31. तारे अपनी उर्जा किस प्रकार प्राप्त करते है
- C. रासायनिक क्रिया से
- A. नाभिकीय सयोंजन के फलस्वरूप
- B. नाभिकीय विखण्डन से
- D. गुरुत्वाकर्षणखिचाव से
व्याख्या: तारों के कोर में अत्यधिक ताप और दाब के कारण नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया होती है, जिसमें हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर हीलियम बनाते हैं और अपार ऊर्जा मुक्त होती है।
32. निम्नलिखित में से किसमे ऋणात्मक आवेश होती है ?
- A. X - किरण
- B. α - कण
- C. β - कण
- D. γ - कण
व्याख्या: बीटा (β) कण एक उच्च-ऊर्जा वाला इलेक्ट्रॉन या पॉज़िट्रॉन होता है। इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। अल्फा (α) कण धनावेशित होते हैं, जबकि X-किरणें और गामा (γ) किरणें आवेश रहित होती हैं।
33. निम्न कणों में से कौन एक जिसका अविष्कार करने का द्वारा किया जा रहा है अल्बर्ट आइन्स्टीन के आपेक्ष वाद सिद्धांत को गलत साबित करने के जोखिम में डाल सकता है
- A. माइक्रोविव फोटॉन
- C. तरल क्रिस्टल
- B. न्यूट्रिनों
- D. प्रकाश उत्सर्जित करने वाले डायोड
व्याख्या: कुछ प्रयोगात्मक परिणामों में यह पाया गया था कि न्यूट्रिनो प्रकाश की गति से भी तेज चल सकते हैं, जो आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता। हालांकि, बाद में इन परिणामों को प्रायोगिक त्रुटि माना गया।
34. एक भारी नाभिक के दो हल्के नाभिकों में टूटने की प्रक्रिया को कहते हैं-
- C. द्रव्यमान क्षति
- D. रेडियोएक्टिव विघटन
- A. नाभिकीय संलयन
- B. नाभिकीय विखण्डन
व्याख्या: नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रिया है जिसमें एक भारी परमाणु का नाभिक दो या दो से अधिक छोटे नाभिकों में टूट जाता है, साथ ही ऊर्जा भी निकलती है।
35. सूर्य पर उर्जा का निर्माण होता है-
- B. नाभकीय संलयन द्वारा
- C. ऑक्सिजन अभिक्रियाओं द्वारा
- A. नाभकीय विखण्डन द्वारा
- D. अवकरण अभिक्रियाओं द्वारा
व्याख्या: सूर्य और अन्य तारों में ऊर्जा का निर्माण नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया द्वारा होता है, जिसमें हाइड्रोजन के परमाणु मिलकर हीलियम बनाते हैं।
36. किसी तत्व की परवाणु संख्या ..........की संख्या है
- B. नाभिक में इलेक्टॉन
- C. नाभिक में प्रोटोन
- A. नाभिक में न्यूटॉन
- D. इनमे से कोई नही
व्याख्या: किसी तत्व की परमाणु संख्या (Atomic Number) उसके परमाणु के नाभिक में मौजूद प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है।
37. परमाणु पाइल का प्रयोग कहाँ होता है
- A. एक्स किरणों के उत्पादन में
- C. ताप नाभिकीय संलयन के प्रचालन में
- D. परमाणु त्वरण में
- B. नाभिकीय विखण्डन के प्रचलन में
व्याख्या: 'परमाणु पाइल' पहले नाभिकीय रिएक्टर का नाम था। इसका उपयोग नियंत्रित नाभिकीय विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया को शुरू करने और बनाए रखने के लिए किया जाता है।
38. नाभिकीय रिएक्टर में उर्जा उत्पन्न होती है
- A. नियंत्रित संलयन संलयन द्वारा
- B. अनियंत्रित संलयन द्वारा
- C. नियंत्रित विखण्डन द्वारा
- D. अनियंत्रित विखण्डन द्वारा
व्याख्या: नाभिकीय रिएक्टरों में, ऊर्जा नियंत्रित नाभिकीय विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होती है, जिससे ऊष्मा का उत्पादन एक स्थिर और प्रबंधनीय दर पर होता है।
39. कूलिज नलिका का प्रयोग क्या उत्पन्न करने के लिए किया जाता है
- A. रेडियो तरंगें
- D. गामा किरणें
- C. एक्स किरणें
- B. सूक्ष्म तरंगें
व्याख्या: कूलिज ट्यूब एक प्रकार की वैक्यूम ट्यूब है जिसका उपयोग उच्च-ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनों को एक धातु लक्ष्य से टकराकर एक्स-किरणें उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
40. ऑटो हान ने अणुबम की खोज निम्न सिद्धांत के आधार पर की-
- D. गामा विकिरण
- A. युरेनियम विखंड
- B. नाभिक विखण्डन
- C. अल्फ़ा विकिरण
व्याख्या: ओटो हान और फ्रिट्ज़ स्ट्रैसमैन ने नाभिकीय विखंडन की खोज की, जो परमाणु बम का मूल सिद्धांत है। उन्होंने पाया कि न्यूट्रॉन से बमबारी करने पर यूरेनियम का नाभिक टूट जाता है।