11. भारतीय संविधान की छुआछूत उन्मूलन से संबंधित अनुच्छेद है -
- A.अनुच्छेद 14
- B.अनुच्छेद 15
- C.अनुच्छेद 17
- D.अनुच्छेद 18
व्याख्या: संविधान का **अनुच्छेद 17 'अस्पृश्यता' (छुआछूत) का अंत करता है** और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को प्रतिबंधित करता है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को लागू करना कानून के अनुसार एक दंडनीय अपराध है।
12. निम्नलिखित में से कौन - सा मूल अधिकार विदेशी नागरिकों को प्राप्त नहीं है ?
- A.विधि के समक्ष समानता
- B.अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
- C.प्राण व दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार
- D.शोषण के विरुद्ध अधिकार
व्याख्या: **अनुच्छेद 19** के तहत दिए गए अधिकार, जिसमें भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है, **केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध** हैं। विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14), प्राण और दैहिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 21), और शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24) नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं।
13. भारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन विधायन सत्ता पर पूर्ण नियंत्रण लगाता है ?
- A.अनुच्छेद 14
- B.अनुच्छेद 15
- C.अनुच्छेद 16
- D.अनुच्छेद 17
व्याख्या: **अनुच्छेद 14** 'विधि के समक्ष समता' और 'विधियों का समान संरक्षण' प्रदान करता है। इसका मतलब है कि राज्य किसी भी व्यक्ति के साथ मनमाने ढंग से व्यवहार नहीं कर सकता और सभी पर कानून समान रूप से लागू होगा। यह विधायिका को मनमाना कानून बनाने से रोकता है, इस प्रकार उस पर पूर्ण नियंत्रण लगाता है।
14. किसी अर्द्ध न्यायिक/सार्वजनिक अधिकारी को अपनी अनिवार्य कर्तव्य के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी की गई रिट होती है -
- A.अधिकार पृच्छा
- B.परमादेश
- C.उत्प्रेषण लेख
- D.निषेध
व्याख्या: **परमादेश (Mandamus)** रिट का उपयोग किसी भी सार्वजनिक या अर्ध-न्यायिक अधिकारी को उनके कानूनी और अनिवार्य कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने के लिए किया जाता है, जिसे वे करने से इनकार कर रहे हैं।
15. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habecus Corpus) के अतिरिक्त निम्नलिखित में से किस याचिका को उच्च न्यायालय जारी कर सकता है ?
- A.उत्प्रेषण (Certiorari)
- B.परमादेश (Mandamus)
- C.अधिकार पृच्छा (Quo-warranto)
- D.उपर्युक्त सभी
व्याख्या: **अनुच्छेद 226** के तहत, उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों और अन्य कानूनी अधिकारों को लागू करने के लिए सभी पांच प्रकार की रिट जारी करने का अधिकार है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, उत्प्रेषण, अधिकार पृच्छा, और प्रतिषेध।
16. संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा सिखों द्वारा कृपाण धारण करना धार्मिक स्वतंत्रता का अंग माना गया है -
- A.अनुच्छेद 24
- B.अनुच्छेद 25
- C.अनुच्छेद 26
- D.अनुच्छेद 27
व्याख्या: **अनुच्छेद 25** धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इसी अनुच्छेद में स्पष्टीकरण I के तहत, कृपाण धारण करना और लेकर चलना सिख धर्म के पालन का एक अंग माना गया है।
17. वह रिट (writ) जो भारत में उच्चतम न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति या सार्वजनिक संस्था का आदेश देती है कि वह अपने कर्तव्य का पालन करे, क्या कहलाती है ?
- A.परमादेश
- B.बंदी प्रत्यक्षीकरण
- C.अधिकार पृच्छा
- D.प्रतिषेध
व्याख्या: यह **परमादेश (Mandamus)** रिट की परिभाषा है। इसका शाब्दिक अर्थ है 'हम आदेश देते हैं' और यह किसी सार्वजनिक निकाय को अपना कर्तव्य निभाने के लिए मजबूर करती है।
18. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में संवैधानिक उपचारों का अधिकार दिया गया है ?
- A.अनुच्छेद 30
- B.अनुच्छेद 31
- C.अनुच्छेद 32
- D.अनुच्छेद 35
व्याख्या: **अनुच्छेद 32** संवैधानिक उपचारों का अधिकार प्रदान करता है। यह नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। डॉ. अम्बेडकर ने इसे 'संविधान का हृदय और आत्मा' कहा था।
19. 14 वर्ष से कम आयु के बहुत से गरीब बच्चे पटाखे बनाने वाले कारखाने में काम करते हैं | इन कारखानों में बच्चों को काम देने से किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है ?
- A.समानता का अधिकार
- B.शोषण के विरुद्ध अधिकार
- C.स्वतंत्रता का अधिकार
- D.सांस्कृतिक शिक्षा का अधिकार
व्याख्या: यह **शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)** का स्पष्ट उल्लंघन है। विशेष रूप से, **अनुच्छेद 24** 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पटाखे बनाने जैसे खतरनाक व्यवसायों में नियोजित करने पर रोक लगाता है।
20. चेन्नई राज्य बनाम चम्पकम दोरायराजन' मुकदमें में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के परिणामस्वरूप निम्नलिखित में से किस मौलिक अधिकार को संशोधित किया गया -
- A.विधि के समक्ष समानता का अधिकार
- B.भेदभाव के विरुद्ध अधिकार
- C.अस्पृश्यता के विरुद्ध अधिकार
- D.विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
व्याख्या: इस मामले के बाद, संसद ने **पहला संविधान संशोधन (1951)** पारित किया। इसने **अनुच्छेद 15 में खंड (4) जोड़ा**, जिससे राज्य को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान (जैसे आरक्षण) करने की अनुमति मिली, इस प्रकार 'भेदभाव के विरुद्ध अधिकार' को संशोधित किया गया।