21. मूल अधिकार मूल कहलाते हैं, क्योंकि वह -
- A.न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है
- B.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणा पत्र के अनुरूप है
- C.सरलता से संशोधनीय नहीं है
- D.मानव के प्राकृतिक और अप्रतिदेय अधिकार है
व्याख्या: इन्हें 'मूल' या 'मौलिक' इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये व्यक्ति के **सर्वांगीण विकास (नैतिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक) के लिए आवश्यक** हैं। ये अधिकार व्यक्ति के अस्तित्व के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि उन्हें मानव के प्राकृतिक और अदेय (जिन्हें छीना नहीं जा सकता) अधिकार माना जाता है।
22. निम्नलिखित में से कौन मौलिक अधिकार नहीं है ?
- A.बोलने का अधिकार
- B.व्यवसाय का अधिकार
- C.हड़ताल पर जाने का अधिकार
- D.धर्म का अधिकार
व्याख्या: बोलने का अधिकार (अनुच्छेद 19), व्यवसाय का अधिकार (अनुच्छेद 19) और धर्म का अधिकार (अनुच्छेद 25) मौलिक अधिकार हैं। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने कई फैसलों में स्पष्ट किया है कि **विरोध करने का अधिकार है, लेकिन हड़ताल पर जाने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है**।
23. भारत में उच्चतम न्यायालय ने निम्नलिखित मामलों में से किसमें माना था कि मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं किया जा सकता ?
- A.ए. के गोपालन का मामला
- B.केशवानंद भारती का मामला
- C.एम. सी. मेहता का मामला
- D.गोलकनाथ का मामला
व्याख्या: **गोलकनाथ मामले (1967)** में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि संसद के पास मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति नहीं है। हालांकि, इस फैसले को बाद में **केशवानंद भारती मामले (1973)** में पलट दिया गया, जिसमें 'बुनियादी ढांचे' का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया।
24. मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी की जाती है -
- A.संसद द्वारा
- B.राष्ट्रपति द्वारा
- C.उच्चतम न्यायालय द्वारा
- D.चुनाव आयोग द्वारा
व्याख्या: संविधान के **अनुच्छेद 32** के तहत, उच्चतम न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट (समादेश) जारी करने की विशेष शक्ति प्राप्त है। अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय भी रिट जारी कर सकते हैं।
25. किसी व्यक्ति का अवैध निरोध के मामले में न्यायालय द्वारा जारिकृत परमादेश निम्न में से कौन है ?
- A.बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeus Corpus)
- B.परमादेश (Mandamus)
- C.उत्प्रेष्ण (Certiorari)
- D.अधिकार पृच्छा (Quo-warranto)
व्याख्या: **बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)** का शाब्दिक अर्थ है 'शरीर को प्रस्तुत करो'। यह रिट किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के खिलाफ जारी की जाती है, जिसमें न्यायालय हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी को उस व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश देता है।
26. मौलिक अधिकारों का प्रमुख उद्देश्य है -
- A.समाज के समाजवादी ढाँचे को बढ़ावा देना
- B.व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना
- C.न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना
- D.उपर्युक्त सभी को सुनिश्चित करना
व्याख्या: मौलिक अधिकारों का प्राथमिक उद्देश्य **राज्य की सत्ता को सीमित करना और नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा करना** है। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार नागरिकों के जीवन में मनमाने ढंग से हस्तक्षेप न करे।
27. संवैधानिक उपचारों का अधिकार किन परिस्थितियों में निलम्बित हो जाता है ?
- A.आपात स्थिति की घोषणा के दौरान
- B.सेना सदस्यों के सम्बन्ध में
- C.जब सैनिक विधि लागू हो
- D.उपर्युक्त सभी परिस्थितियों में
व्याख्या: संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32) और अन्य मौलिक अधिकार इन सभी परिस्थितियों में निलंबित या प्रतिबंधित किए जा सकते हैं: **राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान (अनुच्छेद 359)**, **सशस्त्र बलों के सदस्यों के लिए (अनुच्छेद 33)**, और **जब मार्शल लॉ (सैनिक विधि) लागू हो (अनुच्छेद 34)**।
28. निम्नलिखित में से किस याचिका के अधीन किसी कर्मचारी को ऐसी कार्यवाही करने से रोका जाता है, जिसके लिए सरकारी तौर पर वह हकदार नहीं है ?
- A.परमादेश
- B.अधिकार पृच्छा
- C.उत्प्रेषण
- D.बंदी प्रत्यक्षीकरण
व्याख्या: **अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)** रिट का अर्थ है 'किस अधिकार से?'। यह रिट किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद पर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है, जिसका वह कानूनी रूप से हकदार नहीं है।
29. व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए निम्नलिखित में से कौन - सी रिट (Writ) याचिका दायर की जा सकती है ?
- A.मैंडमस (Mandamus)
- B.को वारंटो (Quo-warranto)
- C.हेबियस कॉर्पस (Habeus Corpus)
- D.सर्शियोरेरी (Certiorari)
व्याख्या: **हेबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण)** सीधे तौर पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है। यह अवैध हिरासत या नजरबंदी के खिलाफ एक शक्तिशाली उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून की प्रक्रिया के बिना उसकी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता।
30. निम्नलिखित में से कौन - सा मौलिक अधिकार नहीं है ?
- A.समानता का अधिकार
- B.स्वतंत्रता का अधिकार
- C.शोषण के विरुद्ध अधिकार
- D.सम्पत्ति का अधिकार
व्याख्या: संपत्ति का अधिकार अब मौलिक अधिकार नहीं है। **44वें संविधान संशोधन, 1978** द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटाकर **अनुच्छेद 300-A** के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया है।