31. दीर्घकालीन अकालग्रस्त क्षेत्र के अंतर्गत राजस्थान के निम्नांकित जिलों के समूह में कौन सा सही है -
- A. हनुमानगढ़, बीकानेर, करौली
- B. श्रीगंगानगर, पाली, चूरू
- C. नागौर, जयपुर, बाड़मेर
- D. जोधपुर, जैसलमेर, भीलवाड़ा
व्याख्या: दिए गए विकल्पों में से, श्रीगंगानगर, पाली और चूरू जिलों का समूह ऐतिहासिक रूप से और भौगोलिक रूप से दीर्घकालीन अकाल और सूखे की स्थिति का सामना करता रहा है।
32. निम्नांकित में से राजस्थान में मरूस्थलीकरण का प्रमुख कारण कौनसा नहीं है -
- A. नमी की कमी
- B. अति पशुचारण
- C. नगरीकरण
- D. शुष्क कृषि
व्याख्या: नमी की कमी, अति पशुचारण और नगरीकरण मरुस्थलीकरण को बढ़ावा देते हैं। शुष्क कृषि (Dry Farming) तो मरुस्थलीकरण का कारण नहीं, बल्कि कम पानी वाले क्षेत्रों में खेती करने की एक तकनीक है, जो एक तरह का समाधान है।
33. बंजड़ भूमि में रतनजोत व अन्य समकक्ष तेलीय पौधों की खेती के द्वारा बायो-फ्यूल के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए बायो- फ्यूल मिशन का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया-
- A. वित्त मंत्री
- B. मुख्यमंत्री
- C. कृषि मंत्री
- D. गृह मंत्री
व्याख्या: राज्य स्तर पर महत्वपूर्ण और विभिन्न विभागों से जुड़े मिशनों का गठन आमतौर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाता है ताकि नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। बायो-फ्यूल मिशन भी इसी के अंतर्गत आता है।
34. निम्नलिखित में से कौन से कारक राजस्थान में मरूस्थलीकरण के लिये उत्तरदायी हैं -अ. वनों की कटाईब. अति पशुचारणस. बूंद-बूंद सिंचाईद. मृदा अपरदनकूट
- A. अ एवं ब
- B. अ, ब एवं स
- C. अ, ब एवं द
- D. अ, स एवं द
व्याख्या: वनों की कटाई, अति पशुचारण और मृदा अपरदन, ये तीनों कारक भूमि की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाते हैं और मरुस्थलीकरण को बढ़ावा देते हैं। बूंद-बूंद सिंचाई जल संरक्षण की एक विधि है जो मरुस्थलीकरण को रोकने में मदद करती है, न कि उसका कारण बनती है।
35. ‘मरूस्थल विकास कार्यक्रम’ में केंद्र और राज्य के वित्तीय अंशदानों का अनुपात है -
- A. 75: 25
- B. 50: 50
- C. 25: 75
- D. 60: 40
व्याख्या: यह एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है। 1 अप्रैल 1999 के बाद से, इस कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा 75% और संबंधित राज्य सरकार द्वारा 25% प्रदान की जाती है।
36. कॉम्बेटिंग डेज़र्टिफिकेशन परियोजना ( मरुस्थलीकरण संघर्ष परियोजना (C. D. P .) ) को किस वर्ष में चालू किया गया -
- A. 2001
- B. 2000
- C. 1998
- D. 1999
व्याख्या: मरुस्थलीकरण संघर्ष परियोजना (Combating Desertification Project) राजस्थान में मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटने के लिए वर्ष 1999 में शुरू की गई थी।
37. मरू विकास कार्यक्रम(डी.डी.पी.) लागू किया गया -
- A. 1985-86 में
- B. 1977-78 में
- C. 1974-75 में
- D. 1966-67 में
व्याख्या: मरु विकास कार्यक्रम (Desert Development Programme - DDP) की शुरुआत मरुस्थलीकरण को नियंत्रित करने और मरुस्थलीय क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए वित्तीय वर्ष 1977-78 में की गई थी।
38. राजस्थान में बार-बार अकाल क्यों पड़ते हैं ? निम्न में से कौन-सा कारण यहां प्रासंगिक नहीं है -
- A. बारिश की कमी
- B. फसलों का गलत प्रारूप
- C. मृदा अपरदन
- D. जल प्रबन्धन की कमी
व्याख्या: बारिश की कमी, मृदा अपरदन और जल प्रबंधन की कमी अकाल के मुख्य और प्रत्यक्ष कारण हैं। 'फसलों का गलत प्रारूप' एक सहायक कारक हो सकता है जो स्थिति को खराब करता है, लेकिन यह अकाल का मूल या सबसे प्रासंगिक कारण नहीं है।
39. ‘सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम’ किस वित्तीय वर्ष में प्रारंभ हुआ था -
- A. 1974-75
- B. 1980-81
- C. 1985-86
- D. 1990-91
व्याख्या: सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) को देश के सूखा-प्रवण क्षेत्रों में सूखे के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से 1974-75 में शुरू किया गया था।
40. राजस्थान के लिए कहावत अकाल से संबंधित है जा ‘तीजो कुरियो, आठवों काल’। इसमें ‘कुरियो’ का क्या अर्थ है -
- A. पूर्ण अकाल
- B. अर्द्ध अकाल
- C. पंचकाल
- D. त्रिकाल
व्याख्या: इस राजस्थानी कहावत का अर्थ है कि हर तीसरे वर्ष अर्द्ध-अकाल ('कुरियो') और हर आठवें वर्ष पूर्ण अकाल ('काल') पड़ता है। यह क्षेत्र में सूखे की उच्च आवृत्ति को दर्शाता है।