1. भारतीय संविधान निम्नलिखित में से कौन - सी नागरिकता प्रदान करता है ?
- A.एकल नागरिकता
- B.दोहरी नागरिकता
- C.उपर्युक्त दोनों
- D.उपर्युक्त में कोई नहीं
व्याख्या: भारत का संविधान पूरे देश के लिए केवल एक ही नागरिकता का प्रावधान करता है, जिसे एकल नागरिकता कहते हैं। इसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति चाहे किसी भी राज्य में रहता हो, वह केवल भारत का नागरिक होता है, अपने राज्य का नहीं। यह व्यवस्था भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने के लिए अपनाई गई है।
2. किस देश में दोहरी नागरिकता का सिद्धांत स्वीकार किया गया है ?
- A.भारत
- B.कनाडा
- C.ऑस्ट्रेलिया
- D.सं. रा. अ.
व्याख्या: संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.A.) में दोहरी नागरिकता का सिद्धांत है। वहां व्यक्ति अपने देश (U.S.A.) का नागरिक होने के साथ-साथ उस राज्य का भी नागरिक होता है जिसमें वह रहता है।
3. एक व्यक्ति नागरिकता के अधिकार कैसे खो सकता है ? एक कारण हो सकता है -
- A.एक व्यक्ति किसी दूसरे देश में दो महीने के लिए चला जाता है
- B.एक व्यक्ति दूसरे राज्य की नागरिकता ले लेता है
- C.एक व्यक्ति राज्य के लिए कर्तव्यों का प्रदर्शन नहीं करता है
- D.एक व्यक्ति बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करता है
व्याख्या: भारतीय नागरिकता कानून के अनुसार, यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है। इसे नागरिकता का 'पर्यावसान' कहते हैं।
4. भारत में रहने वाला ब्रिटिश नागरिक दावा नहीं कर सकता -
- A.व्यापार और व्यवसाय की स्वतंत्रता का अधिकार
- B.विधि के समक्ष समता के अधिकार का
- C.जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के अधिकार का
- D.धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का
व्याख्या: संविधान के कुछ मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त हैं, जैसे अनुच्छेद 19 के तहत दिया गया 'व्यापार और व्यवसाय की स्वतंत्रता का अधिकार'। अन्य विकल्प जैसे विधि के समक्ष समता (अनुच्छेद 14), जीवन की सुरक्षा (अनुच्छेद 21) और धर्म की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं।
5. नागरिकता प्राप्त करने व खोने के विषय में विस्तार से चर्चा कहाँ की गई है ?
- A.संविधान के भाग-2 में
- B.1955 के नागरिकता कानून में
- C.संविधान की प्रथम अनुसूची में
- D.संसद के विविध अधिनियमों में
व्याख्या: संविधान का भाग-2 (अनुच्छेद 5-11) केवल उन लोगों की पहचान करता है जो संविधान लागू होने के समय भारत के नागरिक बने। नागरिकता कैसे प्राप्त की जाएगी या कैसे समाप्त होगी, इसके विस्तृत और स्थायी नियम 'नागरिकता अधिनियम, 1955' में दिए गए हैं, जिसे संसद ने बनाया था।
6. निम्नलिखित में से कौन - सी शर्त भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए नहीं है ?
- A.अधिवास
- B.वंशाक्रम
- C.पंजीकरण
- D.सम्पत्ति स्वामित्व
व्याख्या: भारत में नागरिकता प्राप्त करने के आधार जन्म, वंश, पंजीकरण, देशीयकरण और क्षेत्र-समाविष्टि हैं। संपत्ति का मालिक होना भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का आधार नहीं है। कोई विदेशी भी भारत में संपत्ति खरीद सकता है, लेकिन इससे उसे नागरिकता नहीं मिलती।
7. भारत में एकल नागरिकता की अवधारणा अपनाई गई है -
- A.इंग्लैण्ड से
- B.यू. एस. इ. से
- C.कनाडा से
- D.फ्रांस से
व्याख्या: भारत ने संसदीय शासन प्रणाली और एकल नागरिकता का मॉडल ब्रिटेन (इंग्लैंड) के संविधान से प्रेरित होकर अपनाया है। ब्रिटेन में भी पूरे देश के लिए एक ही नागरिकता का प्रावधान है।
8. एक व्यक्ति नागरिकता के अधिकार कैसे खो सकता है ? एक कारण हो सकता है -
- A.एक व्यक्ति किसी दूसरे देश में दो महीने के लिए चला जाता है
- B.एक व्यक्ति दूसरे राज्य की नागरिकता ले लेता है
- C.एक व्यक्ति राज्य के लिए कर्तव्यों का प्रदर्शन नहीं करता है
- D.एक व्यक्ति बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करता है
व्याख्या: भारतीय नागरिकता कानून के अनुसार, यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है। इसे नागरिकता का 'पर्यावसान' कहते हैं।
9. संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकता के संबंध में संसद ने एक व्यापक नागरिकता अधिनियम कब बनाया ?
व्याख्या: भारतीय संसद ने संविधान द्वारा अनुच्छेद 11 के तहत दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए नागरिकता की प्राप्ति और समाप्ति से संबंधित विस्तृत प्रावधानों के लिए 'नागरिकता अधिनियम 1955' पारित किया।
10. किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार प्रदान किया गया है ?
- A.अनुच्छेद 5
- B.अनुच्छेद 9
- C.अनुच्छेद 10
- D.अनुच्छेद 11
व्याख्या: संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को यह शक्ति देता है कि वह नागरिकता की प्राप्ति और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में कानून बना सकती है। इसी शक्ति का प्रयोग करके संसद ने 1955 का नागरिकता अधिनियम बनाया था।