101. निम्नलिखित में से कौनसा सोमेश्वर के इतिहास का स्त्रोत है -
- A. नेणसी की ख्यात
- B. गीत गोविन्द
- C. पृथ्वी राज विजय
- D. हम्मीर गाथा
व्याख्या: जयानक द्वारा रचित 'पृथ्वीराज विजय' में पृथ्वीराज चौहान तृतीय के साथ-साथ उनके पिता सोमेश्वर के शासनकाल और इतिहास की भी जानकारी मिलती है।
102. ‘पृथ्वीराज विजय’ का लेखक कौन था -
- A. चंदबरदाई
- B. जयानक
- C. नयनचन्द सूरी
- D. मलिक मुहम्मद जायसी
व्याख्या: जयानक भट्ट, पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी कवि थे, जिन्होंने संस्कृत महाकाव्य 'पृथ्वीराज विजय' की रचना की थी।
103. बिजौलिया अभिलेख किस भाषा में है -
- A. प्राकृत
- B. संस्कृत
- C. पाली
- D. मारवाड़ी
व्याख्या: 1170 ई. का बिजौलिया अभिलेख संस्कृत भाषा में लिखा गया है और यह चौहानों के इतिहास के अध्ययन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है।
104. जिस ‘बही’ में राजा की दैनिक चर्या का उल्लेख होता है उसे क्या कहा जाता है -
- A. खरीता बही
- B. हकीकत बही
- C. कमठाना बही
- D. हुकुमत बही
व्याख्या: रियासती रिकॉर्ड में, 'हकीकत बही' में राजा की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों, यात्राओं और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का लेखा-जोखा रखा जाता था।
105. मौखरी यूप अभिलेख (238 ई.) निम्न में से कहाँ से प्राप्त हुए हैं -
- A. बरनाला
- B. बैराठ
- C. बड़वा
- D. बहली
व्याख्या: मौखरी वंश से संबंधित यूप (यज्ञ स्तंभ) अभिलेख कोटा के बड़वा नामक स्थान से प्राप्त हुए हैं, जो उनके द्वारा किए गए यज्ञों का प्रमाण हैं।
106. पृथ्वीराज विजय किसकी रचना है -
- A. नयनचन्द्र सूरि
- B. जयानक
- C. चन्द्रशेखर
- D. मेरूतुंग
व्याख्या: 'पृथ्वीराज विजय' के लेखक जयानक थे, जो पृथ्वीराज चौहान तृतीय के राजकवि थे। यह ग्रंथ संस्कृत भाषा में है।
107. किस शिलालेख में चौहानों को वत्सगोत्र के ब्राह्मण कहा गया है -
- A. बिजौलिया का शिलालेख
- B. रणकपुर प्रशस्ति में
- C. चीरवे का शिलालेख
- D. भृंगी ऋषि का शिलालेख
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.) में चौहान वंश के शासकों को 'वत्सगोत्रीय ब्राह्मण' बताया गया है, जो उनकी उत्पत्ति का एक महत्वपूर्ण साक्ष्य माना जाता है।
108. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए -पुस्तक लेखकअ. हम्मीर हठ 1. चन्द्रशेखरब. हम्मीर महाकाव्य 2. नयन चन्द्र सूरीस. कान्हड़ दे-प्रबन्ध 3. जयानकद. पृथ्वीराज विजय 4. पद्मनाभअ, ब, स, द
- A. 1, 2, 3, 4
- B. 2, 1, 3, 4
- C. 2, 1, 4, 3
- D. 1, 2, 4, 3
व्याख्या: सही सुमेलन इस प्रकार है: हम्मीर हठ - चन्द्रशेखर, हम्मीर महाकाव्य - नयन चन्द्र सूरी, कान्हड़ दे-प्रबन्ध - पद्मनाभ, पृथ्वीराज विजय - जयानक।
109. ‘बीकानेर के राठौड़ री ख्यात’ के लेखक कौन थे -
- A. सूरजभान
- B. नैणसी
- C. कविमान
- D. दयालदास
व्याख्या: दयालदास सिढायच ने 'बीकानेर के राठौड़ री ख्यात' की रचना की थी, जो बीकानेर के राठौड़ वंश का एक विस्तृत ऐतिहासिक विवरण है।
110. चिरवा शिलालेख किस राजवंश के शासकों का उल्लेख करता है -
- A. मारवाड़ के राठौड़ शासकों का
- B. मेवाड़ के गुहिल शासकों का
- C. आमेर के कछवाहा शासकों का
- D. अजमेर के चौहान शासकों का
व्याख्या: उदयपुर के पास स्थित चिरवा शिलालेख मेवाड़ के गुहिल वंश के शासकों की वंशावली और उनकी उपलब्धियों का वर्णन करता है।