111. ऐगार -ऐगार किससे तैयार होता है ?
- B. लाइकेन
- A. शैवाल
- C. कवक
- D. ब्रायोफाइटा
व्याख्या: अगर-अगर एक जेली जैसा पदार्थ है जो कुछ प्रजातियों के लाल शैवाल से प्राप्त होता है।
112. खसरा निम्नलिखित संक्रमण के कारण होता है -
- A. विषाणु
- C. कवक
- D. शैवाल
- B. जीवाणु
व्याख्या: खसरा एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो खसरा वायरस के कारण होता है।
113. नाइट्रोजन स्थिरीकरण में लेगहीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin) का क्या कार्य है ?
- D. प्रकाश का अवशोषण
- C. जड़ो को लाल रखना
- A. ऑक्सीजन का अवशोषण
- B. जीवाणुओं का पोषण
व्याख्या: लेगहीमोग्लोबिन जड़ ग्रंथिकाओं में ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित करता है। यह नाइट्रोजिनेज एंजाइम, जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिए आवश्यक है, को ऑक्सीजन से बचाता है क्योंकि यह एंजाइम ऑक्सीजन की उपस्थिति में निष्क्रिय हो जाता है।
114. सबसे बड़ा बीजाण्ड किसमे होता है ?
- B. नीटम
- A. कोकस
- D. पाईनस
- C. साइक्स
व्याख्या: साइकस, जो एक जिम्नोस्पर्म है, पादप जगत में सबसे बड़े बीजांड का उत्पादन करता है।
115. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कवक एवं उच्च पादप की जड़ों के बीच उपयोगी कार्यात्मक सम्बन्ध को दर्शाता है ?
- A. जैव उर्वरक
- B. कोरेलायड जड़
- D. माईकोराइजा
- C. लाइकेन
व्याख्या: माइकोराइजा कवक और उच्च पौधों की जड़ों के बीच एक सहजीवी संबंध है जो पौधे को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है।
116. एंटीबायोटिक्स अधिकांशतया प्राप्त होते हैं -
- C. जीवाणुओं से
- D. आवृतबीजियों से
- B. विषाणुओं से
- A. कवकों से
व्याख्या: हालांकि पेनिसिलिन जैसे कुछ एंटीबायोटिक्स कवक से प्राप्त होते हैं, लेकिन अधिकांश एंटीबायोटिक्स स्ट्रेप्टोमाइसिस जैसे मिट्टी में पाए जाने वाले जीवाणुओं से प्राप्त होते हैं।
117. ब्रायोफाइटस में सम्मिलित है -
- C. लिवरवर्ट एवं मौस
- B. मौस एवं फर्न
- A. लिवरवर्ट एवं फर्न
- D. इनमे से कोई नहीं
व्याख्या: ब्रायोफाइट्स में लिवरवर्ट्स, हॉर्नवर्ट्स और मॉस शामिल हैं।
118. बीजों की प्रकृति किसमे उत्पन्न हुई ?
- D. टेरीडोफाइट्स
- C. ब्रायोफाइटस में
- B. कवक
- A. शैवाल
व्याख्या: बीज की आदत का विकासवादी अग्रदूत, जिसे विषमबीजाणुता (heterospory) कहते हैं, सबसे पहले टेरिडोफाइट्स (फर्न) में देखा गया।
119. निम्नलिखित में से किस्मे एन्जाइम्स नहीं होते हैं?
- D. जीवाणु
- A. शैवाल
- B. विषाणुओं से
- C. लाइकेन
व्याख्या: विषाणुओं में अपनी स्वयं की चयापचय प्रणाली नहीं होती है और उनमें एंजाइमों का अभाव होता है; वे अपनी प्रतिकृति के लिए मेजबान कोशिका के एंजाइमों का उपयोग करते हैं।
120. सरगासो (Sargasso) समुद्र का नाम पड़ा -
- B. आवृतबिजीयों के कारण
- A. कवकों के कारण
- D. ब्रायोफाईटा के कारण
- C. शैवालों के कारण
व्याख्या: सरगासो सागर का नाम सरगसुम नामक एक प्रकार के मुक्त-तैरने वाले भूरे शैवाल के नाम पर रखा गया है जो वहां बड़ी मात्रा में पाया जाता है।