adyayan

राजस्थान के इतिहास के प्रमुख स्रोत

राजस्थान इतिहास - राजस्थान के इतिहास के प्रमुख स्रोत
SORT BY ▾
226. किस अभिलेख में गुर्जर प्रतिहारों को लक्ष्मण के वंशज कहा गया है -
  • A. घटियाला अभिलेख
  • B. जोधपुर अभिलेख
  • C. ग्वालियर अभिलेख
  • D. दौलतपुर अभिलेख
Answer: मिहिर भोज के ग्वालियर अभिलेख में गुर्जर-प्रतिहार वंश की उत्पत्ति भगवान राम के भाई लक्ष्मण से बताई गई है।
227. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –लेखक(a) जयानक(b) नयनचन्द्र सूरी(c) चन्द्रशेखर(d) हरिभद्र सूरीकृति(i) हम्मीर महाकाव्य(ii) समराइच्चकहा(iii) पृथ्वीराज विजय(iv) सुर्जन चरित्रकूट –
  • A. a-(i), b-(ii), c-(iii), d-(iv)
  • B. a-(iv), b-(iii), c-(ii), d-(i)
  • C. a-(iii), b-(iv), c-(ii), d-(i)
  • D. a-(iii), b-(i), c-(iv), d-(ii)
Answer: सही मिलान है: जयानक - पृथ्वीराज विजय, नयनचन्द्र सूरी - हम्मीर महाकाव्य, चन्द्रशेखर - सुर्जन चरित्र, और हरिभद्र सूरी - समराइच्चकहा।
228. भारत का प्रथम ‘डिजिटल आर्काइव’ राजस्थान के किस शहर में स्थित है-
  • A. जोधपुर
  • B. जयपुर
  • C. बीकानेर
  • D. उदयपुर
Answer: राजस्थान राज्य अभिलेखागार, जो बीकानेर में स्थित है, को भारत का पहला डिजिटल आर्काइव (पुरालेख) होने का गौरव प्राप्त है।
229. ‘नैणसी री ख्यात’ के लेखक मुँहणोत नैणसी किस शासक के दीवान थे -
  • A. महाराजा जसवन्तसिंह प्रथम
  • B. राव जोधा
  • C. महाराणा कुंभा
  • D. सवाई जयसिंह
Answer: मुहणोत नैणसी मारवाड़ (जोधपुर) के महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के दीवान (मंत्री) थे।
230. ‘दस्तूर कौमवार’ में राजस्थान के किस राज्य से सम्बन्धित वर्णन मिलता है -
  • A. बीकानेर
  • B. जयपुर
  • C. उदयपुर
  • D. कोटा
Answer: 'दस्तूर कौमवार' जयपुर राज्य के वे ऐतिहासिक रिकॉर्ड हैं, जिनमें विभिन्न जातियों के रीति-रिवाजों और सामाजिक नियमों का उल्लेख मिलता है।
231. निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख शाकम्भरी चौहानों के प्रारंभिक इतिहास का अच्छा स्रोत है -
  • A. चीरवा अभिलेख
  • B. बिजोलिया अभिलेख
  • C. घटियाला अभिलेख
  • D. मानमोरी अभिलेख
Answer: शाकम्भरी (सांभर) के चौहानों के शुरुआती इतिहास और उनकी वंशावली की जानकारी के लिए बिजौलिया शिलालेख सबसे महत्वपूर्ण और विश्वसनीय स्रोत है।
232. निम्नलिखित में से कौन ‘वंश भास्कर’ का लेखक है -
  • A. सूर्यमल्ल मिश्रण
  • B. श्यामलदास
  • C. पृथ्वीराज राठौड़
  • D. दादू दयाल
Answer: 'वंश भास्कर' के रचयिता बूंदी के राजकवि सूर्यमल्ल मिश्रण हैं, यह ग्रंथ डिंगल-पिंगल शैली में लिखा गया है।
233. सूर्यमिल मिश्रण कहा के दरवारी कवि थे -
  • A. जोधपुर
  • B. बूंदी
  • C. बीकानेर
  • D. जयपुर
Answer: महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण हाड़ा शासकों की राजधानी बूंदी के दरबारी कवि थे, विशेषकर महाराव राम सिंह के शासनकाल में।
234. ललित - विग्रह राज नाटक का लेखक सोमदेव किस चौहान शासक का राजकवि था -
  • A. पृथ्वीराज I
  • B. अर्णोराज
  • C. जग्गदेव
  • D. विग्रहराज IV
Answer: सोमदेव, 'ललित विग्रहराज' नाटक के लेखक, चौहान सम्राट विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव) के राजकवि थे।
235. निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे युग्म सही सुमेलित है/हैं -ग्रंथ - लेखक(अ) राजरूपक - कवि वीरभाण(ब) सूरज प्रकाश - करणीदान(स) रामरंजाट - सूर्यमल्ल मिश्रणकूट -
  • A. केवल (अ)
  • B. (अ), (ब) और (स)
  • C. केवल (ब)
  • D. (अ) और (ब)
Answer: दिए गए सभी युग्म सही हैं: राजरूपक की रचना वीरभाण ने, सूरज प्रकाश की करणीदान ने और रामरंजाट की सूर्यमल्ल मिश्रण ने की थी।
236. मेवाड में गुहीलवंशीय राणाओं की वंशावली किस रचना में मिलती है -
  • A. जसवंत रासो
  • B. हम्मीर रासो
  • C. विजयपाल रासों
  • D. खुमान रासो
Answer: दलपत विजय द्वारा रचित 'खुमान रासो' में मेवाड़ के गुहिल वंशीय शासकों, विशेषकर बप्पा रावल से लेकर राजसिंह तक की वंशावली का वर्णन मिलता है।
237. “इकतीसंदा” रूपया राजस्थान की कौनसी टकसाल में बनता था-
  • A. जोधपुर
  • B. सोजत
  • C. कुचामन
  • D. मेड़ता
Answer: ‘इकतीसंदा’ रुपया मारवाड़ की कुचामन टकसाल में बनाया जाता था। इसका नाम शासक के शासनकाल के 31वें वर्ष में जारी होने के कारण पड़ा।
238. कविराज श्यामलदास द्वारा प्रसिद्ध इतिहास ग्रंथ का क्या नाम है -
  • A. वंश भास्कर
  • B. वीर-विनोद
  • C. मेवाड़ राज्य का इतिहास
  • D. सूरज-प्रकाश
Answer: कविराज श्यामलदास ने 'वीर-विनोद' नामक वृहद इतिहास ग्रंथ की रचना की, जो मुख्य रूप से मेवाड़ के इतिहास पर केंद्रित है।
239. ‘कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति’ का लेखक कौन है -
  • A. महेश
  • B. रणछोड़
  • C. श्याम
  • D. समर
Answer: कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति की रचना कवि अत्रि ने शुरू की थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र कवि महेश ने इसे पूरा किया।
240. राजस्थान में वैष्णव-धर्म का प्राचीनतम अभिलेख कहाँ से प्राप्त हुआ है -
  • A. घोसुण्डी
  • B. नान्दसा
  • C. बर्नाला
  • D. मण्डोर
Answer: चित्तौड़गढ़ के पास स्थित घोसुण्डी का शिलालेख राजस्थान में वैष्णव या भागवत धर्म का सबसे पुराना अभिलेखिक प्रमाण माना जाता है।
241. अभिलेख जो प्राचीन भारत में भागवत सम्प्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है -
  • A. घटियाला अभिलेख
  • B. हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
  • C. बुचकला अभिलेख
  • D. घोसुण्डी अभिलेख
Answer: घोषुण्डी अभिलेख में संकर्षण और वासुदेव (भगवान विष्णु के रूप) की पूजा का उल्लेख है, जो इस क्षेत्र में भागवत सम्प्रदाय के प्राचीन प्रभाव को सिद्ध करता है।
242. अमरकाव्य वंशावली का लेखक कौन है -
  • A. जीवाधर
  • B. जगजीवन भट्ट
  • C. सदाशिव भट्ट
  • D. रणछोड़ भट्ट
Answer: 'अमरकाव्य वंशावली' के लेखक रणछोड़ भट्ट हैं, जिन्होंने 'राज प्रशस्ति' की भी रचना की थी। इसमें मेवाड़ के शासकों का वर्णन है।
243. निम्न में से सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित नहीं है -
  • A. ललित ललाम
  • B. वीर सतसई
  • C. रामरंजाॅट
  • D. छंदोमयूख
Answer: 'ललित ललाम' प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि मतिराम की रचना है, जबकि वीर सतसई, रामरंजाट और छंदोमयूख सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित हैं।
244. जाबर शिलालेख में किसकी पुत्री रमाबाई को वागीश्वरी कहा गया है -
  • A. राणा लाखा
  • B. राणा सांगा
  • C. राणा कुम्भा
  • D. राणा प्रताप
Answer: महाराणा कुम्भा की पुत्री रमाबाई संगीत और साहित्य में बहुत निपुण थीं, जिस कारण जावर शिलालेख में उन्हें 'वागीश्वरी' (वाणी की देवी) कहा गया है।
245. अजमेर में “राजपूताना संग्रहालय” का पहला संग्रहाध्यक्ष किस को बनाया गया था -
  • A. गौरीशंकर हीराचंद ओझा
  • B. कविराज श्यामल दास
  • C. बावजी चतुर सिंह
  • D. कोमल कोठारी
Answer: प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरालिपिशास्त्री पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा को अजमेर स्थित राजपूताना संग्रहालय का पहला क्यूरेटर (संग्रहाध्यक्ष) नियुक्त किया गया था।
246. बड़वा ग्राम से प्राप्त यूप स्तम्म अभिलेख किस वंश / गण से संबंधित है -
  • A. मौखरी वंश
  • B. प्रतिहार वंश
  • C. यौधेय गण
  • D. अर्जुनायन गण
Answer: कोटा के पास बड़वा गाँव से मिले यूप (यज्ञ) स्तम्भ अभिलेख मौखरी वंश से संबंधित हैं और यह उनके प्रारंभिक इतिहास पर प्रकाश डालते हैं।
247. बिजौलिया अभिलेख निम्नलिखित में से किसका इतिहास जानने का महत्वपूर्ण स्त्रोत है -
  • A. चौहानों का
  • B. कच्छवाहों का
  • C. गुहिलों का
  • D. राठोड़ों का
Answer: बिजौलिया का शिलालेख चौहान वंश के इतिहास को जानने का एक बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है, इसमें चौहानों को वत्स गौत्रीय ब्राह्मण बताया गया है।
248. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रन्थ जालौर के शासकों की उपलब्धि के बारे में बताता है -
  • A. पृथ्वीराज विजय
  • B. हम्मीर महाकाव्य
  • C. प्रबंधचिन्तामणि
  • D. कान्हड़दे प्रबंध
Answer: पद्मनाभ द्वारा रचित 'कान्हड़दे प्रबंध' में जालौर के शासक कान्हड़दे चौहान और अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए संघर्ष का वीरतापूर्ण वर्णन है।
249. ‘कान्हड़दे प्रबन्ध’ किसके द्वारा रचित है -
  • A. चंदबरदायी
  • B. कल्लोल
  • C. पद्मनाभ
  • D. शालीभद्र सूरी
Answer: 'कान्हड़दे प्रबंध' एक ऐतिहासिक महाकाव्य है जिसकी रचना कवि पद्मनाभ ने जालौर के शासक अखैराज के दरबार में की थी।
250. निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है -
  • A. वंश भास्कर - सूर्यमल्ल मीसण
  • B. कुवलयमाला - उद्योतन सूरी
  • C. पृथ्वीराज विजय - चन्दबरदाई
  • D. हम्मीर महाकाव्य - नयनचन्द्र सूरी
Answer: 'पृथ्वीराज विजय' की रचना जयानक ने की थी, जबकि 'पृथ्वीराज रासो' की रचना चन्दबरदाई ने की थी। अन्य सभी युग्म सही हैं।