61. मरू विकास कार्यक्रम परियोजना
- A. केन्द्रीय सरकार की है
- B. राज्य सरकार की है
- C. गैर-सरकारी संगठनों की है
- D. सार्वजनिक-निजी भागीदारी की है
व्याख्या: मरु विकास कार्यक्रम (DDP) भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित एक केंद्र प्रायोजित योजना है, हालांकि इसके वित्तपोषण में राज्य का भी हिस्सा होता है।
62. मरूस्थलीकरण के विस्तार से संरक्षण की कौनसी तकनीकी सबसे उपयुक्त है -
- A. मृदा नमी का संरक्षण
- B. भूमिगत जल भरण/पुनर्भरण
- C. बालुका स्तूप स्थिरीकरण
- D. वातरोधी वृक्षारोपणपट्टी
व्याख्या: वातरोधी वृक्षारोपण पट्टी (Windbreak Plantation) हवा की गति को कम करके पवन अपरदन को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। यह सीधे मरुस्थल के विस्तार को नियंत्रित करती है।
63. निम्नलिखित में से किस वर्ष, मरू विकास कार्यक्रम शुरू किया गया -
- A. 1982-83
- B. 1971-72
- C. 1977-78
- D. 1981-82
व्याख्या: मरु विकास कार्यक्रम (Desert Development Programme) को मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटने के लिए वित्तीय वर्ष 1977-78 में आरंभ किया गया था।
64. राजस्थान का लगभग कितना प्रतिशत भू-भाग मरूस्थलीय क्षेत्र के अन्तर्गत आता है -
- A. 61.11 प्रतिशत
- B. 71.33 प्रतिशत
- C. 51.22 प्रतिशत
- D. 41.66 प्रतिशत
व्याख्या: राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का लगभग दो-तिहाई हिस्सा, यानी 61.11%, थार मरुस्थल के अंतर्गत आता है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा मरुस्थलीय राज्य बनाता है।
65. राजस्थान में सर्वाधिक भूकम्प सम्भावित क्षेत्र कौन सा है -
- A. गंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू
- B. भतरपुर, अलवर व झुंझुनू
- C. जयपुर, दौसा व करौली
- D. नागौर, जोधपुर व पाली
व्याख्या: यह क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर के करीब है और अरावली की फॉल्ट लाइनों के कारण उच्च भूकंपीय क्षेत्र (Seismic Zone) में आता है, जिससे यहाँ भूकंप की संभावना राज्य के अन्य भागों की तुलना में अधिक होती है।
66. कथर (अ) अरावली पर्वत श्रेणी निकटवर्ती क्षेत्रों में मरूस्थलीकरण के प्रसार को सीमित करती है।कारण (ब) अरावली पर्वती श्रेणी सम्पूर्ण राज्य में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की और अविच्छिन्न फैली हुई है।
- A. अ और ब दोनों सही हैं, किन्तु ब, अ की सही व्याख्या नही करता है।
- B. अ और ब दोनों सही हैं, और ब, अ की सही व्याख्या करता है।
- C. अ सही है, परन्तु ब गलत है।
- D. अ गलत है, परन्तु ब सही है।
व्याख्या: कथन 'अ' सही है क्योंकि अरावली एक प्राकृतिक बाधा के रूप में कार्य करती है। कारण 'ब' भी सही है और यह बताता है कि अपनी दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में निरंतर फैलाव के कारण ही यह मरुस्थल के प्रसार को पूर्व की ओर रोक पाती है।
67. राजस्थान में बारम्बार होने वाले ‘सूखे एवं अकाल’ का प्रमुख कारण है-
- A. वनों का अवक्रमण
- B. जल का अविवेकपूर्ण उपयोग
- C. अनियमित वर्षा
- D. भूमि का कटाव
व्याख्या: राजस्थान में बार-बार सूखे और अकाल का सबसे बड़ा और मौलिक प्राकृतिक कारण वर्षा की अनियमितता, अपर्याप्तता और अनिश्चितता है।
68. कोनसा वृक्ष रेगिस्तान के प्रसार काे रोकने में उपयोगी माना जाता है-
- A. खेजड़ी
- B. खजूर
- C. बबूल
- D. नीम
व्याख्या: खेजड़ी (प्रोसोपिस सिनेरेरिया) को 'रेगिस्तान का कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है। इसकी गहरी जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती हैं, यह कम पानी में जीवित रहता है, और हवा के कटाव को रोकता है, जिससे यह रेगिस्तान के प्रसार को रोकने के लिए सबसे उपयुक्त है।
69. अरावली वृक्षारोपण परियोजना किस वर्ष में प्रारम्भ हुई -
- A. 1993
- B. 1992
- C. 1994
- D. 1990
व्याख्या: अरावली पहाड़ियों पर फिर से हरियाली लाने और मरुस्थलीकरण को रोकने के उद्देश्य से यह परियोजना जापान सरकार के सहयोग से 1992 में शुरू की गई थी।
70. राजस्थान में संचालित सूखा संभाव्य क्षेत्र कार्यक्रम (डी.पी.ए.पी.) की वित्तीय व्यवस्था के लिए केन्द्र एवं राज्य का हिस्सा कितना रखा गया है -
- A. 60:40
- B. 50:50
- C. 75:25
- D. 90:10
व्याख्या: सूखा संभाव्य क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP) में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लागत-साझाकरण का अनुपात 75:25 है, जिसमें 75% केंद्र सरकार और 25% राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।