51. कीटों द्वारा परागित फूलों के परागकण _____ होते हैं?
- D. बड़े और दिखने वाले
- A. चिकने और शुष्क
- B. रुक्ष और चिपचिपे
- C. रुक्ष और शुष्क
व्याख्या: कीट-परागित फूलों के परागकण अक्सर खुरदरे और चिपचिपे होते हैं ताकि वे आसानी से कीट के शरीर से चिपक सकें और दूसरे फूल तक पहुंच सकें।
52. बीजरहित फल प्राप्त किया जा सकता है ?
- D. पादपों को चमकदार प्रकाश में रखकर
- A. विकरों (enzymes) के व्यवहार द्वारा
- B. हार्मोन्स के व्यवहार द्वारा
- C. पादपों को 70०C पर रखकर
व्याख्या: ऑक्सिन जैसे पादप हार्मोन का उपयोग करके बिना निषेचन के अंडाशय को फल में विकसित होने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जिससे बीजरहित फल बनते हैं।
53. निम्नलिखित में से कौन-सा विश्व का सबसे बड़ा पुष्प है ?
- C. रेफ्लेशिया
- B. सूर्यमुखी
- D. ग्लोरी लिली
- A. कमल
व्याख्या: रैफ्लेशिया अर्नोल्डी दुनिया का सबसे बड़ा व्यक्तिगत फूल है, जिसका व्यास 1 मीटर तक हो सकता है।
54. फूलगोभी में पौधे का उपयोगी भाग कौन-सा है ?
- A. भूमिगत डंक
- C. ताजा पुष्प समूह
- D. पत्ते
- B. जड़
व्याख्या: फूलगोभी का खाया जाने वाला सफेद भाग वास्तव में एक अपरिपक्व और संघनित पुष्पक्रम (पुष्प समूह) होता है।
55. जड़ के किस भाग में सर्वाधिक वृद्धि होती है ?
- A. मूल शीर्ष के ठीक पीछे
- B. मूल शीर्ष में
- D. अन्धकार में
- C. प्रकाश में
व्याख्या: जड़ की सबसे तेज वृद्धि 'दीर्घीकरण क्षेत्र' में होती है, जो मूल शीर्ष (root cap) के ठीक पीछे स्थित होता है।
56. पके हुए आम खाने योग्य आकारिकीय भाग होता है -
- C. अंत: फलभिती
- B. मध्य फलभीती
- D. फलभिती
- A. बाह्य फलभिती
व्याख्या: आम के फल में, खाने योग्य गूदेदार हिस्सा मध्य फलभित्ति (mesocarp) होता है।
57. निषेचन के पश्चात बीजों के बीजवरण विकसित होते हैं-
- C. विभाग से
- D. बीजाण्ड से
- B. भ्रूणपोष से
- A. अध्यावरणों से
व्याख्या: निषेचन के बाद, बीजांड के अध्यावरण (integuments) कठोर होकर बीज के सुरक्षात्मक आवरण (बीजवरण) का निर्माण करते हैं।
58. सामान्यत: अंकुरण के लिए किसकी आवश्यकता नहीं होती है ?
- C. हवा
- B. जल
- D. ताप
- A. प्रकाश
व्याख्या: अधिकांश बीजों के अंकुरण के लिए जल, उपयुक्त ताप और ऑक्सीजन (हवा) की आवश्यकता होती है। प्रकाश की आवश्यकता आमतौर पर अंकुरण के बाद होती है।
59. जो परागण बंद पुष्पों में होता है , कहलाता है -
- A. क्लीस्टोगैमी
- B. एलोगैमी
- D. इमसे से कोई नहीं
- C. ऑटोगैमी
व्याख्या: क्लिस्टोगैमी एक प्रकार का स्व-परागण है जो उन फूलों में होता है जो कभी नहीं खुलते हैं, जिससे पर-परागण की कोई संभावना नहीं रहती है।
60. श्वसन मूल मिलती है -
- A. पान में
- D. मक्का में
- C. जुसिया में
- B. चेस्टनट में
व्याख्या: जूसिया जैसे कुछ जलीय पौधों में, गैसीय विनिमय में सहायता के लिए स्पंजी श्वसन जड़ें विकसित होती हैं।