91. “कंत घरे किम आविया, तेहां रौ घण त्रास।लहँगे मूझ लुकीजियै, बैरी रौ न विसास॥”उपरोक्त दोहा _____ द्वारा लिखा गया था।
- A. जोधराज
- B. सूर्यमल मिश्रण
- C. चंद बरदाई
- D. दलपत विजय
व्याख्या: यह दोहा महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण की प्रसिद्ध कृति 'वीर सतसई' से लिया गया है, जो वीरता और शौर्य की भावना को दर्शाता है।
92. सूरज प्रकाश ग्रंथ में किस राज्य के शासकों की जानकारी मिलती है -
- A. जैसलमेर
- B. जोधपुर
- C. चित्तौड़गढ़
- D. बीकानेर
व्याख्या: 'सूरज प्रकाश' की रचना कवि करणीदान ने की थी। इसमें जोधपुर (मारवाड़) के राठौड़ वंश के शासकों, विशेषकर महाराजा अभय सिंह की उपलब्धियों का वर्णन है।
93. ‘हम्मीर हठ’ नामक ग्रन्थ किसने लिखा -
- A. चन्द्रशेखर
- B. केशवदेव
- C. दलपत
- D. जोधराज
व्याख्या: चंद्रशेखर ने रणथंभौर के चौहान शासक हम्मीर देव के शौर्य और हठ पर आधारित ग्रंथ 'हम्मीर हठ' की रचना की थी।
94. निम्न में से किस रचना में अमीर खुसरो ने चित्तौड़ पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का वर्णन किया है -
- A. खाजाइन-उल-फुतूह
- B. नूह-ए-सिपेहर
- C. तुगलकनामा
- D. मिफ्ता-उल-फुतूह
व्याख्या: अमीर खुसरो, जो इस आक्रमण के समय अलाउद्दीन खिलजी के साथ था, ने अपनी कृति 'खजाइन-उल-फुतूह' (तारीख-ए-अलाई) में चित्तौड़ आक्रमण का आँखों देखा वर्णन किया है।
95. निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालता है -
- A. कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
- B. जगन्नाथ राय प्रशस्ति
- C. राज प्रशस्ति
- D. राय सिंह प्रशस्ति
व्याख्या: कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति (1460 ई.) में महाराणा कुम्भा की विजयों के साथ-साथ उनकी उपाधियों और उनके द्वारा रचित ग्रंथों का भी उल्लेख मिलता है, जो उनके लेखन पर प्रकाश डालता है।
96. किस अभिलेख में चौहानों को वत्स गोत्र का ब्राहम्ण कहा गया है -
- A. बिजौलिया अभिलेख
- B. चीरवा शिलालेख
- C. घोसुण्डी शिलालेख
- D. सारणेश्वर प्रशस्ति
व्याख्या: 1170 ई. के बिजौलिया अभिलेख में चौहानों की उत्पत्ति वत्स गोत्र के ब्राह्मण से बताई गई है, जो उनके इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
97. निम्न का मिलान करें : पुस्तक लेखक (A) हम्मीर हाथ I चंद्र शेखर(B) हम्मीर महाकाव्य II नयन चंद्र सूरी(C) कान्हड़-दे परबन्धा III जयनक(D) पृथ्वीराज विजय IV पद्मनाभ
- A. A-I, B-II, C-III, D-IV
- B. A-II, B-I, C-III, D-IV
- C. A-II, B-I, C-IV, D-III
- D. A-I, B-II, C-IV, D-III
व्याख्या: सही मिलान है: हम्मीर हठ - चंद्रशेखर, हम्मीर महाकाव्य - नयनचंद्र सूरी, कान्हड़दे प्रबन्ध - पद्मनाभ, और पृथ्वीराज विजय - जयानक।
98. कौन पृथ्वीराज चौहान तृतीय का दरबारी विद्वान नहीं था -
- A. विद्यापति गौड़
- B. वागीश्वर जर्नादन
- C. विश्वरूप
- D. सारंगधर
व्याख्या: विद्यापति गौड़, वागीश्वर जनार्दन और विश्वरूप पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी विद्वान थे, जबकि सारंगधर का संबंध हम्मीर देव चौहान से है।
99. राजस्थान के कौन से ताम्रपत्र से रानी कर्मवती द्वारा जौहर के प्रमाण मिलते हैं -
- A. आहड ताम्रपत्र
- B. खेरोदा ताम्रपत्र
- C. पुर ताम्रपत्र
- D. चीकली ताम्रपत्र
व्याख्या: पुर ताम्रपत्र (1535 ई.) एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत है जो गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण के समय रानी कर्मावती द्वारा किए गए जौहर से पहले दिए गए भूमि-अनुदान का प्रमाण प्रस्तुत करता है।
100. निम्नलिखित में से कौन-सा मण्डोर के प्रतिहारों के इतिहास की जानकारी देता है -
- A. सम्भोली अभिलेख
- B. घटियाला अभिलेख
- C. बीजापुर अभिलेख
- D. अरभुना अभिलेख
व्याख्या: घटियाला (जोधपुर) से प्राप्त अभिलेख मंडोर के प्रतिहार शासकों, विशेष रूप से कक्कुक के बारे में जानकारी का एक प्रमुख स्रोत है।