161. ‘दस्तूर कौमबार’ (कोमवार) में किस रियासत से सम्बन्धित वर्णन मिलता है -
- A. बीकानेर
- B. जयपुर
- C. जोधपुर
- D. उदयपुर
व्याख्या: 'दस्तूर कौमवार' जयपुर रियासत के वे रिकॉर्ड हैं जिनमें विभिन्न जातियों और समुदायों के रीति-रिवाजों और सामाजिक स्थिति का लेखा-जोखा रखा जाता था।
162. मानमोरी शिलालेख राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बंधित है ?
- A. मण्डोर
- B. माऊँट आबू
- C. चित्तौड़
- D. पाली
व्याख्या: मानमोरी शिलालेख चित्तौड़ के पास मानसरोवर झील के तट से मिला था। इसमें मौर्य वंश के राजाओं का उल्लेख है। कर्नल टॉड ने इसे इंग्लैंड ले जाते समय समुद्र में फेंक दिया था।
163. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (मुद्राएँ -रियासत) सुमेलित नहीं है -
- A. अखैशाही - जैसलमेर
- B. झाड़शाही - जयपुर
- C. विजयशाही - बीकानेर
- D. गजशाही - जोधपुर
व्याख्या: विजयशाही सिक्के जोधपुर रियासत में चलते थे, न कि बीकानेर में। अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
164. पुस्तक ‘वीर विनोद’ किसके द्वारा लिखी गई थी -
- A. सूर्यमल्ल मिश्रण
- B. केशरी सिंह बारहठ
- C. श्यामल दास
- D. गौरी शंकर ओझा
व्याख्या: मेवाड़ का विस्तृत इतिहास बताने वाली प्रसिद्ध पुस्तक 'वीर विनोद' के लेखक कविराज श्यामलदास थे।
165. ‘कान्हड़ दे प्रबन्ध’ नामक काव्य का लेखक कौन है -
- A. वीरभाण
- B. भट्ट जगजीवन
- C. पं. जीवाधर
- D. पद्मनाभ
व्याख्या: कवि पद्मनाभ ने 'कान्हड़दे प्रबन्ध' की रचना की, जिसमें जालौर के शासक कान्हड़देव के शौर्य और अलाउद्दीन खिलजी के साथ उनके संघर्ष का वर्णन है।
166. राजस्थान में रियासतकालीन सिक्कों के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए -अ. बांसवाड़ा रियासत में ‘सालिमशाही’ सिक्कों का प्रचलन था।ब. मुगलकाल में जैसलमेर में चांदी का ‘मुहम्मदशाही’ सिक्का चलता था।स. प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में ‘आदिवराह’ सिक्के चलाये थे।द. धौलपुर राज्य के सिक्के ‘चमंचाशाही’ कहलाते थे क्योंकि उन पर तमंचे का चिन्ह लगाया जाता था।
- A. केवल ब और स सही हैं।
- B. केवल अ, स और द सही हैं
- C. केवल अ और ब सही हैं।
- D. उपरोक्त सभी सही हैं।
व्याख्या: दिए गए सभी कथन राजस्थान की विभिन्न रियासतों में प्रचलित सिक्कों के बारे में सही जानकारी देते हैं।
167. किस अभिलेख में प्रतिहारों को सौमित्र (लक्ष्मण) उद्भूत हुआ कहा गया है -
- A. ग्वालियर अभिलेख
- B. जोधपुर अभिलेख
- C. उज्जैन अभिलेख
- D. कन्नौज अभिलेख
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में गुर्जर-प्रतिहारों को सूर्यवंशी क्षत्रिय बताते हुए उनकी उत्पत्ति भगवान राम के भाई लक्ष्मण (सौमित्र) से बताई गई है।
168. किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है -
- A. पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
- B. चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
- C. खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
- D. आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
व्याख्या: 1483 ई. का चीकली ताम्रपत्र तत्कालीन समाज में किसानों से लिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों (लाग-बाग) की जानकारी देने वाला एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
169. राजप्रशस्ति का काल है -
- A. 1652 ई.
- B. 1576 ई.
- C. 1676 ई.
- D. 1439 ई.
व्याख्या: राजप्रशस्ति महाकाव्य की रचना मेवाड़ के महाराणा राज सिंह के समय 1676 ई. में हुई थी। यह राजसमंद झील की पाल पर 25 शिलाओं पर उत्कीर्ण है।
170. निम्नलिखित में से किस युद्ध को ‘मेवाड़ का मेराथन’ के नाम से जाना जाता है -
- A. खमनौर का युद्ध
- B. गोगुन्दा का युद्ध
- C. दिवेर का युद्ध
- D. हल्दीघाटी का युद्ध
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड ने 1582 ई. में महाराणा प्रताप की मुगलों पर निर्णायक विजय वाले दिवेर के युद्ध को इसकी सामरिक महत्ता के कारण 'मेवाड़ का मैराथन' कहा है।