1. निम्नलिखित में से किन कारणों से राजस्थान में मरुस्थलीकरण हो रहा है -1. जलवायु 2. कम वनस्पति3. जनसंख्या वृद्धि 4. अनियंत्रित पशुचारण5. सूखा(निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें)
- A. केवल 1, 2, 3 व 5
- B. केवल 2, 3, 4 व 5
- C. केवल 1, 2, 4 व 5
- D. सभी 1, 2, 3, 4 व 5
Answer: राजस्थान में मरुस्थलीकरण एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए प्राकृतिक और मानवीय दोनों कारक जिम्मेदार हैं। शुष्क जलवायु, कम वनस्पति और सूखा प्राकृतिक कारक हैं, जबकि बढ़ती जनसंख्या का दबाव और अनियंत्रित पशुचारण मानवीय कारक हैं। ये सभी मिलकर भूमि को बंजर बनाते हैं।
2. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जब वार्षिक वर्षा की कमी सामान्य वर्षा से .......... अधिक होती है, तब प्रचण्ड सूखे की स्थिति होती है ।
- A. 25%
- B. 20%
- C. 40%
- D. 50%
Answer: भारतीय मौसम विभाग (IMD) सूखे की तीव्रता को वर्षा की कमी के आधार पर वर्गीकृत करता है। जब सामान्य से 50% या उससे अधिक की कमी होती है, तो इसे 'प्रचण्ड सूखा' या 'गंभीर सूखा' माना जाता है।
3. अरावली वनरोपण परियोजना (AAP) आरम्भ की गई -
- A. 2007
- B. 1992-93
- C. 2001-02
- D. 1995-96
Answer: अरावली वनरोपण परियोजना 1992-93 में जापान के ओवरसीज इकोनॉमिक कोऑपरेशन फंड (OECF) की सहायता से शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य अरावली पर्वतमाला के पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करना और मरुस्थलीकरण को रोकना था।
4. ‘मरुस्थल विकास कार्यक्रम’ में केन्द्र और राज्य के वित्तीय अंशदानों का अनुपात है -
- A. 70: 30
- B. 55 : 45
- C. 60 : 40
- D. 75 : 25
Answer: मरुस्थल विकास कार्यक्रम (DDP) 1 अप्रैल, 1999 से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसमें वित्तीय भार केंद्र और राज्य सरकार के बीच 75:25 के अनुपात में वहन किया जाता है।
5. राजस्थान में मरु विकास कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी –
- A. वर्ष 1981-82 में
- B. वर्ष 1999 में
- C. वर्ष 1974-75 में
- D. वर्ष 1977-78 में
Answer: मरु विकास कार्यक्रम (DDP) की शुरुआत वर्ष 1977-78 में मरुस्थलीकरण को रोकने, प्रभावित क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने और भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।
6. कौन सा मरुस्थलीकरण का मानवजनित कारक नहीं है -
- A. अतिचारण
- B. भूमि उपयोग में परिवर्तन
- C. कम वर्षा
- D. शहरीकरण
Answer: कम वर्षा एक प्राकृतिक या जलवायु संबंधी कारक है, न कि मानवजनित (मानव द्वारा निर्मित)। अतिचारण, भूमि उपयोग में परिवर्तन और शहरीकरण जैसी गतिविधियाँ मानवीय क्रियाओं के परिणाम हैं जो मरुस्थलीकरण को बढ़ावा देती हैं।
7. निम्न लिखित कथनों पर विचार कीजिये -अ. मरूस्थलीकरण शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क प्रदेशों में भूमि का अवकर्षण है।ब. राजस्थान में मरूस्थलीकरण बालुकास्तूपों के स्थरीकरण में सहायक है।स. वनोन्मूलन और अत्यधिक पशुचारण राजस्थान में मरूस्थलीकरण के मुख्य कारण हैं।नीचे दिये गये कोड से सही उत्तर का चयन कीजिये -
- A. अ और ब सही
- B. अ और स सही
- C. ब और स सही
- D. अ, ब और स सही
Answer: कथन 'अ' मरुस्थलीकरण की सही परिभाषा है। कथन 'स' राजस्थान में मरुस्थलीकरण के प्रमुख मानवीय कारणों को सही ढंग से बताता है। कथन 'ब' गलत है क्योंकि मरुस्थलीकरण बालुकास्तूपों को अस्थिर करता है, जबकि उनका स्थिरीकरण मरुस्थलीकरण को रोकने का एक उपाय है।
8. निम्नलिखित में से कौन सा एक मरुस्थलीकरण के रोकथाम के लिए उपयोगी है -
- A. मृदा संरक्षण
- B. अतिचारण नियंत्रण
- C. वनोन्मूलन पर नियंत्रण
- D. ये सभी
Answer: मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। मृदा का संरक्षण, पशुओं द्वारा अनियंत्रित चराई पर रोक और पेड़ों की कटाई को नियंत्रित करना, ये सभी भूमि को बंजर होने से बचाने के लिए आवश्यक और प्रभावी उपाय हैं।
9. कौन-सी एक जलीय आपदा नहीं है -
- A. तूफान महोर्मि
- B. मृदा अपरदन
- C. बाढ़
- D. सुनामी
Answer: तूफान महोर्मि (Storm Surge), बाढ़ और सुनामी सीधे तौर पर जल से संबंधित आपदाएं हैं। मृदा अपरदन (Soil Erosion) भूमि क्षरण की एक प्रक्रिया है जो हवा और पानी दोनों से हो सकती है, लेकिन इसे मुख्य रूप से एक स्थलीय (भूमि-संबंधी) समस्या माना जाता है, न कि एक जलीय आपदा।
10. सन् 2002-2003 में, राजस्थान राज्य के कुल कितने जिलों को अकाल प्रभावित जिले घोषित किया गया था -
Answer: वर्ष 2002-2003 राजस्थान के इतिहास में सबसे भीषण अकालों में से एक था। इस दौरान राज्य के तत्कालीन सभी 32 जिले अकाल से प्रभावित घोषित किए गए थे।
11. मरूस्थल वृक्षारोपण तथा अनुसंधान केन्द्र खोला गया -
- A. बीकानेर
- B. जोधपुर
- C. बाड़मेर
- D. हनुमानगढ़
Answer: मरुस्थल वृक्षारोपण तथा अनुसंधान केंद्र की स्थापना 1952 में जोधपुर में की गई थी, जिसे बाद में 1959 में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) के रूप में उन्नत किया गया।
12. सहसा मूदसा क्या है -
- A. सन् 1899 में पड़े अकाल का नाम
- B. सन् 1842-43 में पड़े अकाल का नाम
- C. सन् 1987-88 में पड़े अकाल का नाम
- D. सन् 1949 में पड़े अकाल का नाम
Answer: 'सहसा मूदसा' 1842-43 में पड़े भयंकर अकाल को दिया गया स्थानीय नाम है, जो राजस्थान के इतिहास के प्रमुख अकालों में से एक है।
13. कौन से कार्यक्रमों का अकाल – राहत से सीधा संबंध है -
- A. मरुस्थलीय विकास कार्यक्रम और सूखा संभाव्य क्षेत्रीय कार्यक्रम दोनों
- B. मरुस्थलीय विकास कार्यक्रम
- C. सूखा संभाव्य क्षेत्रीय कार्यक्रम
- D. नरेगा
Answer: मरुस्थलीय विकास कार्यक्रम (DDP) और सूखा संभाव्य क्षेत्रीय कार्यक्रम (DPAP) दोनों ही विशेष रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सूखे के प्रभाव को कम करने और अकाल राहत प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं।
14. अकाल के लिए प्रसिद्ध दोहे में ‘पग पूंगल’ के नाम से राजस्थान के कौनसे जिले की ओर संकेत किया गया है -
- A. गंगानगर
- B. बीकानेर
- C. जोधपुर
- D. नागौर
Answer: प्रसिद्ध राजस्थानी कहावत 'पग पूगल, धड़ कोटड़े, बाहू बाड़मेर' में 'पग पूगल' का अर्थ है कि अकाल के पैर हमेशा पूगल क्षेत्र में रहते हैं, जो बीकानेर जिले में स्थित है। यह इस क्षेत्र में अकाल की निरंतरता को दर्शाता है।
15. ‘भारत के मरूस्थलीकरण एवं भूअवनयन एटलस(इसरो-2021)’ के अनुसार राजस्थान में मरूस्थलीकरण से प्रभावित क्षेत्र है -
- A. 70 प्रतिशत
- B. 67 प्रतिशत
- C. 65 प्रतिशत
- D. 62 प्रतिशत
Answer: इसरो द्वारा 2021 में जारी एटलस के अनुसार, राजस्थान का लगभग 62% क्षेत्र मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण की विभिन्न प्रक्रियाओं से प्रभावित है, जो देश में सर्वाधिक है।
16. मरुस्थलीय क्षेत्र में मिट्टी के अपरदन को रोकने के लिये क्या किया जाना चाहिये -
- A. फसलों के हेर-फेर को अपनाना
- B. वृक्षों की पट्टी लगाना
- C. खेतों में मेड़बंदी करना
- D. चरागाहों को विकसित करना
Answer: मरुस्थलीय क्षेत्रों में मिट्टी का अपरदन मुख्य रूप से तेज हवाओं से होता है। वृक्षों की पट्टी (शेल्टरबेल्ट) लगाना हवा की गति को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है, जिससे पवन अपरदन रुकता है।
17. राजस्थान राज्य में विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से जिला गरीबी उन्मूलन योजना किस वर्ष प्रारम्भ हुई -
- A. 2002
- B. 2001
- C. 2000
- D. 1999
Answer: जिला गरीबी उन्मूलन योजना (DPIP) राजस्थान में विश्व बैंक की सहायता से वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करना था।
18. ‘सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम’ (डी.पी.ए.पी.), का आरम्भ राजस्थान में किस वर्ष से किया गया था -
- A. 2009- 2010
- B. 1980 - 1981
- C. 1971 - 1972
- D. 1974 - 1975
Answer: सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) देश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में मिट्टी और नमी संरक्षण, जल संसाधन विकास और वनीकरण के माध्यम से सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए 1974-75 में शुरू किया गया था।
19. मरू विकास बोर्ड की स्थापना किस वर्ष में हुई थी -
- A. 1967
- B. 1968
- C. 1969
- D. 1966
Answer: राजस्थान में मरुस्थलीय क्षेत्रों के नियोजित विकास और समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा 1966 में मरू विकास बोर्ड का गठन किया गया था।
20. राजस्थान के निम्नलिखित में से किस जिले में सूखे की बारंबारता 8 वर्ष में एक बार है -
- A. भरतपुर
- B. सिरोही
- C. कोटा
- D. झालावाड़
Answer: राजस्थान के पूर्वी जिलों में पश्चिमी जिलों की तुलना में सूखे की आवृत्ति कम होती है। दिए गए विकल्पों में, भरतपुर में सूखे की संभावना लगभग हर 8 साल में एक बार होती है।
21. राजस्थान में रेगिस्तान के विस्तार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/कौन से सही हैं? नीचे दिए गए कथनों में से सही विकल्प का चयन करें:1. उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम हवा की दिशा के कारण राजस्थान में मरुस्थलीकरण की प्रवृत्ति अधिक रही है।2. थार रेगिस्तान एक मानसून संचालित रेगिस्तान है जहाँ हवा का कटाव एक बड़ी समस्या है। गर्मियों के दौरान जहां अरावली पर्वतमाला रेगिस्तान के प्रसार में एक बड़ी बाधा है, वहीं बड़े पैमाने पर खनन से पर्वतमाला में कटौती रेगिस्तान के प्रसार को बढ़ावा देती है।
- A. केवल 1
- B. 1 और 2
- C. केवल 2
- D. इनमें से कोई नहीं
Answer: पहला कथन हवा की दिशा (दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व) को गलत बताता है, लेकिन मरुस्थलीकरण की प्रवृत्ति सही है। दूसरा कथन पूरी तरह सही है, क्योंकि अरावली एक बाधा है और उसमें खनन से बने गैप रेगिस्तान को फैलने में मदद करते हैं। संदर्भ को देखते हुए, दोनों कथनों को सही माना गया है।
22. राजस्थान में मरूस्थलीकरण की सबसे प्रभावी प्रक्रिया कौन सी है -
- A. वनस्पति अवनयन
- B. जल अपरदन
- C. पवन अपरदन
- D. जल संचयन
Answer: राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में कम वनस्पति और ढीली मिट्टी के कारण, तेज हवाएं मिट्टी के कटाव (पवन अपरदन) का सबसे प्रमुख और प्रभावी कारण हैं, जो मरुस्थलीकरण को तेजी से बढ़ाती हैं।
23. त्रिकाल का सम्बंध है -
- A. अनिश्चित वर्षा
- B. चारा, भोजन व जल की कमी
- C. भूमिगत जल, वनस्पति व फसल की कमी
- D. अत्यधिक ताप
Answer: अकाल की सबसे गंभीर स्थिति 'त्रिकाल' कहलाती है, जिसमें तीन चीजों की एक साथ कमी हो जाती है: पशुओं के लिए चारा, मनुष्यों के लिए भोजन (अन्न), और पीने के लिए जल।
24. निम्न में से किस जिले के समूह में सूखे की संभावना सर्वाधिक है -
- A. झालावाड़, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली
- B. भरतपुर, धौलपुर, करौली, जालौर
- C. चूरू, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर
- D. प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, जालौर, चूरू
Answer: ये सभी जिले पश्चिमी राजस्थान के थार मरुस्थल का हिस्सा हैं, जहाँ वर्षा बहुत कम और अनियमित होती है। इसलिए, इन जिलों में सूखे की संभावना राज्य के अन्य भागों की तुलना में सबसे अधिक है।
25. वायुमण्डलीय आपदा कौन-सी नहीं है -
- A. सूखा
- B. तुषार
- C. तूफान महोर्मि
- D. टॉरनेडो
Answer: सूखा, तुषार (पाला) और टॉरनेडो वायुमंडलीय घटनाओं के परिणाम हैं। तूफान महोर्मि (Storm Surge) एक तटीय घटना है जिसमें समुद्र का जल स्तर तूफान के कारण बढ़ जाता है, इसलिए यह एक समुद्री या जलीय आपदा है।