181. रणकपुर का अभिलेख किस मन्दिर के स्तम्भ पर खुदवाया गया -
- A. चौमुखा मंदिर
- B. शिव मंदिर
- C. लक्ष्मीनागरायण मंदिर
- D. गणेश मंदिर
व्याख्या: रणकपुर प्रशस्ति (1439 ई.) पाली जिले में स्थित रणकपुर के जैन मंदिर, जिसे चौमुखा मंदिर भी कहा जाता है, के एक स्तंभ पर उत्कीर्ण है।
182. रावशाही सिक्कों का संबंध किस राज्य से है -
- A. करौली
- B. भरतपुर
- C. अलवर
- D. धौलपुर
व्याख्या: रावशाही सिक्के अलवर रियासत में प्रचलित थे, जिन्हें वहां के शासकों द्वारा जारी किया गया था।
183. राजस्थान के इतिहास में ‘पट्टा रेख’ से क्या अभिप्राय है -
- A. बेगार प्रथा
- B. विवाह कर
- C. आकलित राजस्व
- D. सैन्य कर
व्याख्या: 'पट्टा रेख' से तात्पर्य उस अनुमानित या आकलित राजस्व से है जो किसी जागीरदार को अपने पट्टे (भूमि) से प्राप्त होता था और जिसके आधार पर वह राज्य को कर चुकाता था।
184. “एनल्स एंड एंटीक्विटीज़ ऑफ राजस्थान” के लेखक का नाम बताइए।
- A. डॉ. गौरीशंकर ओझा
- B. बाबू रामप्रसाद
- C. कर्नल जेम्स टॉड
- D. ज्वाला सहाय
व्याख्या: यह राजस्थान के इतिहास पर सबसे प्रसिद्ध और मौलिक ग्रंथों में से एक है, जिसकी रचना कर्नल जेम्स टॉड ने की थी।
185. निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक गुर्जर प्रतिहार वंश के मिहिर भोज द्वारा रचित नहीं है -
- A. सर्वस्व श्रृंगार प्रकाश
- B. कृत्यकल्पतरू
- C. राजमृडाड
- D. धर्म संग्रह
व्याख्या: मिहिर भोज एक महान विद्वान भी थे, और उन्होंने 'सर्वस्व श्रृंगार प्रकाश', 'कृत्यकल्पतरु' और 'राजमृडाड' जैसी रचनाएँ कीं। 'धर्म संग्रह' उनकी रचना नहीं है।
186. राजस्थान के किस चौहान शासक को जयानक द्वारा अपने ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रन्थ में पृथ्वी को चाँदी की मुद्राओं से भर देने का श्रेय दिया गया है -
- A. पृथ्वीराज प्रथम
- B. अजयराज
- C. अर्णोराज
- D. पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या: जयानक ने अपने ग्रंथ 'पृथ्वीराज विजय' में अजयराज की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि उन्होंने इतने सिक्के चलाए कि मानो पृथ्वी को चाँदी से भर दिया हो।
187. 'राजस्थान का गजेटियर' कहा किसे कहा जाता है -
- A. चेतावनी री चुंगटिया
- B. वेलिक्रसन रूक्मणी री
- C. मारवाड रा परगना री विगत
- D. राजरूपक
व्याख्या: मुहणोत नैणसी द्वारा लिखित 'मारवाड़ रा परगना री विगत' में मारवाड़ के परगनों की विस्तृत जानकारी (राजस्व, भूगोल, आबादी आदि) होने के कारण इसे 'राजस्थान का गजेटियर' कहा जाता है।
188. “मारवाड़ रा परगना री विगत” ग्रंथ लिखा है-
- A. मुंशी देवी प्रसाद
- B. मुहणोत नैणसी
- C. दयालदास
- D. नरहरि दास
व्याख्या: यह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथ मुहणोत नैणसी द्वारा लिखा गया था, जो महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के दीवान थे।
189. बिजौलिया शिलालेख में किस वंश के शासकों की उपलब्धियों का उल्लेख है -
- A. सिसोदिया
- B. चौहान
- C. राठौड
- D. परमार
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख मुख्य रूप से शाकम्भरी (सांभर) के चौहान वंश के शासकों की वंशावली और उनकी उपलब्धियों की जानकारी का एक प्रमुख स्रोत है।
190. किस अभिलेख में उज्जैन के प्रतिहारों को क्षत्रिय कहा गया है -
- A. ओसियां अभिलेख
- B. घटियाला अभिलेख
- C. राष्ट्रकूट अभिलेख
- D. ग्वालियर अभिलेख
व्याख्या: मिहिरभोज के ग्वालियर अभिलेख में प्रतिहारों को क्षत्रिय बताया गया है और उनकी उत्पत्ति लक्ष्मण से मानी गई है।