31. नवरत्न आभूषण है-
- A. गले का
- B. दांत का
- C. नाक का
- D. बाजू का
व्याख्या: नवरत्न एक प्रकार का बाजूबंद होता है जिसमें नौ अलग-अलग रत्न जड़े होते हैं।
32. निम्नलिखित में से गलत युग्म की पहचान कीजिए -
- A. मस्तक: बोरला
- B. गला: तिमणिया
- C. कमर: गोखरू
- D. कान: सुरलिया
व्याख्या: गोखरू हाथ की कलाई पर पहना जाने वाला आभूषण है, न कि कमर पर। अन्य सभी युग्म सही हैं।
33. निम्नलिखित में से कौनसा (आभूषण- मानव अंग) सुमेलित नहीं है -
- A. तगड़ी - कमर
- B. रमझोल - कलाई
- C. सुरलिया - कान
- D. तिमणिया - गला
व्याख्या: रमझोल पैरों में पहनी जाने वाली एक प्रकार की पायल है, इसे कलाई पर नहीं पहना जाता। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
34. निम्नलिखित में से कौन-सी राजस्थानी महिलाओं की वेशभूषा नहीं है -
- A. लहरिया
- B. बन्धेज
- C. पटका
- D. चूंदड़ी
व्याख्या: पटका पुरुषों द्वारा कमर पर बांधा जाने वाला एक वस्त्र (कमरबंद) है। लहरिया, बंधेज और चूंदड़ी महिलाओं की ओढ़नी या साड़ी के प्रकार हैं।
35. राजस्थान में, 'तिमारिया' आभूषण शरीर के किस हिस्से में पहना जाता है -
- A. हाथ
- B. कमर
- C. गर्दन
- D. सिर
व्याख्या: तिमारिया या तिमणिया, गर्दन में पहना जाने वाला एक प्रसिद्ध राजस्थानी हार है।
36. ‘बुलाक’आभूषण मानव शरीर के किस भाग पर धारण किया जाता है -
- A. नाक
- B. हाथ
- C. गर्दन
- D. कमर
व्याख्या: बुलाक नाक के निचले हिस्से (नथुने के बीच की दीवार) में पहना जाने वाला एक छोटा आभूषण है।
37. निम्न में से कौनसा आभूषण महिलाओं द्वारा गले में पहना नहीं जाता है-
- A. तिमणियां
- B. हंसली
- C. हथपान
- D. चम्पाकली
व्याख्या: हथपान हाथ में पहना जाने वाला आभूषण है जो हाथ के पंजे को ढकता है और एक अंगूठी से जुड़ा होता है। अन्य सभी गले के आभूषण हैं।
38. नवजात पुत्री की माँ को किस रंग का पोमचा दिया जाता है -निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
- A. नारंगी
- B. गुलाबी
- C. पीला
- D. बैंगनी (लैवेन्डर)
व्याख्या: परंपरा के अनुसार, पुत्री के जन्म पर माँ को गुलाबी रंग का पोमचा और पुत्र के जन्म पर पीले रंग का पोमचा दिया जाता है।
39. ‘चोप’ नामक आभूषण पहना जाता है -
- A. कलाई में
- B. मस्तक पर
- C. नाक में
- D. गर्दन में
व्याख्या: चोप नाक में पहनी जाने वाली एक कील या पिन है, जबकि 'चूँप' दांत का आभूषण है।
40. राजस्थान में स्त्रियों द्वारा लहरिया किस अवसर पर पहना जाता है -
- A. कजली तीज पर
- B. आखा तीज पर
- C. रामनवमी पर
- D. सावनी तीज पर
व्याख्या: लहरिया, जिसकी धारियां लहरों जैसी होती हैं, मानसून के आगमन का प्रतीक है और इसे विशेष रूप से श्रावण मास में आने वाली तीज (सावनी तीज) पर पहना जाता है।