठ पुत्र) और राजाराम (छोटे पुत्र) के बीच उत्तराधिकार के लिए संघर्ष हुआ, जिसमें अंततः शम्भाजी विजयी हुए।
32. मराठा मण्डल या मराठा राज्य संघ (Maratha Confederacy) की स्थापना किस पेशवा के समय में हुई ?
- A.बालाजी विश्वनाथ
- B.बाजीराव I
- C.बालाजी बाजीराव
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: पेशवा बाजीराव प्रथम ने मराठा साम्राज्य के प्रभावी प्रबंधन के लिए इसे एक संघ में संगठित किया, जिसमें प्रमुख मराठा सरदारों (जैसे सिंधिया, होल्कर, गायकवाड़, भोंसले) को अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र दिए गए।
33. शिवाजी को कर्मदर्शन का उपदेश देने वाले एवं शिवाजी के पुत्र शम्भाजी को मराठों को संगठित करने और महाराष्ट्र धर्म को प्रचारित करने का उपदेश देनेवाले मराठा संत थे
- A.समर्थ रामदास
- B.तुकाराम
- C.एकनाथ
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: समर्थ रामदास शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने 'महाराष्ट्र धर्म' का प्रचार किया और मराठों को अपनी पहचान और धर्म की रक्षा के लिए संगठित होने की प्रेरणा दी।
34. अहमदशाह अब्दाली के भारत पर आक्रमण और पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ने का तात्कालिक कारण क्या था ?
- A.वह मराठों द्वारा लाहौर से अपने वायसराय तैमूरशाह के निष्कासन का बदला लेना चाहता था
- B.उसे जालंधर के कुण्ठाग्रस्त राज्यपाल अदीना बेग खाँ ने पंजाब पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया
- C.वह मुगल प्रशासन को चहार महल (गुजरात, औरंगाबाद, सियालकोट तथा पसरूर) के राजस्व का भुगतान न करने के लिए दण्डित करना चाहता था
- D.वह दिल्ली की सीमाओं तक के पंजाब के सभी उपजाऊ मैदानों को हड़पकर अपने राज्य में विलय करना चाहता था
व्याख्या: मराठों ने पंजाब पर अधिकार कर लिया था और वहां से अहमद शाह अब्दाली के पुत्र और वायसराय, तैमूर शाह को खदेड़ दिया था। अपने इस अपमान का बदला लेना और पंजाब पर पुनः नियंत्रण स्थापित करना अब्दाली के आक्रमण का तात्कालिक कारण था।
35. किसने 'प्रतिनिधि' पद का सृजन किया, जो पदक्रम में पेशवा से भी ऊपर था
- A.शम्भाजी
- B.राजाराम
- C.ताराबाई
- D.शाहू I
व्याख्या: छत्रपति राजाराम ने अपने शासनकाल में 'प्रतिनिधि' का एक नया पद बनाया, जिसे अष्टप्रधान में पेशवा से भी ऊंचा स्थान दिया गया था।
36. 1775-82 के प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध का निम्नलिखित में कौन-सा एक परिणाम था?
- A.ब्रिटिश युद्ध जीत गये
- B.मराठा युद्ध जीत गये
- C.किसी भी पक्ष की जीत नहीं हुई
- D.इससे हैदर अली को शक्ति जुटाने में मदद मिली क्योंकि ब्रिटिश और मराठा आपसी युद्ध में लगे थे
व्याख्या: प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध अनिर्णायक रहा। युद्ध का अंत 1782 में सालबाई की संधि के साथ हुआ, जिसने युद्ध से पहले की स्थिति को काफी हद तक बहाल कर दिया।
37. तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1817-18) के दौरान हुई सबसे अंतिम संधि थी
- A.नागपुर की संधि
- B.पूना की संधि
- C.मंदसौर की संधि
- D.कानपुर की संधि
व्याख्या: मंदसौर की संधि (जनवरी 1818) तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध के दौरान होल्कर और अंग्रेजों के बीच हुई थी, और यह युद्ध के दौरान होने वाली प्रमुख संधियों में अंतिम थी।
38. किसे 'अंतिम महान पेशवा' कहा जाता है?
- A.माधवराव नारायण
- B.माधवराव
- C.नारायण राव
- D.रघुनाथ राव
व्याख्या: पेशवा माधवराव (माधवराव प्रथम) एक योग्य और कुशल शासक थे जिन्होंने पानीपत की हार के बाद मराठा शक्ति को फिर से संगठित और पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया। उनकी असामयिक मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य का पतन तेज हो गया, इसलिए उन्हें 'अंतिम महान पेशवा' माना जाता है।
39. निम्न में किसने पानीपत के तृतीय युद्ध में संगठित मराठा सेना का नेतृत्व किया ?
- A.दत्ताजी सिंधिया
- B.विश्वास राव
- C.सदाशिवराव भाऊ
- D.मल्हारराव होल्कर
व्याख्या: पानीपत के तीसरे युद्ध में मराठा सेना का वास्तविक नेतृत्व पेशवा के चचेरे भाई सदाशिवराव भाऊ ने किया था।
40. किस मराठा सरदार ने पूर्व में बंगाल-बिहार-उड़ीसा में 1741-51 के बीच मराठा शक्ति का प्रसार किया और बंगाल के नवाब अलीवर्दी खां को संधि करने पर विवश किया?
- A.रघुजी भोंसले
- B.रघुनाथ राय
- C.मल्हार राव
- D.इनमें से कोई नहीं
व्याख्या: नागपुर के रघुजी भोंसले ने बंगाल पर कई सफल अभियान चलाए, जिससे अंततः बंगाल के नवाब अलीवर्दी खां को मराठों को चौथ देना स्वीकार करना पड़ा।